सोलर पैनल विवाद में भारत के पक्ष में बढ़ता समर्थन | 17 Jan 2018
चर्चा में क्यों
यूनाइटेड स्टेट्स और भारत के बीच सोलर पैनल विवाद में भारत के पक्ष में समर्थन बढ़ रहा है। यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्राज़ील, चीन और जापान ने इस विवाद में भारत का समर्थन किया है। इन देशों के अनुसार, वाशिंगटन द्वारा भारत के खिलाफ दंडात्मक व्यापार कार्रवाई की मांग अनुचित है।
मुद्दा क्या है?
- प्रदूषण को लेकर आज पूरी दुनिया चिंतित है। इसी क्रम में सौर ऊर्जा एक वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है।
- सभी विकसित देश अब वैश्विक सौर ऊर्जा बाज़ार का बादशाह बनने की होड़ में लगे हुए हैं।
- वहीं भारत इस होड़ में काफी देर बाद जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 11 जनवरी, 2010 को शामिल हुआ। इस मिशन का लक्ष्य प्रदूषण को कम करते हुए पुरातन ऊर्जा स्रोतों का विकास करना था।
- अमेरिका ने WTO के समक्ष यह शिकायत दर्ज कराई थी कि अमेरिका द्वारा भारत में किये जा रहे सोलर एक्सपोर्ट के व्यापार में 90 फीसदी की गिरावट आई है।
- WTO में अमेरिका ने भारत पर सोलर सेल्स और मॉड्यूल से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कुछ प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
- तीखे मतभेदों को देखते हुए यह मामला WTO के समक्ष मध्यस्थता के लिये प्रस्तुत हुआ।
- 2016 में भारत यह विवाद हार गया और इस बात पर सहमत हुआ कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत उन सभी अनुचित कार्रवाइयों को 14 दिसंबर की समय-सीमा के अंदर बंद कर देगा, जिनके तहत सरकार ने सोलर पैनल के विनिर्माण में स्थानीय उपकरणों के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।
- 12 जनवरी को WTO के डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी(DSP) की बैठक में अमेरिका ने 14 दिसंबर की समय-सीमा समाप्त हो जाने पर WTO में भारत पर सोलर सेल्स और मॉड्यूल से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कुछ प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
- इसका जवाब देते हुए भारत ने WTO को बताया कि इन नियमों को बदलकर पहले ही WTO के नियमों के हिसाब से कर दिया गया है।
- अमेरिका व्यापार विवादों में हमेशा से नियमों को ताक पर रखते हुए अपने पक्ष में फैसलों की उम्मीद करता रहा है।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन
- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में व्यापक संभावनाएँ हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बहुत ज़रूरत है।
- सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाओं के मद्देनज़र 11 जनवरी, 2010 को जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन शुरू किया गया। इस मिशन के तहत 2022 तक 20,000 मेगावाट ग्रिड संयोजित सौर विद्युत का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
⇒ सौर ऊर्जा हेतु दीर्घावधि नीति व्यापक स्तर पर सौर ऊर्जा के प्रसार का लक्ष्य।
⇒ उद्यमशील अनुसंधान एवं विकास महत्त्वपूर्ण कच्ची सामग्री, घटकों और उत्पादों के घरेलू उत्पादन के ज़रिये देश में सौर विद्युत उत्पादन की लागत कम करना।
विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation – WTO)
- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की वैधानिक एवं संस्थात्मक आधारशिला के रूप में WTO की स्थापना 1 जनवरी, 1995 को मराकेश समझौते(15 अप्रैल, 1994 को हस्ताक्षरित) के अधीन की गई।
- इस नए संगठन द्वारा गैट (प्रशुल्क एवं सामान्य समझौता) का स्थान लिया गया। एक अंतरिम समझौते के रूप में 1 जनवरी, 1948 से लागू हुआ।
- मूलतः इसमें 23 हस्ताक्षरकर्त्ता थे, जिन्हें एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन हेतु दिशा-निर्देश तैयार करने के लिये एक समिति का गठन करना था।