विश्व में खसरे का बढ़ता प्रकोप | 10 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये
खसरे के लक्षण, रूबेला विषाणु
मेन्स के लिये
खसरे की रोकथाम के उपाय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) की तरफ से जारी एक आकलन के आधार पर यह कहा गया कि वर्ष 2018 में खसरे (Measles) की वजह से विश्व में 1 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत हो गई जिसमें सर्वाधिक पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल थे।
मुख्य बिंदु:
- खसरा तीव्र संक्रामक बीमारी है जो कि रूबेला विषाणु (Rubella Virus) द्वारा उन बच्चों में फैलती है जिनका टीकाकरण नहीं होता। इसकी वजह से शरीर पर धब्बे, अंधापन, निमोनिया, इन्सेफेलाइटिस की शिकायत तथा मृत्यु भी हो सकती है।
- खसरे से बचाव के लिये खसरा-रूबेला वैक्सीन (Measles Rubella-MR) का प्रयोग किया जाता है।
- रूबेला विषाणु की वजह से जन्म के समय भी किसी शिशु में खसरे की शिकायत हो सकती है। इस स्थिति में गर्भपात कराना पड़ सकता है तथा शिशु हृदय, आँख तथा मस्तिष्क की कमज़ोरी के साथ पैदा हो सकता है।
- WHO के अनुसार, वर्ष 2018 में खसरे के मामले में वर्ष 2017 की तुलना में दोगुना बढ़ोतरी हुई है तथा वर्ष 2019 के अंतिम आँकड़े अभी तक जारी नहीं हुए हैं परंतु नवंबर तक के आँकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना की वृद्धि होगी।
खसरा की वृद्धि के कारण:
- टीकाकरण योजनाओं की व्यापक पहुँच न होना तथा कई स्थानों में बच्चों का टीकाकरण से अछूता रह जाना, विश्व में खसरे के बढ़ते संक्रमण का कारण है। इसमें वे देश भी शामिल हैं जहाँ पहले खसरा समाप्त हो चुका था।
- कुछ मामलों में आतंरिक संघर्ष, सुरक्षा तथा नागरिक सेवाओं के नष्ट हो जाने से किसी देश के दूरदराज़ के हिस्सों में टीकाकरण संभव नहीं हो पाता।
- वैक्सीनों के बारे में गलत धारणा रखने तथा इसके प्रति अविश्वास की वजह से भी कुछ बच्चों के माता-पिता इसके प्रयोग से बचते हैं।
- वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर लगभग 1 करोड़ 90 लाख बच्चों को दो वर्ष की आयु तक खसरा का एक भी टीका नहीं लगा था।
- यूनीसेफ (UNICEF) तथा WHO के अनुसार, पिछले एक दशक में खसरा के टीके का कवरेज लगभग स्थिर हो गया है जिसकी वजह से वर्तमान में खसरे के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
भारत में खसरे की समस्या:
- मोर्बिडिटी एंड मोर्टेलिटी वीकली रिपोर्ट (Morbidity and Mortality Weekly Report-MMWR) के अनुसार, बच्चों में खसरे की समस्या से सर्वाधिक ग्रसित विश्व के छह देशों में भारत दूसरे स्थान पर है।
- इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों में खसरे के विरुद्ध किये गए टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या बताई गई है।
- इस सूची में पहले स्थान पर नाइजीरिया (24 लाख), दूसरे स्थान पर भारत (23 लाख), तीसरे स्थान पर पाकिस्तान (14 लाख), चौथे स्थान पर इथियोपिया (13 लाख), पाँचवें स्थान पर इंडोनेशिया (12 लाख) तथा छठे स्थान पर फिलिपींस (7 लाख) है।
- भारत ने खसरा उन्मूलन के लिये विश्व का सबसे बड़ा खसरा-रूबेला अभियान चलाया, जिसके द्वारा भारत में वर्ष 2017 से 2018 के मध्य लगभग 9 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया।
- WHO को सौंपे गए आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत में खसरे के 70 हज़ार (विश्व में तीसरा सर्वाधिक) मामले दर्ज किये गए तथा वर्ष 2019 में यह आँकड़ा 29 हज़ार था।