ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस | 27 Feb 2023

प्रिलिम्स के लिये:

ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस, बोन-मैरो ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण), CCR5-डेल्टा 32 म्यूटेशन।

मेन्स के लिये:

एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिसिएंसी सिंड्रोम स्टेज (AIDS), एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट।

चर्चा में क्यों?

जर्मनी का एक बुजुर्ग व्यक्ति जिसे डसेलडोर्फ रोगी (Dusseldorf Patient) के रूप में जाना जाता है, HIV (Human Immunodeficiency Virus) से ठीक होने वाला’ तीसरा व्यक्ति बन गया है, दवा बंद करने के चार वर्ष बाद भी उसके शरीर में वायरस के कोई संकेत नहीं मिले हैं।

  • यह उपलब्धि विशिष्ट HIV प्रतिरोधी आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Mutation) वाले व्यक्तियों के माध्यम से  अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण द्वारा प्राप्त हुई है। 

HIV से अन्य रिकवरी:

  • बर्लिन का एक रोगी रक्त कैंसर के इलाज हेतु वर्ष 2007 और 2008 में दो स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद HIV से ठीक होने वाला पहला व्यक्ति था।
    • डॉक्टरों ने CCR5-डेल्टा 32 नामक एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन के साथ दाता का चयन किया जो वाहक को HIV के प्रति लगभग प्रतिरक्षित करता है।
  • वर्ष 2019 में लंदन के रोगी में इसी तरह के परिणाम दोहराए गए थे। वर्ष 2022 में सफल उपचार के दो और मामले सामने आए।  

CCR5-डेल्टा 32 म्यूटेशन:

  • सिस्टीन-सिस्टीन केमोकाइन रिसेप्टर 5 (CCR5) वायरस और एक कोशिका से दूसरी कोशिका प्रसार में शामिल प्रमुख HIV सह-रिसेप्टर (HIV co-receptor) है।
  • HIV CD4 कोशिकाओं में उनके CCR5 रिसेप्टर्स के माध्यम से प्रवेश करता है। CCR5-डेल्टा 32 म्यूटेशन द्वारा इसके प्रवेश को प्रभावी रूप से बंद कर दिया जाता है, जो इन रिसेप्टर्स को CD4 कोशिकाओं पर विकसित होने से रोकता है।
  • विश्व भर में केवल 1% लोगों के पास म्यूटेशन की दो प्रतियाँ हैं और 20% लोगों के पास केवल एक ही प्रति है, इसमें ज़्यादातर यूरोपीय मूल के हैं। म्यूटेशन वाले लोग HIV के प्रति लगभग प्रतिरक्षित होते हैं, फिर भी इसके कुछ मामलों की सूचना मिली है।

HIV:  

  • परिचय:  
    • HIV यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस एक ऐसा वायरस है जो मानव शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को क्षति पहुँचाता है।
    • यह मुख्य रूप से CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करता है और उन्हें नुकसान पहुँचाता है, CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाएँ संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता के लिये आवश्यक होती हैं।
      • HIV समय बीतने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमण और कैंसर की चपेट में आ जाता है।
  • संचरण:  
    • इसके संचरण के प्राथमिक स्रोत- रक्त, शुक्राणु, यौनिक तरल पदार्थ, स्तनपान आदि माने जाते हैं। 
  • गंभीरता:  
    • यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो वायरस किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है तथा उसे एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिसिएंसी सिंड्रोम (AIDS) स्टेज में कहा जाता है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने के कारण कई अन्य संक्रमण घेर लेते हैं जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो सकती है।
  • उपचार: 
    • हालाँकि वर्तमान में संक्रमण का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का उपयोग करके वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है।  
      • ये दवाएँ शरीर के भीतर वायरस की प्रतिकृति बनाने की क्षमता को कम कर देती हैं, जिससे CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।  

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant):

  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक चिकित्सा उपचार है जो किसी व्यक्ति के अस्थि मज्जा को स्वस्थ कोशिकाओं के साथ प्रतिस्थापित कर देता है।  
    • प्रतिस्थापन कोशिकाएँ व्यक्ति के स्वयं के शरीर से या दाता से ली जा सकती हैं। 
  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण को स्टेम सेल प्रत्यारोपण या विशेष रूप से हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण भी कहा जाता है। 
    • प्रत्यारोपण का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर के उपचार हेतु किया जा सकता है, जैसे कि ल्यूकेमिया, मायलोमा और लिम्फोमा तथा अन्य रक्त एवं प्रतिरक्षा प्रणाली रोग जो अस्थि मज्जा को प्रभावित करते हैं। 
  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण स्वयं व्यक्ति (Autologous- ऑटोलॉगस प्रत्यारोपण) या दाता (Allogeneic- एलोजेनिक प्रत्यारोपण) से प्राप्त कोशिकाओं का उपयोग कर किया जा सकता है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित बीमारियों में से कौन-सी टैटू बनवाने द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचरित हो सकती है? (2013)

  1. चिकनगुनिया
  2. यकृतशोध-B
  3. HIV-AIDS

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस