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परिष्कृत मोबाइल फोन का आयात

  • 18 May 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

भारत ने परिष्कृत मोबाइल फोन के आयात की अनुमति दी है, हालाँकि इस संदर्भ में यह शर्त भी रखी है कि इन्हें भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards-BIS) द्वारा प्रमाणित कराया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • एक परिष्कृत/नवीनीकृत मोबाइल फोन ऐसे फोन या हैंडसेट (Handset) को कहते हैं जिसके परिचालन में समस्या उत्पन्न होने के कारण उसे मोबाइल निर्माता कंपनी को वापस लौटा दिया जाता है ताकि फोन में आने वाली समस्या का पता लगाया जा सके। साथ ही कारखाने/कंपनी के मानकों के अधीन रहते हुए इस मोबाइल फोन को ठीक करके पुन: प्रयोग में लाया जा सके।
  • यह निर्णय एप्पल जैसी मोबाइल संचालक कंपनियों की मांगों को पूरा करता है, जो भारत में उभरते स्मार्टफोन व्यवसाय से लाभ प्राप्त करना चाहती हैं।
  • वाणिज्य मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का आयात (इसमें नए के साथ-साथ पुरानी वस्तुएँ, परिष्कृत या अपरिष्कृत, मरम्मत की गई अथवा बिना मरम्मत वाली वस्तुएँ शामिल हैं) जिसके लिये पंजीकरण की अनिवार्यता होती है, तब तक प्रतिबंधित होता हैं जब तक कि उन्हें बी.आई.एस. के साथ पंजीकृत और वर्गीकरण की आवश्यकताओं का पालन नहीं किया जाता है।
  • यदि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय किसी विशेष खेप के लिये विशिष्ट छूट देता है तो आयात की अनुमति दी जा सकती है।

चिंता/मुद्दा

  • मुख्य चिंता का विषय यह है कि बी.आई.एस. परिष्कृत फोनों को प्रमाणित करने में किस प्रकार सक्षम होगा, इसका कारण है कि परिष्कृत होने वाले सभी फोनों में एकरूपता की कमी है। ऐसे में सभी के लिये एक ही मानक तय करना और उसके अनुरूप प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का अनुपालन करना कठिन होगा।
  • उदाहरण के लिये, नए फोन में  एकसमान मानक (uniform standard) होते हैं और प्रमाणीकरण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु फोन के किसी एक नमूने की जाँच की जा सकती है। हालाँकि इस तरह की एकसमान नमूने की जाँच वाली युक्ति परिष्कृत/नवीनीकृत मोबाइल फोन के मामले में संभव नहीं है।
  • ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि संभवतः कंपनियाँ खतरनाक इलेक्ट्रॉनिक कचरे/अपशिष्ट (Hazardous Electronic Waste) के निपटान के लिये एक विकल्प के रूप में भारत का उपयोग कर सकती हैं।
  • साथ ही परिष्कृत मोबाइल फोन के आयात से ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) जैसी पहल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • इसके अतिरिक्त यह इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति (National Policy on Electronics), 2019 के  मानकों की भी  अपेक्षा करेगा।

भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards-BIS)

  • बी.आई.एस. वस्तुओं  के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन जैसी गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिये बी.आई.एस. अधिनियम 2016 के तहत स्थापित भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय (National Standard Body of India) है।
  • इसके अतिरिक्त यह संस्था उक्त विषयों से जुड़े आकस्मिक या अतिरिक्त मामलों को नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिये भी उत्तरदायी है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
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