2018-19 में भारत की आर्थिक विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान : एडीबी | 12 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank - ADB) द्वारा भारत की आर्थिक संवृद्धि दर के बारे में एक वक्तव्य जारी किया है। एडीबी के अनुसार 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर में सुधार होने का अनुमान है, यह वर्तमान स्तर 7.3 प्रतिशत से बढ़कर अगले वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत रहेगी।
एडीबी के अनुसार
- एडीबी का अनुमान है कि जीएसटी के कारण उत्पादन में होने वाली वृद्धि तथा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के परिणामस्वरूप निवेश से आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी।
- वर्ष 2016 में सरकार द्वारा लिये गए विमुद्रीकरण के निर्णय, वर्ष 2017 में जीएसटी (Goods and Services Tax - GST) लागू होने के बाद व्यापारियों को इस नई व्यवस्था से तालमेल स्थापित करने में लगने वाले समय और कृषि क्षेत्र में निरंतर छाई मंदी के कारण पिछले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर मात्र 6.6 प्रतिशत पर ही सिमट गई थी।
- एडीबी की एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (Asian Development Outlook - ADO) 2018 रिपोर्ट के अनुसार, गत वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 प्रतिशत रही है, जिसकी प्रमुख वज़ह नोटबंदी (8 नवंबर 2016) और वस्तु एवं सेवा कर (1 जुलाई 2017) के कारण व्यापारिक गतिविधियों में उत्पन्न हुए व्यवधान को माना जा सकता है।
- वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत रही।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार को लेकर जोखिम की स्थिति काफी उच्च बनी हुई है। इसकी प्रतिक्रिया में की गई कार्रवाई से भविष्य में एशियाई क्षेत्र की वृद्धि दर प्रभावित हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) के अनुसार
- गौरतलब है कि भारत की आर्थिक विकास दर के विषय में रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा भी यही अनुमान व्यक्त किया गया है। हालाँकि, भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में भी आर्थिक विकास की दर 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।
- स्पष्ट रूप से भारत एशिया की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालाँकि, पिछले कुछ समय से बैंकिंग प्रबंधन, एनपीए और कच्चे तेल के बढ़ते दाम जैसे मुद्दे प्रभाव में बने हुए हैं।
- इसके साथ-साथ हाल ही में अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने संबंधी निर्णय के बाद भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि इसका प्रभाव देश की आर्थिक संवृद्धि दर पर परिलक्षित न हो।
एशियाई विकास बैंक
- एशियाई विकास बैंक एक बहुपक्षीय वित्तीय संस्था है। इस बैंक की स्थापना एशिया और प्रशांत क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 1966 में की गई थी, जिसका मुख्यालय फिलीपींस के मनीला में स्थित है।
- यह बैंक क्षेत्रीय, उप-क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय परियोजनाओं को प्राथमिकता देता है।
- सामाजिक और पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं को सहायता प्रदान करने पर बैंक का विशेष ध्यान रहता है।
- एशियाई विकास बैंक में मतदान व्यवस्था विश्व बैंक के अनुरूप है, जहाँ मत विभाजन सदस्य राष्ट्रों की पूंजी के अनुपात में होता है।
- एशियाई विकास बैंक संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक पर्यवेक्षक भी है।
एडीबी की प्रमुख गतिविधियाँ हैं:
- विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिये वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना।
- आर्थिक विकास के लिये लोक एवं निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहन देना।
- विकासशील सदस्य-राष्ट्रों की विकास योजनाओं और नीतियों के समन्वय में सहायता प्रदान करना।