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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

I2U2 शिखर सम्मेलन और खाद्य सुरक्षा

  • 15 Jul 2022
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पहले I2U2 (भारत, इज़रायल, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात) नेताओं का शिखर सम्मेलन वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया।

I2U2

  • परिचय:
    • I2U2 भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गठित एक समूह है।  इसे 'पश्चिम एशियाई क्वाड' भी कहा जाता है।
    • I2U2 का गठन अक्तुबर, 2021 में अब्राहम समझौते के बाद समुद्री सुरक्षा, आधारभूत संरचना और परिवहन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिये किया गया था।
      • ‘अब्राहम एकॉर्ड (Abraham Accord) इज़रायल और अरब देशों के बीच पिछले 26 वर्षों में पहला शांति समझौता है।
  • उद्देश्य:
    • इसका घोषित उद्देश्य "पारस्परिक हित के सामान्य क्षेत्रों और उसके बाहर व्यापार एवं निवेश में आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने" पर चर्चा करना है।
    • देशों द्वारा परस्पर सहयोग के छह क्षेत्रों की पहचान की गई है तथा इसका उद्देश्य जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश को प्रोत्साहित करना है।

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने देश भर में फूड पार्क विकसित करने के लिये भारत में 2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का निवेश करने की घोषणा की।
  • भारत इस परियोजना के लिये उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराएगा और किसानों के फूड पार्कों में एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।
  • समूह ने गुजरात में "हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना" का समर्थन करने की घोषणा की, जिसमें 300 मेगावाट (MW) पवन और सौर क्षमता शामिल है।
    • यह परियोजना वर्ष 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लिये भारत में एक और महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगी।
  • अमेरिका और इज़रायल को निजी क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने और समूह के तहत परियोजनाओं की समग्र स्थिरता में योगदान करने वाले अभिनव समाधान प्रदान करने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।

फूड पार्क:

  • फूड पार्क एक अवधारणा है जिसका उद्देश्य खेत से प्रसंस्करण तक उपभोक्ता बाज़ारों का सीधा संबंध स्थापित करना है।
  • इसमें केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र से जुड़े संग्रह केंद्र (CC) और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (PPC) शामिल हैं।

फूड पार्क का महत्त्व:

  • खाद्य असुरक्षा से निपटना:
    • फूड पार्कों में निवेश से फसल की पैदावार को अधिकतम करने के साथ ही र बदले में दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व में खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद मिलेगी।
    • उनका उद्देश्य "खाद्य क्षति और खाद्यान्न के खराब होने" को कम करना है।
      • भारत, दुनिया में प्रमुख खाद्य उत्पादक है।
      • यूक्रेन में वर्तमान सैन्य स्थिति की पृष्ठभूमि में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना अत्यावश्यक हो गया है, इसने खाद्य, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों पर व्यापक नकारात्मक प्रभाव डाला है।
  • आय में वृद्धि:
    • किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी और वे पटल पर आएंगे।
  • कृषि आपूर्ति शृंखला को कारगर बनाना:
    • भारत को खाद्य परियोजना के लिये चुना गया था क्योंकि यह इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात से निकटता के कारण एक सुगम कृषि आपूर्ति शृंखला बनाने में मदद करेगा।

आगे की राह

  • केवल साझेदारी ही आज के संघर्षों और अतिव्यापी चुनौतियों को दूर कर सकती है, जिनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी हैं।
  • भारत के मध्य-पूर्व के साथ भी बहुत पुराने संबंध हैं और न केवल खाड़ी देशों बल्कि वर्षों से इज़रायल के साथ भी संबंध हैं।
  • इसलिये जिस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका इस क्षेत्र में इज़रायल के एकीकरण को मज़बूत करने में मदद करने में एक महत्त्वपूर्ण और केंद्रीय भूमिका निभा सकता है, उसी तरह भारत को भी इसमें भूमिका निभानी है।
  • भारत इंडो-पैसिफिक में यह कहते हुए "महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है" कि वह "इंडो-पैसिफिक में सबसे बड़े, सबसे महत्त्वपूर्ण, सबसे रणनीतिक रूप से परिणामी देशों में से एक है और इसलिये उसे क्वाड के माध्यम से हमारी रणनीति में एक केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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