चीन द्वारा सीमा उल्लंघन के मामलों में वृद्धि | 23 May 2020
प्रीलिम्स के लिये:भारत-चीन सीमा, गैलवान घाटी, पैंगोंग त्सो झील मेन्स के लिये:भारत-चीन सीमा विवाद |
चर्चा में क्यों?
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015 के बाद से चीन की तरफ से लद्दाख क्षेत्र में 'वास्तविक नियंत्रण रेखा' (Line of Actual Control- LAC) का उल्लंघन करने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रमुख बिंदु:
- वर्ष 2020 के शुरुआती चार महीनों में चीन द्वारा 170 बार LAC का उल्लंघन किया गया है। जिनमें से 130 बार LAC उल्लंघन केवल लद्दाख क्षेत्र में किया गया है।
- जबकि वर्ष 2019 में इसी अवधि के दौरान लद्दाख में केवल 110 बार LAC का उल्लंघन किया गया था।
LAC उल्लंघन के 4 प्रमुख स्थान:
- 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर 80% LAC उल्लंघन के मामले केवल चार स्थानों पर दर्ज किये गए हैं जिनमें से तीन स्थान पश्चिमी LAC क्षेत्र के पूर्वी लद्दाख में स्थित हैं।
- पश्चिमी सीमा:
- पश्चिमी क्षेत्र में लद्दाख और अक्साई-चिन क्षेत्र शामिल है।
- पैंगोंग त्सो (Pangong Tso), ट्रिग हाइट्स (Trig Heights) और बर्ट्स (Burtse) में LAC उल्लंघन के दो-तिहाई मामले दर्ज किये गए हैं।
- पैंगोंग त्सो 135 किलोमीटर लंबी झील है, जिसका एक तिहाई हिस्सा भारत द्वारा नियंत्रित है।
- डूमेचेले (Dumchele) के सामने स्थित डोलेटांगो क्षेत्र (Doletango area) में वर्ष 2019 में 54 LAC उल्लंघन के मामले देखने को मिले हैं।
- पूर्वी क्षेत्र:
- इसमें सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के साथ लगने वाली सीमा को शामिल किया गया है। पूर्वी क्षेत्र में सीमा उल्लंघन के अधिकतर मामले दिचू क्षेत्र/मदन कगार क्षेत्र (Dichu Area/Madan Ridge Area) में दर्ज किये गए हैं।
- पूर्वी सीमा पर सिक्किम के ‘नाकु ला’ (Naku La) क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कभी-कभी टकराव देखने को मिलता है।
- मध्य क्षेत्र:
- यह सीमा तिब्बत के साथ लगती है, इसमें अनेक लघु क्षेत्रों को लेकर विवाद है।
- मध्य क्षेत्र में सीमा उल्लंघन के अधिकतर मामले उत्तराखंड के बाराहोती (Barahoti) में दर्ज किये गए हैं।
गैलवान घाटी (Galwan Valley) क्षेत्र को लेकर विवाद:
- हाल ही में चीन की एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 'अक्साई चीन’ के गैलवान घाटी (Galwan Valley) क्षेत्र में भारत ने रक्षा सुविधाओं का निर्माण किया है। यद्यपि भारत ने आधिकारिक रूप से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गैलवान नदी घाटी क्षेत्र में भी दोनों सेनाओं के बीच तनाव देखने को मिला है।
LAC पर सीमा उल्लंघन के मामले:
- वर्ष 2015 के बाद से तीन-चौथाई LAC उल्लंघन के मामले पश्चिमी क्षेत्र में जबकि पूर्वी क्षेत्र में कुल LAC उल्लंघन के केवल 1/5 मामले देखने को मिले हैं।
- पश्चिमी क्षेत्र में अधिकतर मामले जमीनी सीमा उल्लंघन के देखने को मिले हैं जबकि पूर्वी क्षेत्र में अधिकांश मामले हवाई सीमा उल्लंघन के दर्ज किये गए हैं।
- चीन द्वारा ‘पैंगोंग त्सो’ (Pangong Tso) झील क्षेत्र में वायु, भूमि तथा जल तीनों LAC सीमाओं का उल्लंघन किया गया है।
सीमा उल्लंघन के मामलों को सुलझाने का प्रयास:
- वर्ष 2017 में ‘डोकलाम गतिरोध’ (Doklam Standoff) के बाद से पूर्वी क्षेत्र में LAC उल्लंघन के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई।
- डोकलाम गतिरोध के तुरंत बाद सितंबर 2017 में ‘शियामेन’ (Xiamen) में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा मुलाकात की गई।
- वुहान में अप्रैल 2018 में प्रथम 'अनौपचारिक शिखर सम्मेलन' के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने सीमाओं के प्रबंधन की दिशा में 'विश्वास एवं आपसी समझ बनाने' की दिशा में रणनीतिक मार्गदर्शन जारी किया गया।
- भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति की बिश्केक और महाबलीपुरम में मुलाकातों के बावजूद वर्ष 2019 में 497 बार LAC का उल्लंघन किया गया।
सीमा उल्लंघन के मामलों में वृद्धि का कारण:
- अधिकारियों का तर्क है कि अधिकतर LAC उल्लंघन के मामले इसलिये होते हैं क्योंकि दोनों देशों की सेनाएँ LAC का अपनी-अपनी धारणाओं के अनुसार, निर्धारण करके इस क्षेत्र में गश्त करने की कोशिश करती हैं।
आगे की राह:
- चीन, भारतीय सीमा के उल्लंघन के कदम, एशिया में भारत की बढ़ती प्रभावी स्थिति को चुनौती देने के लिये उठाता है। बदली हुई परिस्थितियों में भारत के लिये यह ज़रूरी हो गया है कि वह अन्य एशियाई देशों के साथ कूटनीतिक और सामरिक सहयोग बढ़ाकर चीन की चुनौतियों का मुकाबला करे।