भारत ने किया ई-वीज़ा शक्ति का विस्तार | 14 Apr 2017
संदर्भ
गौरतलब है कि 1 अप्रैल, 2017 से देश में एक नई उदारवादी ई-वीज़ा व्यवस्था लागू हो गई है। यह दुनिया भर में भारत की यात्रा की योजना बना रहे 161 देशों के नागरिकों के लिये यह एक खुशी का अवसर है। इस नई व्यवस्था के लागू होने के उपरांत अब ऑनलाइन आवेदन करने की निर्धारित अवधि तथा भारत में रहने की अवधि दोनों को एक साथ बढ़ा दिया गया है।
- हालाँकि, यहाँ एक ओर बात के विषय में गौर करने की आवश्यकता है कि भारतीय राजनयिक मिशनों द्वारा वीजा प्रदान करने की परंपरागत प्रक्रिया को भी बंद नहीं किया जाएगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- ध्यातव्य है कि ई-वीज़ा की प्रणाली का विचार बहुत पुराना नहीं है| बल्कि पिछले सात वर्षों से ही यह व्यवस्था चलन में आई है।
- वर्ष 2010 में ही भारत ने पाँच देशों - जापान, सिंगापुर, फिनलैंड, लक्समबर्ग और न्यूजीलैंड के नागरिकों के लिये ही आगमन पर पर्यटक वीज़ा (Tourist Visa on Arrival -TVOA) की शुरूआत की थी।
- इसके एक साल बाद ही भारत सरकार ने कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, फिलीपींस, म्यांमार और इंडोनेशिया के नागरिकों के लिये भी इस योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया।
- इसके पश्चात् वर्ष 2014 में केंद्र में सरकार के बदलने के बाद इस प्रणाली को काफी बढ़ावा मिला।
- भारत की यात्रा को और अधिक सहज अनुभव बनाने के लिये इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार (Electronic Travel Authorization - ETA) से युक्त आगमन पर पर्यटक वीज़ा (TVOA) की सुविधा 27 सितंबर, 2014 से शुरू कर दी गई।
- ध्यातव्य है कि टी.वी.ओ.ए-ई.टी.ए. के अंतर्गत 9 नामित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के माध्यम से भारत में प्रवेश के लिये 43 देशों के नागरिकों को ऑनलाइन पूर्व प्राधिकार (pre-authorization) प्राप्त था। विदित हो कि यह एक एकल प्रवेश वीज़ा है, जो 30 दिनों के लिए वैध होगा।
शुरूआती वीज़ा नीति
- हालाँकि, शुरुआत में टी.वी.ओ.ए-ई.टी.ए. का नामकरण भी भ्रम से भरा था। वस्तुतः अनेक पर्यटक यह मानते थे कि वीज़ा हवाई अड्डे पर उतरने पर दिया जाएगा, जिसका परिणाम यह हुआ कि कुछ पर्यटक ऑनलाइन आवेदन किये बिना या स्थानीय भारतीय दूतावास से वीज़ा प्राप्त किये बिना ही यहाँ आ गए।
- इस समस्त घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए देश की नीति के अनुरूप एक नए नाम का गठन करने के लिये गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और आप्रवासन ब्यूरो (बी.ओ.आई.) के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है।
- साथ ही Mygov.in पर इस नाम के बारे में एक प्रतियोगिता का आयोजन करके "ई-टूरिस्ट वीज़ा" को सबसे अच्छे विकल्प के रूप में चुना गया।
- तत्पश्चात् इस योजना को दोबारा ई-टूरिस्ट वीज़ा (ई.टी.वी.) नाम दिया गया, यह नई वीज़ा नीति 15 अप्रैल, 2015 से प्रभावी हो गई।
आँकड़ाबद्ध सूचना
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014, 2015 और 2016 के दौरान विभिन्न उद्दश्यों के लिये भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या क्रमश: 7.68 मिलियन, 8.03 मिलियन और 8.90 मिलियन (अनंतिम) थी।
- इनमें से आगमन पर ई-वीज़ा वाले पर्यटकों की संख्या वर्ष 2014, 2015 और 2016 में क्रमशः 0.39 लाख, 4.45 लाख और 10.80 लाख रही।
अन्य महत्त्वपूर्ण पक्ष
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापार को आसान बनाने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा विदेशी मुद्रा की आय में वृद्धि करने के लिहाज से 30 नवंबर, 2016 को वीज़ा व्यवस्था को पहले की अपेक्षा अधिक उदार, सरल और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया।
- इसे नई वीज़ा व्यवस्था को अभी हाल ही में 1 अप्रैल से लागू किया गया है। अब ई-वीज़ा में पर्यटक, व्यापार, चिकित्सा, रोज़गार, इंटर्न वीज़ा और फिल्म वीज़ा जैसी कईं नई श्रेणियों को भी स्थान दिया गया हैं।
- विभिन्न देशों के क्रूज़ पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिये अब ई-वीज़ा सुविधा 24 हवाई अड्डों के साथ-साथ 3 बंदरगाहों (कोचीन, गोवा और मैंगलोर) के माध्यम से भारत में प्रवेश के लिये 161 देशों के नागरिकों के लिये उपलब्ध कराई जा रही है।
- गौरतलब है कि बहुत जल्द मुंबई और चेन्नई बंदरगाहों को भी ई-वीज़ा सुविधा के तहत शामिल किया जाएगा।
- ई-वीज़ा योजना के तहत आवेदन की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है। ताकि पर्यटक अपनी यात्रा की योजना को बेहतर ढंग से तैयार कर सकें।
- ई-पर्यटक, ई-व्यापार वीज़ा पर दोहरे प्रवेश तथा ई-चिकित्सा वीज़ा पर तिहरे प्रवेश के साथ भारत में रूकने की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिनों तक कर दिया गया है।
- चिकित्सा के लिये बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे कुछ भारतीय हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिये अलग से आव्रजन काउंटर और सुविधा डेस्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- ध्यातव्य है कि अब अधिकांश देशों के नागरिक पाँच वर्ष की अवधि के लिये पर्यटन और व्यापार उद्देश्यों के लिये बहु प्रवेश वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं। तत्काल जरूरत वाले मामलों में आवेदन के 48 घंटों के भीतर व्यापार और चिकित्सा वीज़ा प्रदान किये जा सकते हैं।
- बायोमेट्रिक नामांकन सुविधा वाले 94वीं भारतीय मिशनों ने 1 मार्च, 2017 से 5 साल के बहु प्रवेश वाले वीज़ा जारी करने शुरू भी कर दिये हैं। बाकी राजनयिक मिशनों में भी आने वाले समय में जल्द ही ऐसा होने की संभावना है।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि नई वीज़ा व्यवस्था से भारत के एक अधिक अनुकूल पर्यटन स्थल के रूप में उभरने की संभावना है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा, जिसमें विदेशी निवेशकों को अनेकों बार भारत यात्रा करने की जरूरत पड़ेगी। यह योजना डिजिटल इंडिया के विज़न के भी समरूप है। इस कदम से राजनयिक मिशनों का मैन्युअल भार भी कम होने की संभावना है। मिशनों की वीज़ा खिड़कियाँ उन पर्यटकों के लिये खुली रहेंगी, जो ऑफ़लाइन की पद्धति से आवेदन करना चाहते हैं, लेकिन दुनिया के विभिन्न देश ई-वीज़ा विकल्प के मार्ग को चुन रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि भारत ने समय के अनुसार कदम उठाने का निर्णय लिया है जो कि एक प्रशंसनीय कदम है।