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जैव विविधता और पर्यावरण

कैसे कचरा मुक्त होगा गोवा?

  • 01 Jun 2018
  • 5 min read

संदर्भ

वर्तमान समय में प्रदूषण सबसे गंभीर समस्या है। इसका असर केवल मानव समुदाय पर ही नहीं वरन सभी जीव-जंतुओं तथा प्रकृति पर भी पड़ रहा है। हाल ही में स्वच्छ भारत अभियान की भावना के चलते, गोवा सरकार ने 2020 तक राज्य को कचरा मुक्त करने का वादा किया है। लेकिन क्या गोवा सरकार इस वादे को पूरा कर पाएगी?

गोवा और प्रदूषण
क्या सरकार 18.2 लाख की आबादी और पर्यटकों के लिये तैयार अर्थव्यवस्था के साथ गोवा इस मील के पत्थर तक पहुँचने के लिये तैयार है? इस प्रश्न का जवाब काफी हद तक ‘संभवतः नहीं’ है।

  • उदाहरण के लिये कैंडोलिम बीच पर  हर जगह प्लास्टिक और काँच की बोतलें दिखाई देती हैं।
  • यह इस बात का प्रमाण है कि पर्यटकों और समुद्र तटों पर जाने वालों में बुनियादी नागरिक भावना की कमी है।
  • पर्यटकों या बीच पर घूमने वाले लोगो द्वारा समुद्र तट पर लिये जाने वाले आनंद और कचरे से संबंधित उनके दृष्टिकोण के बीच द्वि-विभाजन को स्पष्ट रूप से इस प्रकार समझा जा सकता है कि वे समुद्र तट पर केवल आनंद लेने के लिये आते हैं न कि प्रकृति की सुंदरता के लिये।
  • तथापि, यह अनिश्चित है कि मात्र प्रकृति की चिंता करने से कूड़े पर रोक लग सकती है।

समुद्र तट पर गंदगी का कारण

  • कूड़ा जमा करना और गंदे समुद्र तट का आनंद लेने की उनकी क्षमता दुनिया के इस हिस्से के लिये कुछ अलग सी प्रतीत होती है।
  • समुद्र तट पर गंदगी से यह प्रदर्शित होता है कि यहाँ कोई ज़िम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली नहीं है।
  • लोगों द्वारा इस तरह कचरे को बिखेरने का एक कारण समुद्र तट के पास अपशिष्ट ग्रहण करने वाले डिब्बों की कमी हो सकती है।
  • कंपनियों, वितरकों, रेस्तराँ और दुकानदारों द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह न किया जाना भी इस गंदगी का कारण है जो कि इन उत्पादों का निर्माण, व्यापार और बिक्री करते हैं।
  • समुद्र तट पर बिखरा कचरा यह दर्शाता है कि इस मुद्दे पर अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, जबकि यह क्षेत्र स्वास्थ्य, स्वच्छता और प्राकृतिक स्थानों की रक्षा से संबंधित है और ये सभी घटक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • समुद्र तटों पर कोई पुलिस या ऐसे अन्य प्रतिनिधि नहीं होते हैं जिन्हें कानून को लागू करने और जुर्माना लगाने के लिये अधिकार दिया गया हो।

व्यवहार परिवर्तन संचार (Behaviour change communication-BCC)

  • व्यवहार परिवर्तन संचार (Behaviour change communication-BCC), लोगों के दृष्टिकोण और व्यवहार पैटर्न को बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • भारत की गर्भवती महिलाओं के लिये पोषण के संबंध में इस BCC में सफलता देखी गई है।
  • अभी तक पर्यटन-केंद्रित अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित BCC गोवा में मौजूद नहीं है। जुर्माना या पर्यटकों की ज़िम्मेदारियों का कोई ज़िक्र नहीं है।
  • BCC का एक महत्त्वपूर्ण घटक आवश्यक आधारभूत संरचना है। 
  • यहाँ आधारभूत संरचना से इसका तात्पर्य अपशिष्ट ग्रहण, उचित संग्रहण और प्रबंधन, तथा पुलिस व्यवस्था की स्थापना करने से है।

निष्कर्ष

  • कैंडोलिम बीच की स्थिति उन चुनौतियों के लिये एक सूक्ष्मदर्शी है जिनका सामना गोवा द्वारा किया जा रहा है।
  • चूँकि स्वच्छ कंपोस्टिंग जैसी तकनीक इसमें मदद कर सकती है, लेकिन यह सोच आधारित मुद्दे के लिये अपर्याप्त प्रतिक्रिया है।
  • स्थायी परिवर्तन केवल तभी आ सकता है जब लोगों को एहसास हो कि समुद्र तट पर उनके द्वारा लिया जाने वाला आनंद उस खूबसूरत पर्यावरण को कचरा मुक्त रखने से जुड़ा हुआ है।
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