जैव विविधता और पर्यावरण
केरल में हाथियों की संख्या में वृद्धि
- 27 Jul 2019
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चर्चा में क्यों?
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में हाथियों की नवीनतम जनगणना में केरल में लगभग 2,700 हाथियों के गणना में शामिल न होने की की संभावना जताई गई है।
प्रमुख बिंदु
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2017 में देश में लगभग 23 राज्यों से लिये गए आँकड़ों के अनुसार औसतन 27,312 हाथी थे, जबकि वर्ष 2012 में औसतन 29,576 हाथियों की संख्या दर्ज़ की गई थी।
- उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत पाँच साल में एक बार हाथियों की जनगणना करवाई जाती है।
- वर्ष 2017 के आँकड़ों के अनुसार, केरल में केवल 3,054 हाथी थे जबकि हाल ही में दिये गए आँकड़ों में हाथियों की संख्या 5,706 है।
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप एकमात्र ऐसा क्षेत्र था जहाँ हाथियों की संख्या 2017 के अनुमान से कम रही। (25 से कम होकर 19)
- संख्या में इस तरह की विसंगति का कारण हाथियों की गिनती करने में प्रत्यक्ष गणना विधि का प्रयोग करना है।
- ध्यातव्य है कि जंगली जानवरों को देखना कठिन होता है इसलिये वर्षों से शोधकर्त्ताओं द्वारा इनकी आबादी का अनुमान लगाने के लिये कई तकनीकों के साथ-साथ सांख्यिकीय तकनीकों का भी उपयोग किया जाता है।
- ‘अप्रत्यक्ष गणना’ विधि के तहत हाथियों का गोबर देखे जाने के आधार पर किसी क्षेत्र में आबादी का अनुमान लगाया जाता है।