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शासन व्यवस्था

WHO द्वारा बीमारियों के नामकरण की प्रक्रिया

  • 14 Feb 2020
  • 9 min read

प्रीलिम्स के लिये

विश्व स्वास्थ्य संगठन व कोरोना विषाणु

मेन्स के लिये

नामकरण की प्रक्रिया व कारण

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने कोरोना विषाणु (Coronavirus) द्वारा जनित बीमारी के आधिकारिक नाम के रूप में COVID-19 को मान्यता दी है।

प्रमुख बिंदु

  • हुबेई प्रांत के वुहान शहर में निमोनिया (Pneumonia) जैसे कई मामलों के बारे में पता चलने पर चीन सरकार द्वारा सतर्क किये जाने के 40 दिन बाद WHO द्वारा इस बीमारी का नामकरण किया गया है।
  • जिनेवा में COVID-19 के नाम की घोषणा करते हुए WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि हमें भविष्य में कोरोना विषाणु द्वारा जनित बीमारी की पहचान सुनिश्चित करने के लिये यह एक मानक प्रदान करेगा।
  • WHO द्वारा इसका नामकरण वैश्विक एजेंसी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (World Organisation for Animal Health) और खाद्य एवं कृषि संगठन ( Food and Agriculture Organization) द्वारा वर्ष 2015 में जारी दिशानिर्देशों के अंतर्गत किया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी देशों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की एक महत्त्वपूर्ण संस्था है।
  • इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 में की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक आनुषंगिक इकाई है।
  • इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा शहर में स्थित है। इसका भारतीय मुख्यालय राजधानी क्षेत्र नई दिल्ली में है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देश हैं।
  • वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) हैं।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य सभी लोगों को स्वास्थ्य के उच्चतम संभव स्तर की प्राप्ति में सहायता प्रदान करना है।
  • यह अंतरिम स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित समन्वयकारी प्राधिकरण के रूप में भी कार्य करता है तथा स्वास्थ्य मामलों में सक्रिय सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  • इसके कार्यक्रमों में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, रोग निवारण व नियंत्रण, पर्यावरणीय स्वास्थ्य का संवर्द्धन, जैव-चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवाओं, शोध व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास एवं प्रोत्साहन शामिल है।

खाद्य एवं कृषि संगठन

  • संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्‍थापना वर्ष 1945 में कृषि उत्‍पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्‍नत बनाने के उद्देश्य के साथ की गई थी।
  • खाद्य और कृषि संगठन का मुख्यालय रोम, इटली में स्थित है।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन

  • यह दुनिया-भर में पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु उत्तरदाई एक अंतर-सरकारी संगठन (Iintergovernmental Organisation) है।
  • इसे विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organizatio-(WTO) द्वारा संदर्भित संगठन (Reference Organisation) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • वर्तमान में कुल 182 देश इसके सदस्य थे।
  • इसका मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में स्थित है।

COVID-19 से तात्पर्य

  • WHO के अनुसार COVID-19 में CO का तात्पर्य कोरोना से है, जबकि VI विषाणु को, D बीमारी को तथा संख्या 19 वर्ष 2019 (बीमारी के पता चलने का वर्ष ) को चिन्हित करता है।

बीमारी का नाम देने में शीघ्रता क्यों?

  • WHO द्वारा बीमारी का नाम बताने की शीघ्रता इसलिये की जाती है ताकि इसके समरूप नामों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
  • प्रायः वैज्ञानिक समुदाय से संबंध न रखने वाले लोग किसी नई बीमारी को सामान्य नामों से पुकारते हैं। परंतु एक बार जब ये नाम इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से सामान्य तौर पर प्रयोग किये जाने लगते हैं तो उन्हें बदलना मुश्किल होता है, भले ही उस बीमारी के संबंध में अनुचित नाम का उपयोग क्यों न किया जा रहा हो।
  • मई 2015 में WHO ने कहा कि पहली बार किसी नई बीमारी की रिपोर्ट मिलने पर यह आवश्यक हो जाता है कि उसे आधिकारिक रूप से उपयुक्त नाम दिया जाए जिससे यह वैज्ञानिक रूप से उचित और सामाजिक रूप से स्वीकार्य हो।
  • इसके पीछे मुख्य उद्देश्य ‘व्यापार, यात्रा, पर्यटन या पशु कल्याण पर बीमारी के नामों के अनावश्यक नकारात्मक प्रभाव को कम करना था, और किसी भी सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, पेशेवर या जातीय समूहों को अपराध करने से बचाना था’।

नामकरण के संदर्भ में सुझाव

  • किसी नई बीमारी के नाम में शब्दों का संयोजन होना चाहिये। इन शब्दों में नैदानिक ​​लक्षणों (श्वसन), शारीरिक प्रक्रियाओं (दस्त), और शारीरिक या रोग संबंधी संदर्भ के आधार पर सामान्य वर्णनात्मक शब्द शामिल हो सकते हैं।
  • यह विशिष्ट वर्णनात्मक शब्द जैसे कि पीड़ित (शिशु, किशोर या मातृ), मौसम (गर्मी या सर्दी) और गंभीरता (सामान्य या गंभीर) का उल्लेख कर सकता है।
  • नाम में अन्य तथ्यात्मक तत्त्व भी शामिल हो सकते हैं जैसे कि पर्यावरण (महासागर या नदी), रोग का कारण (जीवाणु या विषाणु) और वर्ष, जब नई बीमारी का पहली बार पता चला।
  • वर्ष का उल्लेख तब किया जाता है जब विभिन्न वर्षों में एक ही कारण से हुई कई घटनाओं के बीच अंतर करना हो। जैसे- विभिन्न वर्षों में COVID-19 व अन्य बीमारियों (गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम और मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम) के प्रसार में कोरोना विषाणु ही प्रमुख कारण रहा है।

नामकरण के दौरान विशेष सावधानियाँ

  • वर्ष 2015 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, रोगों का नामकरण करते समय भौगोलिक स्थिति जैसे देश, शहर या क्षेत्र के नाम का उल्लेख नहीं करना चाहिये। पूर्व में इबोला विषाणु तथा जापानी इंसेफेलाइटिस का नामकरण भौगोलिक स्थिति के आधार पर हुआ है।
  • यदि रोग की पहचान किसी व्यक्ति, पशु या पक्षी में की गई है तो भी उनके नाम का उल्लेख नहीं होना चाहिये।
  • यदि रोग का नामकरण भौगोलिक स्थिति, व्यक्ति, पशु या पक्षी के आधार पर होगा तो उस स्थान, व्यक्ति को सामाजिक-आर्थिक क्षति पहुँच सकती है।

स्रोत: द हिंदू

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