भारत और बेलारूस | 18 Jul 2022

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-बेलारूस, UNSC, NSG, NAM।

मेन्स के लिये:

भारत-बेलारूस संबंध और आगे की राह।

चर्चा में क्यों?

भारत ने 3 जुलाई, 2022 को बेलारूस को उसकी 78वीं स्वतंत्रता जश्न के अवसर पर बधाई दी।

Belarus

भारत-बेलारूस संबंध:

  • राजनयिक संबंध:
    • बेलारूस के साथ भारत के संबंध परंपरागत रूप से मधुर और सौहार्दपूर्ण रहे हैं।
    • भारत, वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद बेलारूस को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था।
  • बहुपक्षीय मंचों पर समर्थन:
  • व्यापक भागीदारी:
    • दोनों देशों के बीच एक व्यापक साझेदारी है और विदेश कार्यालय परामर्श (FOC), अंतर-सरकारी आयोग (IGC), सैन्य तकनीकी सहयोग पर संयुक्त आयोग के माध्यम से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिये तंत्र स्थापित किया गया है।
    • दोनों देशों ने व्यापार और आर्थिक सहयोग, संस्कृति, शिक्षा, मीडिया एवं खेल, पर्यटन, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कृषि, वस्त्र, दोहरे कराधान से बचाव, निवेश को बढ़ावा देने व संरक्षण सहित रक्षा एवं तकनीकी सहयोग जैसे विभिन्न विषयों पर कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • व्यापार और वाणिज्य:
    • आर्थिक क्षेत्र में वर्ष 2019 में वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार कारोबार 569.6 मिलियन अमेरिकी डाॅलर का था।
    • वर्ष 2015 में भारत ने बेलारूस को बाज़ार अर्थव्यवस्था का दर्जा दिया और 100 मिलियन अमेरिकी डाॅलर की ऋण सहायता से भी आर्थिक क्षेत्र के विकास में मदद मिली है।
      • बाज़ार अर्थव्यवस्था का दर्जा बेंचमार्क के रूप में स्वीकार किये गए वस्तु का निर्यात करने वाले देश को दिया जाता है। इस स्थिति से पहले देश को गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्था (NME) के रूप में माना जाता था
    • बेलारूसी व्यवसायियों को 'मेक इन इंडिया' परियोजनाओं में निवेश करने के लिये भारत के प्रोत्त्साहन का लाभ मिल रहा है।
  • भारतीय प्रवासी:
    • बेलारूस में भारतीय समुदायं के लगभग 112 भारतीय नागरिक और 906 भारतीय छात्र हैं जो बेलारूस में राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं।
    • भारतीय कला और संस्कृति, नृत्य, योग, आयुर्वेद, फिल्म आदि बेलारूसी नागरिकों के बीच लोकप्रिय हैं।
      • कई युवा बेलारूसवासी भी हिंदी और भारत के नृत्य रूपों को सीखने में गहरी रुचि रखते हैं।

आगे की राह:

  • वैश्विक भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक आकर्षण केंद्र के एशिया में क्रमिक बदलाव को ध्यान में रखते हुए भारत के साथ सहयोग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिये अतिरिक्त अवसर पैदा करता है।
  • बेलारूस को विविधतापूर्ण एशिया में कई भौगोलिक उप-क्षेत्रों के साथ संबंध स्थापित करने की आवश्यकता है। दक्षिण एशिया में भारत ऐसे स्तंभों में से एक बन सकता है, लेकिन बेलारूसी पहल निश्चित रूप से भारत के राष्ट्रीय हितों और धार्मिक उद्देश्यों (National Interests and Sacred Meanings) के "मैट्रिक्स" में आनी चाहिये।
  • साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिये कुछ छिपे हुए आरक्षण भी हैं। बेलारूस भारतीय दवा कंपनियों हेतु यूरेशियन बाज़ार में "प्रवेश बिंदु" बन सकता है।
  • साझा विकास सहित सैन्य और तकनीकी सहयोग की संभावना का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया गया है। यह सिनेमा (बॉलीवुड) भारतीय व्यापार समुदाय और पर्यटकों के हित को प्रोत्साहित कर सकता है।
  • पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद + योग) के आधार पर बेलारूस में स्थापित किये जा रहे मनोरंजन केंद्रों द्वारा पर्यटन और चिकित्सा सेवाओं के निर्यात में अतिरिक्त वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।
  • आपसी हित बढ़ाने के लिये नए नवोन्मेषी विकास बिंदुओं की स्थापना तथा सफल विचारों को प्रोत्साहित करना और सक्रिय विशेषज्ञ कूटनीति संचार का प्रमुख महत्त्व है।