विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मेलामाइन की जाँच हेतु नई तकनीक
- 13 May 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लियेडेयरी उत्पाद, मेलामाइन मेन्स के लियेखाद्य पदार्थों में मिलावट से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
बंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (Indian Institute of Science-IISc) के शोधकर्त्ताओं ने दूध और डेयरी उत्पादों (Dairy Products) में मेलामाइन (Melamine) की उपस्थिति का पता लगाने के लिये कम लागत वाली एक तकनीक विकसित की है।
प्रमुख बिंदु
- मेलामाइन (Melamine) एक कार्बन आधारित रसायन होता है, जिसे दूध और डेयरी उत्पादों में मिलावट करने के लिये प्रयोग किया जाता है। उल्लेखनीय है कि दूध और डेयरी उत्पादों में मेलामाइन (Melamine) की मिलावट करने से गुर्दे संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं और गुर्दा पूर्णतः खराब भी हो सकता है।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, वर्तमान में मेलामाइन की उपस्थिति का पता लगाने के लिये उपयोग की जाने वाली तकनीकें काफी अधिक समय की मांग करती हैं और इनका प्रयोग करने के लिये सामान्यतः महंगे और परिष्कृत उपकरणों और उच्च प्रशिक्षित कर्मियों की आवश्यकता होती है।
- उल्लेखनीय है कि IISc के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित की गई तकनीक के माध्यम से पानी और दूध में मेलामाइन का पता लगाने की प्रक्रिया को काफी तेज़ किया जा सकता है।
- शोध के दौरान शोधकर्त्ताओं ने मेलामाइन की सांद्रता (Concentrations) की रेंज का पता लगाने के लिये नई तकनीक का प्रयोग किया और यह पाया कि यह तकनीक पानी और दूध में मेलामाइन के 0.1 भाग प्रति मिलियन (Parts Per Million-PPM) तक का पता लगाने में सक्षम है।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, इस शोध का परिणाम ज्ञात करने में उन्हें मात्र 4 मिनट का समय लगा।
- इस शोध के दौरान शोधकर्त्ताओं द्वारा ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया गया जो कि कम लागत पर आसानी से उपलब्ध थे, जैसे नैनो कणों (Nanoparticles) को रोशन करने के लिये सामान्य यूवी एलईडी (UV LED) का प्रयोग किया गया, वहीं फ्लोरेसेंस (Fluorescence) का पता लगाने के लिये PIN फोटोडायोड (PIN Photodiode) का प्रयोग किया गया है।
- इस तकनीक में आसानी से लेड और पारा जैसे अन्य पदार्थों का पता लगाने के लिये परिवर्तन किये जा सकते हैं।
- शोधकर्त्ताओं का अनुमान है कि भविष्य में इस तकनीक को पर्यावरण और खाद्य गुणवत्ता परीक्षण के लिये एक स्क्रीनिंग उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
भारत में दूध उत्पादन
- उल्लेखनीय है कि भारत वर्षों से निरंतर विकास के साथ विश्व स्तर पर डेयरी उत्पादों का प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता रहा है।
- आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में भारत में तकरीबन 187 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया गया था।
- भारत में दूध उत्पादन की महत्ता का एक मुख्य कारण यह भी है कि दूध किसानों को काफी आसानी से नकदी उपलब्ध कराता है, जबकि फसलों के कारण किसानों को वर्ष में केवल 2-3 बार ही पैसा मिलते हैं।
मेलामाइन (Melamine)
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