विश्व में नारियल के उत्पादन और उत्पादकता में भारत अग्रणी राष्ट्र | 02 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2014-18 के बीच देश में नारियल की खेती में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, इसी का परिणाम है कि अब भारत नारियल के उत्पादन और उत्पादकता में विश्व में अग्रणी राष्ट्र बन गया है। यदि आँकड़ों के संदर्भ में बात करें तो वर्ष 2017-18 के दौरान 1602.38 करोड़ रुपए मूल्य के नारियल का निर्यात किया गया था, जबकि इसकी तुलना में आयात केवल 259.70 करोड़ रुपए का हुआ था।
निर्यात में हुई वृद्धि
- नारियल के उत्पादन में बढ़ोतरी की बदौलत भारत अप्रैल 2017 से ही मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को नारियल तेल का निर्यात कर रहा है, जबकि मार्च 2017 तक भारत नारियल तेल का आयात करता था।
- इसके साथ ही भारत पहली बार अमेरिका और यूरोपीय देशों को बड़ी संख्या में शुष्क नारियल का निर्यात भी कर रहा है।
उत्पादकता के संदर्भ में बात करें तो
- वर्ष 2013-14 में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 10,122 फलों की थी, जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 11,516 फलों तक पहुँच गई।
- वर्ष 2010-14 के 9,561 हेक्टेयर की तुलना में वर्ष 2014-18 में 13,117 हेक्टेयर क्षेत्र को नए बागानों के अंतर्गत शामिल किया गया।
- वैज्ञानिक नारियल खेती विधियों को किसान सहभागिता निर्देशन के अंतर्गत विभिन्न नारियल उत्पादक राज्यों में पिछले चार वर्षों में 62,403 हेक्टेयर क्षेत्र को लाया गया, जो वर्ष 2010-14 तक 36,477 हेक्टेयर था।
- उल्लेखनीय है कि नए क्षेत्रों में नारियल खेती का फैलाव हुआ है। वर्ष 2014-18 तक विभिन्न राज्यों में नारियल खेती के अधीन 13,117 हेक्टेयर का नया क्षेत्र लाया गया, जो वर्ष 2010-14 तक कुल 9,561 हेक्टेयर था।
प्रबंधन हेतु समितियों का गठन
- पिछले चार वर्षों (2014-18) में 5,115 नारियल उत्पादक समितियाँ, 430 नारियल उत्पादक फेडरेशन और 67 नारियल उत्पादक कंपनियाँ गठित की गईं, जबकि वर्ष 2004-14 के दौरान यह संख्या क्रमश: 4,467, 305 और 15 थी।
- नारियल उत्पादों के निर्यात से अर्जित आय वर्ष 2014-18 के दौरान 6,448 करोड़ रुपए आँकी गई है जो वर्ष 2004-2014 तक 3,975 करोड़ रुपए थी।
- कौशल विकास कार्यक्रम ‘फ्रेंड्स ऑफ कोकोनट ट्री’ के अंतर्गत 33,228 बेरोज़गार युवकों को प्रशिक्षण दिलाया गया, जबकि वर्ष 2004-14 तक यह संख्या 27,770 थी।
‘फ्रेंड्स ऑफ कोकोनट ट्री’ कार्यक्रम
- संयुक्त राष्ट्र की एक शाखा खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation) ने एफओसीटी (Coconut Development Board’s Friends of Coconut Tree - FoCT) प्रशिक्षण कार्यक्रम को नारियल उत्पादक देशों के लिये एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में एडॉप्ट किया है।
- बैंकाक में आयोजित एफएओ की एशिया-प्रशांत बैठक में एफओसीटी मॉडल को अन्य देशों में भी लागू करने की संभावना जताई गई थी।
- अगस्त 2011 में शुरू हुए एफओसीटी कार्यक्रम के अंतर्गत देश के कई राज्यों के लगभग 20,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- इस कार्यक्रम को बढ़ावा देने का उद्देश्य नारियल कलाईम्बर्स (coconut climbers) की संख्या में वृद्धि करने के साथ-साथ ‘नारियल तकनीशियनों’ (coconut technicians) के एक समूह को विकसित करना है।
- एफओसीटी को नारियल कलाईम्बर्स की कमी की समस्या का समाधान करने के लिये शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत प्रदत्त प्रशिक्षण पुरुषों और महिलाओं दोनों को बेहतर मज़दूरी कमाने में मदद करता है।
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