नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत विश्व स्तर पर स्टेम कोशिकाओं की सबसे बड़ा संकलनकर्ता बन सकता है

  • 10 Mar 2017
  • 5 min read

सन्दर्भ :

एक निवारक स्वास्थ्य देखभाल सेवा कंपनी ( preventive healthcare services company) नाभिरज्जु की स्टेम कोशिकाओं और ऊतकों (umbilical cord stem cells and tissue) को सुरक्षित करने के लिए एक बैंक का आरम्भ कर रही है| जिसमे इस बैंक का उपयोग केवल स्टेम सेल दाता और उसके परिवार द्वारा ही नहीं बल्कि अन्य समुदायों के सदस्यों द्वारा भी किया जा सकेगा | संभवतः यह विशव में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है |

प्रमुख बिंदु

  • परंपरागत रूप से जब नाभिरज्जु (umbilical cord) को काटा जाता है तो इसे परिरक्षित (banked) कराकर इसकी स्टेम कोशिकाओं और ऊतकों का उपयोग बच्चे के सम्पूर्ण जीवनकाल के दौरान आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के निवारण में किया जा सकता है| यदि स्टेम कोशिकाएँ बच्चे के भाई-बहनों मेल खाती हैं तो वे उनके लिए भी उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं |
  • स्टेम कोशिकाओं की एक श्रृंखला का सृजन करने तथा एक समान स्टेम कोशिकाओं के स्रोत की चुनौतियों से निपटने के लिये चेन्नई स्थित लाइफसेल ने बेबी कार्ड की साझा कल्पना एक सामुदायिक स्टेम सेल बैंक के रूप में की है | 
  • वे माता-पिता जो अपने बच्चे की नाभिरज्जु (umbilical cord) को सुरक्षित रखते हैं वे विश्व के किसी भी देश की तुलना में स्टेम कोशिकाओं तक अच्छी पहुँच रख सकेगे |
  • स्टेम, कोशिकाओं का उपयोग 80 प्रकार की चिकित्सकीय परिस्थियों में किया जा सकता है| यह स्टेम सेल के प्रति एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है जहाँ हम उपयोग न करने योग्य संपत्ति को बिना मांग वाले व्यक्ति को दे देते हैं|
  • इस प्रकार का सामुदायिक स्टेम सेल बैंक केवल बच्चे के लिये ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए स्टेम कोशिकाओं को उपलब्ध कराता है क्योंकि यह संभव है कि बच्चे अपने परिवार वालो से मिलते हो|  यह एक सफलता है यद्यपि यह सदस्यों की उस संख्या पर 
  • इसके अतिरिक्त,भारत में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बच्चे जन्म लेते हैं  परन्तु इनमे से अधिकांश बच्चों का जन्म घर में ही होता है|अस्पताल में जितने बच्चों का जन्म होता है उनमे से भी दो % से कम बच्चों के नाभिरज्जु को ही सुरक्षित रखा जाता है|
  • हालाँकि लाइफसेल (LifeCell) आश्वस्त है कि नए माता-पिता(मुख्यतः 25 से 35 वर्ष की आयु के) नाभिरज्जु की स्टेम कोशिकाओं को बचा कर रखने के विषय में अधिक जागरूक हैं तथा वे ऐसा करते भी हैं|
  • नाभिरज्जु की रक्त इकाईयों की सामुदायिक बैंकिंग के माध्यम से भारत में वैश्विक रूप से स्टेम कोशिकाओं की सबसे बड़ी सूची में शामिल होने की क्षमता है | इससे बच्चों,उनके परिवारों ,उनके समुदायों और विश्व में कहीं भी रहा रहे भारतीय मूल के व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिये स्टेम सेल के प्रत्यारोपण से इसकी क्षमता में वृद्धि हो रही है 

स्टेम कोशिकाएँ

स्टेम कोशिकाएं ऐसी मुख्य कोशिकाएं हैं जो विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं जैसे-मस्तिष्क की कोशिकाओं,रक्त कोशिकाओं आदि और अंग के ऊतकों में विकसित हो सकती हैं| इनमें रोगमुक्त होने तथा पुनर्जीवित होने की क्षमता होती है| यह क्षमता उन्हें  थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, लिंफोमा और अन्य कैंसर जैसी परिस्थितियों का उपचार करने के लिए एक आदर्श विलयन बनाती है| नाभिरज्जु स्टेम कोशिकाओं और ऊतक का एक समृद्ध स्रोत हैं| इसलिए अनेक माता-पिता अब नाभिरज्जु को बैंक में जमा करने का विकल्प अपनाते हैं अतः इन जीवन देने वाली स्टेम कोशिकाओं और ऊतकों को भविष्य की बीमारियों की स्थितियों में उपयोग किया जा सकता है|

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow