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कृषि

गेहूं की खरीद में बढ़ोतरी

  • 11 May 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

देश में गेंहू उत्पादन

मेन्स के लिये

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य असुरक्षा की समस्या

चर्चा में क्यों?

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) के अनुसार, देश में सभी प्रमुख खरीद वाले राज्यों (Procuring States) में गेहूं की खरीद तेज़ी से हो रही है। 

प्रमुख बिंदु

  • 26 अप्रैल, 2020 तक केंद्रीय पूल के लिये कुल 88.61 लाख मीट्रिक टन (Lakh Metric Tonnes-LMT) गेहूं की खरीद हो चुकी है।
  • इसमें 48.27 LMT के साथ सबसे अधिक योगदान पंजाब का रहा है, जिसके पश्चात् 19.07 LMT के साथ हरियाणा का स्थान है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि खरीद की मौजूदा गति में वर्तमान सत्र में 400 LMT का लक्ष्य काफी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
  • खपत वाले राज्यों में कई प्रमुख अनलोडिंग केंद्रों के हॉटस्पॉट और नियंत्रण क्षेत्र घोषित होने के कारण कई प्रकार के प्रतिबंधों के बावजूद इस अवधि के दौरान 53.47 LTM खाद्यान्न की अनलोडिंग की गई है। 
  • ऐसा अनुमान है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दिये जाने के साथ आने वाले दिनों में अनलोडिंग की मात्रा और अधिक बढ़ जाएगी।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) के अंतर्गत 3 महीने (अप्रैल से जून) के लिये प्रति व्यक्ति मुफ्त 5 किलोग्राम खाद्यान्न वितरण की मांग में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और लक्षद्वीप पहले ही अपने 3 महीने के पूरे कोटे को प्राप्त कर चुके हैं।

COVID-19 संबंधी नियमों का पालन

  • मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 के प्रसार के खतरे को देखते हुए मंडियों में पर्याप्त सावधानी और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के साथ ही खरीद की जा रही है।
  • साथ ही सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिये भरपूर प्रयास किये जा रहे हैं कि किसानों को इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

भारतीय खाद्य निगम की भूमिका

  • ध्यातव्य है कि रेलवे और भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) भी इस विषय पर महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। 27 मार्च, 2020 तक भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिये खाद्यान्नों की ज़रूरत को पूरा करने हेतु कुल 2,087 ट्रेनों के माध्यम से  लगभग 58.44 LTM खाद्यान्न भेजा गया है।
  • FCI ने ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सभी राज्यों में पर्याप्त भंडार की व्यवस्था कर ली है। पश्चिम बंगाल के मामले में 3 महीने के लिये ज़रूरी लगभग 9 LMT के अतिरिक्त आवंटन की योजना पहले ही तैयार कर ली गई है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल में इतनी कम अवधि में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 4 राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से पश्चिम बंगाल के विभिन्न राज्यों में ट्रेनों के माध्यम से चावल भेजे जाएंगे। 

भारतीय खाद्य निगम

(Food Corporation of India- FCI)

  • भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) ‘उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय’ के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अंतर्गत शामिल सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
  • FCI एक सांविधिक निकाय है जिसे भारतीय खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत वर्ष 1965 में स्थापित किया गया।
  • इसका मुख्य कार्य खाद्यान्न एवं अन्य खाद्य पदार्थों की खरीद, भंडारण, परिवहन, वितरण और बिक्री करना है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 

(Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana)

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के गरीब परिवारों के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत भारत के लगभग 80 करोड़ व्यक्तियों (भारत की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या) को शामिल किया गया है।
  • इनमें से प्रत्येक व्‍यक्ति को 3 महीनों के दौरान मौज़ूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्‍न मुफ्त प्रदान किया जा रहा है।
  • उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 3 महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्‍येक परिवार को मुफ्त में 1 किलो दाल भी प्रदान की जा रही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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