भारत ने डब्ल्यू.टी.ओ के साथ वार्ता रोकी | 12 May 2017

संदर्भ
हाल ही में, 10 मार्च को भारत ने विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation - WTO) की जनरल काउंसिल में अनुमोदन के लिये लाए गए “निवेश सरलीकरण” (Investment facilitation) के प्रस्ताव पर वार्ता को रोक दिया है| गौरतलब है कि जनरल काउंसिल विश्व व्यापार संगठन की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है| इस समय  द्विवार्षिक मंत्रिमंडलीय बैठक में निवेश से संबंधित 5 प्रस्तावों पर चर्चा के लिये जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं|

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में निवेश से संबंधित एक बहुपक्षीय समझौते पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है|
  • वस्तुतः निवेश संबंधी मुद्दों पर भारत का रुख कई देशों से अलग है| भारत का मानना है कि निवेश से संबंधित बहुपक्षीय समझौता उसकी नीति निर्माण की स्वतंत्रता को कम करेगा|
  • दरअसल, इस सन्दर्भ में भारत का मानना है कि ऐसा कोई भी समझौता 1994 में हुए मराकेश समझौते का उलंघन होगा| मराकेश समझौते में स्पस्ट है कि निवेश से संबंधित विषयों पर समझौता करना विश्व व्यापार संगठन  के अधिकार क्षेत्र से बाहर है| 
  • भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन युगांडा, इक्वाडोर और बोलिविया कर रहे हैं जबकि चीन, रूस, पाकिस्तान, चिली, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन नहीं किया है|
  • फिलहाल जनरल काउन्सिल ने सभी पक्षों से बात करने की वकालत करते हुए अपनी बैठक स्थगित कर दी है|