लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चाबहार बंदरगाह का महत्त्व

  • 10 Jul 2017
  • 3 min read

संदर्भ
भारत, ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में रणनीतिक सुविधा पर तेज़ी से कार्य करने के लिये उत्सुक है। यहाँ भारत द्वारा रणनीतिक महत्त्व के चाबहार बंदरगाह का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके लिये प्रमुख उपकरण की आपूर्ति करने के लिये दो प्रमुख भारतीय संगठनों ने बोली लगाई है, जबकि और अधिक बोली लगाने वालों को आकर्षित करने के लिये वित्तीय योग्यता मानदंडों के विस्तार की प्रक्रिया ज़ारी है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत ऊर्जा से भरपूर फारस की खाड़ी के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित इस बंदरगाह पर काम की गति बढ़ाने के लिये उत्सुक है, जिसे भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • भारत सरकार को 2018 तक इस परियोजना के पहले चरण के कार्य के पूरी होने की उम्मीद है। कैबिनेट ने पहले ही इस परियोजना के विकास के लिये धन अनुमोदित कर दिया है।
  • ईरान और पड़ोसी देशों के साथ व्यापार और निवेश के अधिक प्रवाह के लिये मंत्रिमंडल ने पिछले साल चाबहार बंदरगाह के विकास के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी थी, जिसमें एक्जिम बैंक से $ 150 मिलियन का ऋण भी शामिल था।

भारत के लिये चाबहार का महत्त्व

  • मध्ययुगीन यात्री अल-बरुनी ने चाबहार को भारत का प्रवेश-द्वार भी कहा था। चाबहार का अर्थ है चार झरने।
  • भारत वर्ष 2003 से इस बंदरगाह के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के प्रति अपनी रुचि दिखा रहा है। लेकिन ईरान पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और कुछ हद तक ईरानी नेतृत्व की दुविधा की वज़ह से बात आगे बढ़ने की गति धीमी रही। हालाँकि पिछले तीन वर्षों में इस दिशा में काफी प्रगति हुई है।
  • चाबहार भारत के लिये अफगानिस्तान और मध्य एशिया के द्वार खोल सकता है। यह बंदरगाह एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ स्थान है।
  • चाबहार बंदरगाह कई मायनों में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से बेहतर है। चाबहार गहरे पानी में स्थित बंदरगाह है और यह ज़मीन के साथ मुख्य भू-भाग से भी जुड़ा हुआ है, जहाँ सामान उतारने-चढ़ाने पर कोई शुल्क नहीं लगता। 
  • यहाँ मौसम सामान्य रहता है और हिंद महासागर से गुज़रने वाले समुद्री रास्तों तक भी यहाँ से पहुँच बहुत आसान है।
  • विदित हो कि भारत-अफगानिस्तान व्यापार अभी तक पाकिस्तान के रास्ते होता है, लेकिन पाकिस्तान इसमें रोड़े अटकाता रहता है। चाबहार बंदरगाह के ज़रिये अफगानिस्तान को भारत से व्यापार करने के लिये एक और रास्ता मिल जाएगा।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2