सामाजिक न्याय
कोविड के कारण मातृ मृत्यु दर में वृद्धि: लैंसेट रिपोर्ट
- 05 Apr 2021
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
‘द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 महामारी से निपटने में स्वास्थ्य प्रणाली की विफलता के कारण मातृ मृत्यु दर और गर्भपात के मामलों में वृद्धि हुई है।
- यह रिपोर्ट ब्राज़ील, मैक्सिको, अमेरिका, कनाडा, यू.के., डेनमार्क, नीदरलैंड, इटली, भारत, चीन और नेपाल सहित 17 देशों में किये गए 40 अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है।
प्रमुख बिंदु:
-
वैश्विक परिदृश्य:
- मृत्यु दर में वृद्धि:
- गर्भपात के मामलों में 28% की वृद्धि हुई और गर्भावस्था या प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर का जोखिम लगभग एक-तिहाई बढ़ गया है।
- कोविड-19 महामारी के दखल के कारण माताओं और शिशुओं दोनों की मृत्यु के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है।
- मातृ अवसाद में भी वृद्धि हुई।
- गरीब देश सर्वाधिक प्रभावित:
- गर्भावस्था पर कोविड-19 का प्रभाव गरीब देशों में अत्यधिक देखा गया।
- हाशिये पर स्थित समूह सर्वाधिक प्रभावित:
- हाशिये पर स्थित समूहों में कोविड-19 का प्रभाव सर्वाधिक देखा गया।
- नेपाल में अस्पताल में होने वाले प्रसवों की संख्या में कमी को सर्वाधिक रूप से देखा गया।
- यू.के. में महामारी की पहली लहर के दौरान कुल गर्भवती महिलाओं की मौतों में से 88% मौतें अल्पसंख्यक जातीय समूहों से संबंधित महिलाओं की हुईं।
- हाशिये पर स्थित समूहों में कोविड-19 का प्रभाव सर्वाधिक देखा गया।
- मृत्यु दर में वृद्धि:
-
भारतीय परिदृश्य:
- वर्ष 2020 में अप्रैल और जून के बीच राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2019 की इसी अवधि की तुलना में निम्नलिखित अंतर देखा गया:
- चार या उससे अधिक प्रसव-पूर्व जाँच प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं में 27% की गिरावट।
- संस्थागत प्रसव में 28% की गिरावट।
- जन्म-पूर्व सेवाओं में 22% की गिरावट।
- वर्ष 2020 में अप्रैल और जून के बीच राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2019 की इसी अवधि की तुलना में निम्नलिखित अंतर देखा गया:
-
कारण:
- स्वास्थ्य सेवाओं की अक्षमता:
- स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की अक्षमता और महामारी का सामना करने के लिये लागू किये गए सख्त लॉकडाउन उपायों के कारण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुँच कम हो गई है।
- सामाजिक परिवर्तन:
- व्यापक सामाजिक परिवर्तन मातृ-स्वास्थ्य में गिरावट का कारण हो सकता है, इनमें घरेलू हिंसा, रोज़गार की हानि और स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की अतिरिक्त देखभाल संबंधी ज़िम्मेदारियाँ शामिल हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं की अक्षमता:
-
सुझाव:
- काल्पनिक रणनीति:
- नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य सेवा नेतृत्त्वकर्त्ताओं द्वारा तत्काल वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित कर सुरक्षित और सम्मानजनक मातृत्व देखभाल के संरक्षण हेतु मज़बूत रणनीतियों का निरीक्षण किया जाना चाहिये।
- निवेश में वृद्धि करना:
- कम-संसाधन वाले क्षेत्रों में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में दशकों से देखी जा रही निवेश में कमी को पूरा करने के लिये तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- मातृत्व सेवा क्षेत्र के कर्मचारियों को दूसरे कार्यों में नियोजित न करना:
- महामारी के दौरान महत्त्वपूर्ण और चिकित्सा देखभाल संबंधी मातृत्व सेवाओं से संबंधित कार्मिकों को अन्य कार्यों में नियोजित नहीं किया जाना चाहिये।
- काल्पनिक रणनीति:
-
मातृ और बाल स्वास्थ्य से संबंधित कुछ भारतीय पहलें:
- लक्ष्य (LaQshya) कार्यक्रम।
- सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) पहल।
- जननी सुरक्षा योजना।
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यकम (JSSK)।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)।
- मिशन इंद्रधनुष।
- पोषण अभियान।
- माता और बाल संरक्षण कार्ड।