भारत और इज़राइल – सामरिक भागीदारी। | 06 Jul 2017

संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इज़राइल  यात्रा के दौरान भारत और इज़राइल  ने सामरिक भागीदारी की घोषणा की है। दोनों देशों के बीच जल, कृषि और अंतरिक्ष के क्षेत्र समेत सात समझौते हुए हैं। इसके आलावा दोनों देशों ने शोध के लिये चार करोड़ डॉलर के एक साझा फंड बनाने के लिये एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किये हैं। गौतलब है कि  नवाचार, जल संरक्षण एवं कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इज़राइल  एक अग्रणी देश है।

प्रमुख बिंदु 

  • भारत और इज़राइल  एक ऐसे जटिल भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं, जहाँ दोनों के समक्ष क्षेत्रीय शांति एवं स्थायित्व को लेकर सदैव खतरा बना रहता है। ऐसे में दोनों देशों को उनके सामरिक हितों की रक्षा के लिये बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
  • इसी के मद्देनजर दोनों देशों ने साइबर स्पेस के साथ-साथ आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ साझा जंग का ऐलान किया है।
  • पाकिस्तान की ओर परोक्ष रुप से इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इज़राइल की तरह भारत भी सीधे तौर पर आतंकवाद के खतरे और हिंसा का सामना कर रहा है, अतः दोनों देश अब से एक-दूसरे के रणनीतिक हितों की रक्षा करेंगे। 

आतंकवाद के समर्थकों पर कार्रवाई

  • दोनों देशों ने माना कि आतंकवाद  वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये गंभीर खतरा है, जिसके विरुद्ध एक मुखर लड़ाई की आवश्यकता है। आतंकवाद को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता। 
  • दोनों देशों ने आतंकी गुटों और आतंकवाद को समर्थन एवं संरक्षण देने वाले  देशों के खिलाफ कार्रवाई पर बल दिया। 
  • आतंकवादरोधी सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। 
  • आतंकवाद की परिभाषा तय करने वाली वैश्विक आतंकवाद संधि को संयुक्त राष्ट्र द्वारा जल्द से जल्द अपनाने की भारत की मांग को नेतन्याहू ने सही ठहराया।  
  • दोनों देशों ने हथियारों के साझा उत्पादन पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देश यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आतंकी संगठनों की पहुँच  जनसंहार के  हथियारों तक न हो। यहाँ यह स्मरण दिलाना आवश्यक है कि पाकिस्तान और ईरान दोनों न्यूक्लियर पॉवर हैं, जिनसे भारत और इज़राइल  दोनों को खतरा है।

दोनों देशों के बीच निम्नलिखित समझौते हुए हैं :
 जल उपयोगिता

  • गंगा सफाई एवं जल के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश जल निगम एवं इज़राइल  के ऊर्जा एवं जल संसाधन विभाग के बीच समझौता। 
  • जल संरक्षण के लिये जागरूकता पर। 
  • गौरतलब है कि जल संरक्षण एवं पुनर्चक्रण  के मामले इज़राइल  एक अति उन्नत  देश है। वह अपने बंद तरीके के ज़रिये वर्षा पर निर्भर नहीं रहता है।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में

  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में तीन एमओयू- छोटे उपग्रहों के लिये इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन, ऑप्टिकल लिंक का विकास तथा एटॉमिक घड़ियों पर सहयोग। 

 “I4F”

  • विकास एवं शोध के लिये स्थापित फण्ड का नाम “I4F” या इंडिया इज़राइल इंडस्ट्रियल इनोवेशन फण्ड रखा गया है, जिसमें दोनों देश 20 मिलियन डॉलर का योगदान देंगे, ताकि शोधकर्त्ता अपने आविष्कारों को सहजता से विनिर्मित कर सकें।