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डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चीन से बढ़ता आयात

  • 12 Aug 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सहेली कार्यक्रम, भारत की आयात-निर्यात नीति  

मेन्स के लिये: 

वर्तमान समय में भारत चीन के मध्य होने वाले आयात-निर्यात में परिवर्तन के कारण  

चर्चा में क्यों?

चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स (General Administration of Customs-GAC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत के सबसे बड़े व्यापर भागीदारी देश चीन के साथ जून और जुलाई माह के बाद से भारत में चीन से आयातित वस्तुओं में वृद्धि हो रही है।

प्रमुख बिंदु

  • महामारी एवं लॉकडाउन के कारण चीन से भारत का आयात अप्रैल और मई के दोनों माह में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था।
  • जून के माह में आयात 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर और जुलाई में 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया जो पूर्व-लॉकडाउन स्तर (मार्च माह) जो लगभग 5.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, पर वापस आ गया है।
    • यह मुख्य रूप से चीन से चिकित्सा आपूर्ति के बढ़ते आयात के कारण हुआ है।
    • भारत में चीन विरोधी भावनाओं के वातावरण के बावजूद ऑनलाइन दुकानदार चीनी मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को पसंद कर रहे हैं।
    • अमेज़न के प्राइम डे 2020 बिक्री डेटा के अनुसार, दिग्गज ई-कॉमर्स, वनप्लस, ओप्पो, हुआवेई  ऑनर तथा शाओमी भारत में सबसे अधिक बिकने वाले स्मार्टफोन ब्रांडों में से एक रहे हैं।
  • वर्ष 2020 के सात महीनों के लिये, चीन से भारत का आयात 32.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। हालाँकि अप्रैल और मई में रिकॉर्ड मंदी के कारण यह 24.7% कम रहा है।
  • दोनों देशों के बीच दो-तरफा व्यापार 43.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर  है जो चीन के पक्ष में बना हुआ है। भारतीय निर्यात 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
  • जुलाई में चीन का कुल निर्यात  7.2% बढ़ा है जो अनुमानों के अनुसार वर्ष दर वर्ष 1.4% नीचे आया है।
  • इसके पीछे प्रमुख कारण चिकित्सा आपूर्ति और घरेलू उपकरणों के निर्यात का बढ़ना रहा है।

स्थानीय उद्यमियों का समर्थन करने हेतु पहल:

  • अमेज़न कारीगर स्टोर:
    • वर्ष 2019 में, 7 अगस्त राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day), की पूर्व संध्या पर अमेज़न ने कारीगर स्टोर शुरू करने की घोषणा की जिसमें 55,000 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें 20 राज्यों के 270 से अधिक कला और शिल्प को शामिल किया गया है।
    • यह भारतीय बुनकरों एवं कारीगरों को ग्राहकों के लिये ‘मेड इन इंडिया ’उत्पादों के प्रदर्शन के लिये सक्षम करेगा तथा भारत की हस्तशिल्प विरासत को प्रमुखता देगा।
  • सहेली कार्यक्रम:
    • नवंबर 2017 में, अमेज़न ने इस कार्यक्रम को भारतीय महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने तथा  देश भर में अपने उत्पादों को बेचने के उद्देश्य से शुरु किया था।
    • महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है।
    • इसे गैर-सरकारी सामाजिक सेवा संस्थाओं जैसे कि स्व-रोज़गार महिला उद्यम (Self-Employed Women Enterprise- SEWA) और आवेग सामाजिक उद्यम (Impulse Social Enterprise) के साथ साझेदारी में शुरु किया गया था।
  • अमेज़न लॉन्चपैड:
    • यह बाज़ार के भीतर का बाज़ार है यह मूल्य निर्माण के लिये दो स्तरों पर कार्य करता है पहला- अमेज़न दुकानदार दूसरा आने वाले ब्रांड ।
    • नई कंपनियों को अपने व्यवसाय को स्थापित करने एवं अपने उत्पादों की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये समय और मार्गदर्शन प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जबकि दुकानदार नवीनतम स्टार्टअप के माध्यम से नए उत्पादों तक जल्दी पहुँच का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
    • चूंकि स्टार्टअप के पास सीमित समय और संसाधन होते हैं, इसलिये उन्हें अक्सर अपने उत्पादों को बाज़ार में चलाने के लिये तथा अपने व्यवसाय को ज़मीनी स्तर पर करने के लिये अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है।

महत्त्व:

  • भारत और चीन के बीच COVID-19 महामारी और बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय बाज़ार को बढ़ावा देना तथा अर्थव्यवस्था की आयात पर निर्भरता को कम करने की ज़रूरत है।
  • स्थानीय उद्यमियों और प्रतिभा को बढ़ावा देने से, उनके पेशे और अधिक लाभदायक होंगे जो उन्हें बेहतर जीवन जीने में सक्षम बनाता है।
  • कम आयात और मज़बूत टिकाऊ घरेलू बाज़ार से देश को भी लाभ होगा, जिससे अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।

स्रोत: द हिंदू

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