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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-ऑस्ट्रेलिया बैठक

  • 03 Jun 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

क्वाड, कॉमनवेल्थ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, आसियान क्षेत्रीय मंच, नेशनल इनोवेशन फॉर क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर, मालाबार नौसैनिक अभ्यास, AUSINDEX

मेन्स के लिये

फसल कटाई के बाद अनाज प्रबंधन,  भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कृषि और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की।

प्रमुख बिंदु

कृषि के क्षेत्र में:

  • भारत-ऑस्ट्रेलिया अनाज साझेदारी (India-Australia Grains Partnership) का उद्देश्य ग्रामीण अनाज भंडारण और आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करने के लिये फसल कटाई के बाद प्रबंधन में ऑस्ट्रेलिया की विशेषज्ञता का उपयोग करना है ताकि नुकसान तथा अपव्यय को कम किया जा सके।
    • इस काम के लिये भारत की ओर से राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (National Institute of Agricultural Marketing) नोडल संगठन होगा।
  • इस बैठक के दौरान भारत द्वारा नेशनल इनोवेशन फॉर क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर (National Innovation for Climate Resilient Agriculture- NICRA) के प्रमुख कार्यक्रम का उल्लेख किया गया और ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग स्थापित करने की उम्मीद व्यक्त की गई।
    • एनआईसीआरए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक नेटवर्क परियोजना है जिसे फरवरी 2011 में शुरू किया गया था।
    • इस परियोजना का उद्देश्य रणनीतिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय कृषि की जलवायु परिवर्तन तथा जलवायु भेद्यता के प्रति अनुकूलता को बढ़ाना है।
    • इस अनुकूलन और शमन पर अनुसंधान में फसल, पशुधन, मत्स्य पालन और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन शामिल हैं।

रक्षा सहयोग पर:

  • मालाबार नौसैनिक अभ्यास  में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी।
    • भारत ने इस अभ्यास में चीन के साथ लद्दाख गतिरोध के बाद ऑस्ट्रेलिया को शामिल होने के लिये आमंत्रित किया जिससे एक ऑस्ट्रेलियाई दल ने वर्ष 2020 के मालाबार नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया।
  • इस बैठक में AUSINDEX, म्यूचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट (MLSA) और डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंप्लीमेंटिंग अरेंजमेंट (DSTIA) जैसी विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की समीक्षा की गई।
  • 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता बुलाने की मंशा व्यक्त की गई।
    • यह वार्ता संवाद का एक प्रारूप है जहाँ रक्षा और विदेश मंत्री दूसरे देश के अपने समकक्षों से मिलते हैं। यह दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तरीय संस्थागत तंत्र है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग:

  • कोविड-19 के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया ने तत्काल सहायता पैकेज के हिस्से के रूप में भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट भेजे हैं।
  • भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने औपचारिक रूप से सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव (SCRI) शुरू किया है।
  • हाल ही में भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकॉनामी हैकथॉन (I-ACE) का आयोजन किया गया।
  • दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में उन्नत किया और वर्ष 2020 में कई रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर आपसी सहयोग साझा करते हैं।
    • ऑस्ट्रेलिया विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
    • भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों क्वाड, कॉमनवेल्थ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्रीय मंच, जलवायु और स्वच्छ विकास पर एशिया-प्रशांत साझेदारी के सदस्य हैं, और उन्होंने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया है।
    • दोनों देश विश्व व्यापार संगठन के संदर्भ में पाँच इच्छुक पार्टियों (FIP) के सदस्यों के रूप में भी सहयोग कर रहे हैं।
    • ऑस्ट्रेलिया एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) का एक महत्त्वपूर्ण भागीदारी है और यह संगठन में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है।
  • सितंबर 2014 में दोनों देशों के बीच एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) और भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रत्यर्पण संधि, जिस पर जून 2008 में हस्ताक्षर किये गए थे, की दोनों सरकारों द्वारा पुष्टि की गई है।
  • दोनों पक्षों द्वारा खुफिया सूचनाओं से संबंधित और उच्च प्रौद्योगिकी एवं बाहरी अंतरिक्ष जैसे अन्य क्षेत्रों में अन्य विकल्पों का पता लगाने की भी संभावना है।

स्रोत- पीआईबी

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