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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

‘अतुल्य’ माइक्रोवेव-स्ट्रेलाइज़र

  • 07 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

‘अतुल्य’ माइक्रोवेव-स्ट्रेलाइज़र

मेन्स के लिये

महामारी से निपटने में विभिन्न संगठनों की भूमिका

चर्चा में क्यों?

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) के तहत पुणे स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (Defence Institute of Advanced Technology) ने कोरोनावायरस (COVID-19) को विघटित अथवा समाप्त करने के लिये ‘अतुल्य’ (ATULYA) नाम से एक ‘माइक्रोवेव-स्ट्रेलाइज़र’ (Microwave Steriliser) तैयार किया है।

प्रमुख बिंदु

  • रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह वायरस 56 डिग्री से 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में विभेदकारी ऊष्माष्यन (Differential Heating) द्वारा विघटित हो जाता है।
  • यह उत्पाद एक किफायती उपाय है जिसे पोर्टेबल (Portable) या फिक्स्ड इंस्टोलेशन (Fixed Installations) किसी भी रूप में संचालित (Operate) किया जा सकता है।
  • ध्यातव्य है कि मानव सुरक्षा की दृष्टि से इस उपकरण का परीक्षण किया गया है और इसे सुरक्षित पाया गया है। 
  • मंत्रालय के अनुसार, भिन्न-भिन्न वस्तुओं के आकार और ढाँचे के अनुरूप विघटन का समय 30 सेकेंड से एक मिनट तक रहता है। इस उपकरण का वजन लगभग तीन किलोग्राम है और इसका उपयोग केवल गैर-मेटैलिक (Non-Metallic) वस्तुओं के लिये किया जा सकता है।

Atulya

DRDO और कोरोनावायरस

  • ध्यातव्य है कि देश में कोरोनावायरस का प्रसार काफी तेज़ी से हो रहा है और संक्रमण का आँकड़ा दिन-प्रति-दिन बढ़ता जा रहा है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, देश भर में कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 52000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इस वायरस के प्रभाव से तकरीबन 1700 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 
  • हालाँकि इस वायरस का मुकाबला करने के लिये देश का प्रत्येक व्यक्ति और संस्थान अपनी-अपनी भूमिका अदा कर रहा है।
  • इसी क्रम में सशस्त्र बल और DRDO समेत रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विंग्स भी देश में महामारी के प्रसार को रोकने का काफी प्रयास कर रहे हैं और अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार, विभिन्न प्रकार के उत्पादों को डिज़ाइन और विकसित कर रहे हैं।
    • DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन (Defence Science Organisation-DSO) के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (Technical Development Establishment-TDEs) और तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (Directorate of Technical Development & Production- DTDP) के संयोजन के माध्यम से की गई थी।
    • DRDO रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत कार्य करता है।
  • DRDO ने महामारी से निपटने के लिये कई उत्पाद विकसित किये हैं, जिनमें वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (Personal Protective Equipment-PPE) किट, बड़े क्षेत्रों को सैनिटाइज़ करने हेतु उपाय और COVID-19 परीक्षण के नमूने एकत्रित करने हेतु कियोस्क आदि शामिल हैं।
  • हाल ही में DRDO ने अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों के त्वरित एवं रसायन मुक्त कीटाणुशोधन (Disinfection) के लिये एक अल्ट्रा वॉयलेट डिसइंफेक्सन टॉवर (Ultra Violet Disinfection Tower) भी विकसित किया है।
    • ‘यूवी ब्लास्टर’ (UV blaster) नाम का यह उपकरण एक अल्ट्रा वॉयलेट (UV) आधारित क्षेत्र सैनिटाइज़र (Sanitizer) है।

स्रोत: पी.आई.बी

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