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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत और रवांडा ने तीन सहमति पत्रों पर किया हस्ताक्षर

  • 22 Feb 2017
  • 4 min read

समाचारों में क्यों?

  • विदित हो कि भारत और रवांडा ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिये तीन सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। ये तीनों सहमति पत्र किगाली में उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और राजनयिक व आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा अनिवार्यता में छूट से संबंधित हैं।
  • किगाली कन्वेंशन सेंटर में फिक्की एवं रवांडा विकास बोर्ड (आरडीबी) के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित भारत-रवांडा बिजनेस फोरम में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और रवांडा के प्रधानमंत्री अनस्तासे मुरुकेजी की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
  • गौरतलब है कि भारत विकास की ओर निरंतर कदम बढ़ा रहा है। सरकार देश की अर्थिक स्थिति सुधारने के साथ ही दूसरे देशों के साथ संबंध मजबूत करने को भी तवज्ज़ो दे रही है। पिछले कुछ  महीनों में भारत सरकार ने कई देशों के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये हैं।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह घटनाक्रम?

  • जहाँ एक ओर इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से भारत-रवांडा रिश्तों को और मज़बूती मिलेगी वहीं दूसरी ओर इससे पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ हमारे सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अफ्रीका को भारत का स्वभाविक आर्थिक साझेदार बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि महाद्वीप के पास भारत की ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता और संसाधन मौजूद हैं।
  • उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘इंडिया-रवांडा अनुसन्धान विकास कार्यक्रम’ की शुरुआत भी की, जिसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्वेषण के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है। अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। 

निष्कर्ष

  • ध्यातव्य है कि रवांडा से भारत में पढाई के लिये कम से कम 500 छात्रों को प्रति वर्ष वीज़ा उपलब्ध कराया जाता है। वहीं रवांडा से बड़ी संख्या में लोग भारत इलाज कराने आते हैं। भारत में स्वास्थ्य को लेकर कई बेहतर सुविधाएं और तकनीक हैं जिसके कारण भारत में बाहर से आकर इलाज करवाने वाले लोगों की संख्या ज़्यादा है। एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 महीने में ये करीब एक लाख से ज़्यादा लोग भारत में अपना इलाज कराने आ चुके हैं। भारत, गुणवत्ता युक्त एवं किफायती शिक्षा की उपलब्धता के कारण रवांडा के विद्यार्थिंयों के लिये प्राथमिकता वाला देश बनता जा रहा है। इन परिस्थितियों में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से ऐसा माहौल कायम होगा जिसमें भारतीय नवाचारों एवं प्रौद्योगिकी से रवांडा को काफी लाभ होगा और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार भी बढ़ेगा।
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