भारतीय अर्थव्यवस्था
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण
- 02 Jan 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority-IFSCA) अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO) का एक सहयोगी सदस्य बन गया है।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) IOSCO का एक साधारण सदस्य है।
मुख्य बिंदु:
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA):
- IFSCA की स्थापना अप्रैल 2020 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019 के तहत की गई थी।
- एक IFSC घरेलू अर्थव्यवस्था के अधिकार क्षेत्र से बाहर के ग्राहकों को आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
- इसका मुख्यालय गांधीनगर (गुजरात) की गिफ्ट सिटी (GIFT City) में स्थित है।
- यह भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास तथा विनियमन के लिये एक एकीकृत प्राधिकरण है।
- इसकी स्थापना IFSC में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को बढ़ावा देने और एक विश्व स्तरीय नियामक वातावरण प्रदान करने के लिये की गई है।
लक्ष्य:
- एक मज़बूत वैश्विक संपर्क सुनिश्चित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मंच के रूप में सेवा प्रदान करना।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO):
- स्थापना: अप्रैल 1983
- मुख्यालय: मेड्रिड, स्पेन
- IOSCO का एशिया पैसिफिक हब (IOSCO Asia Pacific Hub) कुआलालंपुर, मलेशिया में स्थित है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन विश्व के प्रतिभूति नियामकों को एक साथ लाता है। IOSCO विश्व के 95% से अधिक प्रतिभूति बाज़ारों को कवर करता है तथा प्रतिभूति क्षेत्र के लिये वैश्विक मानक निर्धारक का कार्य करता है।
- यह प्रतिभूति बाज़ारों की मज़बूती हेतु मानक स्थापित करने के लिये G20 समूह और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) के साथ मिलकर काम करता है।
- वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है, जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली के संदर्भ में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करता है।
- IOSCO के प्रतिभूति विनियमन के सिद्धांतों और लक्ष्यों को FSB द्वारा तर्कसंगत वित्तीय प्रणालियों के लिये प्रमुख मानकों के रूप में समर्थन प्रदान किया गया है।
- IOSCO की प्रवर्तन भूमिका का विस्तार ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक’ (IFRS) की व्याख्या के मामलों तक है, जहाँ IOSCO सदस्य एजेंसियों द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों का एक (गोपनीय) डेटाबेस रखा जाता है।
- IFRS एक लेखा मानक है जिसे अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानक बोर्ड (IASB) द्वारा वित्तीय जानकारी के प्रस्तुतीकरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिये एक सामान्य लेखांकन भाषा प्रदान करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
उद्देश्य:
- निवेशकों की सुरक्षा, निष्पक्ष, कुशल और पारदर्शी बाज़ारों को बनाए रखने तथा प्रणालीगत जोखिमों को दूर करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एवं विनियमन, निरीक्षण व प्रवर्तन के मानकों का पालन सुनिश्चित करने, लागू करने और बढ़ावा देने में सहयोग करना।
- प्रतिभूति बाज़ारों की अखंडता में सूचना के आदान-प्रदान और कदाचार के खिलाफ प्रवर्तन में सहयोग तथा बाज़ारों एवं बाज़ार के मध्यस्थों की निगरानी में सहयोग के माध्यम से निवेशकों की सुरक्षा व विश्वास को बढ़ावा देने के लिये।
- बाज़ारों और बाज़ार के मध्यस्थों की निगरानी तथा कदाचार के खिलाफ प्रवर्तन में मज़बूत सूचना विनिमय एवं सहयोग के माध्यम से प्रतिभूति बाज़ारों की अखंडता के प्रति निवेशकों के विश्वास व उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देना।
- बाज़ारों के विकास में सहायता, बाज़ार के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और उचित विनियमन को लागू करने के लिये अपने अनुभवों के आधार पर वैश्विक तथा क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिये।
सदस्यता का महत्त्व:
- IOSCO की सदस्यता, IFSCA को सामान्य हितों को लेकर वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिये एक मंच प्रदान करेगी।
- IOSCO प्लेटफॉर्म IFSCA को सुस्थापित अनुभवी वित्तीय केंद्रों के नियामकों के अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर प्रदान करेगा।