आई-एसटीईएम इंटर चरण -2 | 26 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये:

I-STEM , प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद 

मेन्स के लिये:

I-STEM के विभिन्न चरण एवं उसके उद्देश्य 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग सुविधाएँ मानचित्र (Indian Science Technology and Engineering facilities Map- I-STEM) परियोजना को पाँच वर्ष (वर्ष 2026 तक) के लिये विस्तार दिया गया है तथा इसने अतिरिक्त सुविधाओं के साथ अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर लिया है।

I-STEM

प्रमुख बिंदु

I-STEM:

  • I-STEM के विषय में:
    • I-STEM अनुसंधान एवं विकास (Research and Development- R&D) सुविधाओं को साझा करने के लिये एक राष्ट्रीय वेब पोर्टल है।
    • यह पोर्टल शोधकर्त्ताओं को उपकरणों के उपयोग के लिये स्लॉट तक पहुँचने के साथ-साथ परिणामों के विवरण जैसे- पेटेंट, प्रकाशन और प्रौद्योगिकियों को साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • लॉन्च: 
    • PM-STIAC: यह एक व्यापक परिषद है जो प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय को विशिष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्थिति का आकलन करने, भविष्य का रोडमैप विकसित करने, चुनौतियों को समझने आदि विषय पर प्रधानमंत्री को सलाह देने की सुविधा प्रदान करती है।
    • इस पोर्टल को जनवरी 2020 में लॉन्च किया गया। यह प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (Prime Minister’s Science, Technology & Innovation Advisory Council- PM-STIAC) के तत्त्वावधान में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की एक पहल है।
  • लक्ष्य:
    • I-STEM का लक्ष्य शोधकर्त्ताओं को संसाधनों से जोड़कर देश के R&D पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना है।
    • स्वदेशी प्रौद्योगिकियों एवं वैज्ञानिक उपकरणों के विकास को बढ़ावा देना और I-STEM वेब पोर्टल के माध्यम से देश में मौजूदा सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान तथा विकास सुविधाओं तक पहुँच को सक्षम करके शोधकर्त्ताओं को आवश्यक आपूर्ति व सहायता प्रदान करना।
  • चरण-I:
    • पहले चरण में पोर्टल को देश भर के 1050 संस्थानों के 20,000 से अधिक उपकरणों के साथ सूचीबद्ध किया गया है जिसमें 20,000 से अधिक भारतीय शोधकर्त्ता शामिल हैं।
  • चरण-II:
    • पोर्टल एक डिजिटल कैटलॉग के माध्यम से सूचीबद्ध स्वदेशी प्रौद्योगिकी के तहत उत्पादों की मेज़बानी करेगा। यह छात्रों और वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने हेतु आवश्यक चयनित R&D (अनुसंधान और विकास) सॉफ्टवेयर की मेज़बानी और पहुंँच प्रदान करेगा।
    • यह पोर्टल विभिन्न सिटी नॉलेज और इनोवेशन क्लस्टर्स के लिये  विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार  (Science Technology and Innovation- STI) पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्मित सहयोग और साझेदारी के माध्यम से  R&D बुनियादी ढांँचे के प्रभावी उपयोग को बढ़ाने हेतु  एक मंच भी प्रदान करेगा।
    • नए चरण को एक गतिशील डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में डिज़ाइन किया जाएगा जो विशेष रूप से टायर 2 और टायर 3 शहरों के लिये तथा उभरते स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र हेतु अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देगा।

स्रोत पी.आई.बी.