सामाजिक न्याय
कृषक परिवारों में आय की असमानता
- 08 Jul 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में नाबार्ड द्वारा किये गए सर्वेक्षण में भारतीय कृषक परिवारों के बीच लगातार बढ़ रही आय असमानता को रेखांकित किया गया है।
प्रमुख बिंदु :
- सर्वेक्षण से एकत्रित किये गए आँकड़ों के अनुसार, भारत के कृषक परिवारों में राज्यों के बीच आय असामनता 16,020 रुपए ( पंजाब में सबसे अधिक) से लेकर 5,842 रुपए (आंध्र प्रदेश में सबसे कम) तक है।
- इसके अतिरिक्त सर्वेक्षण सर्वे में यह पाया गया है कि देश के 85 प्रतिशत किसान कुल कृषक आय का मात्र 9 प्रतिशत हिस्सा ही कमाते हैं जबकि शेष 15 प्रतिशत किसान 91 प्रतिशत हिस्सा कमाते हैं।
- यदि भारत की समग्र आय असमानता से इन आँकड़ों की तुलना की जाए तो ये बहुत अधिक अंतराल को दर्शाते हैं।
- भारत मे असमानता के इन आँकड़ों को देखते हुए यह तथ्य भी चौंकाने वाला नहीं है कि 43 प्रतिशत ऋणी भारतीय परिवार किसान ही हैं।
- आय की असमानता का यह पहलू किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य के संदर्भ में भी महत्त्वपूर्ण है।
- आय के निर्धारण में उपलब्ध भूमि एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है :
- जिस किसान के पास खेती के लिये कम भूमि उपलब्ध होती है तो उसकी आय भी कम होती है।
- भारत के 85 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम भूमि है।
- इन्ही कारणों के परिणामस्वरूप छोटे किसानों को अपनी आय बढ़ाने में बड़े किसानों की अपेक्षा अधिक समय लगता है।