विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
लेह और नई दिल्ली में हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित बसें और कारें
- 29 Apr 2020
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प्रीलिम्स के लियेहाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक मेन्स के लियेवायु प्रदूषण को कम करने में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की भूमिका |
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (National Thermal Power Corporation-NTPC) लिमिटेड ने लेह और नई दिल्ली के लिये 10 हाइड्रोजन ईंधन सेल (Hydrogen Fuel Cell-HFC) आधारित इलेक्ट्रिक बसों और 10 हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित इलेक्ट्रिक कारों के लिये वैश्विक अभिरुचि पत्र (Expression of Interest-EoI) आमंत्रित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- यह वैश्विक अभिरुचि पत्र (EoI) NTPC की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनी NTPC विद्युत व्यापार निगम (NTPC Vidyut Vyapar Nigam-NVVN) लिमिटेड की ओर से जारी किये गए हैं।
- इस परियोजना के हिस्से के रूप में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग तथा इसके भंडारण एवं वितरण की सुविधाएँ भी विकसित की जाएंगी।
लाभ
- हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित वाहनों की खरीद से संबंधित यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें हरित ऊर्जा से लेकर ईंधन सेल वाहन तक का संपूर्ण समाधान विकसित किया जाएगा।
- हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने का उद्देश्य परिवहन के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करना भी है।
हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक
- ईंधन सेल विद्युत वाहन (Fuel Cell Electric Vehicles-FCEV) एक ऐसा यंत्र है जो कि ईंधन स्रोत के तौर पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीडेंट (Oxidant) के प्रयोग से विद्युत-रासायनिक प्रक्रिया (Electrochemical) द्वारा विद्युत का निर्माण करता है।
- ईंधन सेल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को संघटित (Combine) कर विद्युत धारा का निर्माण करता है तथा इस प्रक्रिया में जल उपोत्पाद (Byproduct) होता है।
- परंपरागत बैटरियों की भाँति ही हाइड्रोजन ईंधन सेल भी रासायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा में परिवर्तित करता है परंतु FCEV लंबे समय तक वहनीय हैं तथा भविष्य की इलेक्ट्रिक कारों के लिये एक आधार है।
- इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक में FCEVs एक नई पीढ़ी की शुरुआत है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिये हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
ईंधन सेल के लाभ
- पारंपरिक दहन आधारित तकनीक के विपरीत ये अत्यंत कम मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं तथा इनसे उत्सर्जित वायु से मानव स्वास्थ्य को नुकसान भी नहीं होता है।
- अन्य बैटरी द्वारा संचालित वाहनों के विपरीत FCEVs को किसी चार्जिंग पॉइंट की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इनमें ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाएगा तथा एक बार पूरा टैंक भरने पर ये 300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगे।
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और ई-मोबिलिटी समाधान
- भारत की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी, एनटीपीसी की स्थापना वर्ष 1975 में भारत के विद्युत विकास में तेजी लाने के लिये की गई थी।
- हालाँकि NTPC एक ताप विद्युत कंपनी है, किंतु वर्तमान में यह विद्युत उत्पादन व्यापार की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में उपस्थिति के साथ एक वैविध्यपूर्ण विद्युत कंपनी के रूप में उभर रही है।
- इसका मिशन नवप्रवर्तन एवं स्फूर्ति द्वारा संचालित रहते हुए किफायती, दक्षतापूर्ण एवं पर्यावरण-हितैषी तरीके से विश्वसनीय विद्युत-ऊर्जा एवं संबद्ध सेवाएँ प्रदान करना है।
- ध्यातव्य है कि NTPC सार्वजनिक परिवहन के संदर्भ में पूर्ण ई-मोबिलिटी समाधान प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रौद्योगिकी पहल कर रहा है।
- इन पहलों में आम लोगों को चार्जिंग सुविधा प्रदान करने हेतु बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना और राज्य/शहर परिवहन निगमों को इलेक्ट्रिक बसें प्रदान करना शामिल हैं।
- इस संबंध में, विभिन्न शहरों में 90 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और फरीदाबाद में ई-थ्री व्हीलर्स के लिये बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन पहले ही चालू किये जा चुके हैं।
- इसी तरह, अंडमान और निकोबार प्रशासन के लिये भी ई-बस समाधान योजना लागू की जा रही है।