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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत और दक्षिण कोरिया

  • 07 Sep 2019
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

भारत और दक्षिण कोरिया (India and South Korea) ने विशेष रणनीतिक साझेदारी (Special Strategic Partnership) के तहत एक समझौता किया है जिसके अंतर्गत दोनों देश एक-दूसरे के नौसैनिक अड्डों का उपयोग रसद के आदान-प्रदान के लिये कर करेंगे।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दक्षिण कोरिया की अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री जियोंग कयोंगडू (Jeong Kyeongdoo) ने सियोल में दो महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
  • इस समझौते के अंतर्गत दोनों देश एक-दूसरे की नौसेनाओं का तार्किक समर्थन करेंगे जिसके तहत ईंधन, विश्राम (Rest) और रसद का प्रबंध किया जाएगा।
  • दोनों देशों ने रक्षा, क्षेत्रीय हित और अंतर्राष्ट्रीय विकास के स्तर पर विशेष रणनीतिक साझेदारी के तहत एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य ऐतिहासिक संबंध:

  • भारत और दक्षिण कोरिया के संबंध ऐतिहासिक काल से ही मज़बूत रहें हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना (क्वीन हुर ह्वांग-ओक) ने कोरिया के राजा किम-सुरो से विवाह किया था। दोनों देशों ने इस प्रकार के संबंधों के मद्देनज़र एक संयुक्त डाक टिकट जारी किया था।
  • बौद्ध धर्म की उत्पत्ति भारत में हुई लेकिन इसका प्रसार चीन, जापान और कोरिया तक हुआ, इस प्रकार के सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों को एक-दूसरे को करीब लाते हैं।
  • भारत के कई शासकों ने बौद्ध धर्म के प्रसार के लिये अपने दूतों को इस क्षेत्र में भेजा था साथ ही यहाँ के छात्र भारत के बौद्ध शिक्षा केंद्रों में शिक्षा प्राप्त करने के लिये आते थे।

भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य वर्तमान संबंध:

  • भारत जहाँ एक ओर अपनी लुक ईस्ट पॉलिसी (Look East Policy) के माध्यम से अपने संबंधों को बढ़ावा दे रहा है, वहीं दक्षिण कोरिया नई दक्षिणी रणनीति (New Sauthern Policy) के माध्यम से भारत के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना चाहता है।
  • दक्षिण कोरिया ने भारत को अपना विशेष रणनीतिक साझेदार घोषित किया है, दक्षिण कोरिया ने इस प्रकार का समझौता केवल अपने पारंपरिक सहयोगियों जैसे जापान और अमेरिका देशों के साथ ही किया है।
  • भारत और दक्षिण कोरिया अपने सामरिक संबंधों को लगातार मज़बूती प्रदान कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच मंत्री स्तर की संयुक्त बैठक के साथ ही सचिव स्तर पर 2+2 डायलाॅग (2 + 2 Dialogue) जैसी वार्ता चल रही है।
  • दक्षिण कोरिया, अफगानिस्तान में भारत के साथ त्रिपक्षीय आधार पर एक परियोजना का निर्माण कर रहा है, साथ ही वह सदैव भारत की अफगानिस्तान नीति का समर्थन करता रहा है।
  • भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement) है। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता महत्त्वपूर्ण धातुओं और उससे बनी वस्तुओं के नि:शुल्क आयात की अनुमति देता है।
  • दोनों देश अवसंरचना, पत्तन विकास और खाद्य प्रसंस्करण स्टार्ट-अप में एक-दूसरे को व्यापक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
  • भारत-दक्षिण कोरिया प्रौद्योगिकी विनिमय केंद्र (Technology Exchange Centre) की स्थापना नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लघु उद्यम निगम के परिसर में की गई है। इसके माध्यम से दोनों देश लघु और मध्यम उद्योगों के क्षेत्र में एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं।
  • दोनों देशों के बीच कोरिया प्लस (Korea Plus) का संचालन जून 2016 से किया जा रहा है जिसमें दक्षिण कोरिया उद्योग, व्यापार तथा ऊर्जा मंत्रालय, कोरिया व्यापार निवेश एवं संवर्द्धन एजेंसी (Korea Trade Investment and Promotion Agency- KOTRA) और इन्वेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को बढ़ावा देने के लिये कोरियाई ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम और प्रसार भारती ने दक्षिण कोरिया में डीडी इंडिया चैनल तथा भारत में कोरियाई ब्रॉडकास्टिंग चैनल के प्रसारण की सुविधा देने पर सहमति जताई है।

भारत के निहितार्थ:

  • दक्षिण कोरिया दक्षिण चीन सागर के उत्तर में स्थित है, दक्षिण चीन सागर (South China Sea) को लेकर चीन, फिलिपींस, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई आदि देशों के बीच संप्रभुता का विवाद बना हुआ है।
  • भारत, दक्षिण कोरिया के साथ इस प्रकार के रक्षा समझौते के माध्यम से अपनी पहुँच दक्षिण चीन सागर तक स्थापित करना चाहता है जिससे वह चीन की शक्ति को हिन्द महासागर में संतुलित कर सके।
  • दक्षिण कोरिया एक विनिर्माण अर्थव्यवस्था है, इसलिये वह भारत के बाज़ार में पहुँच प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है वहीं भारत, दक्षिण कोरिया की विशेषज्ञता और कौशल का प्रयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में करना चाहता है।
  • इसके अतिरिक्त भारत, दक्षिण कोरिया की पूंजी का निवेश भारत में करना चाहता है। इसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में निवेश हेतु समझौते के प्रयास चल रहे हैं।

भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों में चुनौतियाँ:

  • भारत, दक्षिण कोरिया के साथ समझौता करके सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से चीन को दरकिनार करना चाहता है लेकिन हमें नही भूलना चाहिये कि दक्षिण कोरिया का भारत की अपेक्षा चीन से व्यापार लगभग 10 गुना अधिक है।
  • मुक्त व्यापार समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच असमंजस की स्थिति बरकरार है, इसलिये भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापार अपेक्षित गति नहीं प्राप्त कर पा रहा है।
  • हाल ही में दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के संबंध सामान्य हुए हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर यह माना जाता है कि उत्तर कोरिया तथा पाकिस्तान के बीच परमाणु कार्यक्रमों को लेकर साझेदारी है जो भारत के लिहाज़ से चिंता का विषय है।

भारत और दक्षिण कोरिया का संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से मज़बूत रहा है इसलिये वर्तमान समय के असमंजस को दरकिनार करते हुए दोनों देश एक-दूसरे की प्रगति में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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