कितना सुरक्षित है आधार? | 04 Mar 2017
संदर्भ
- गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने में कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें आधार डाटा के लीक होने की आशंका ज़ाहिर हुई है। हाल ही में भारत में आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कई वेबसाइटों को प्रतिबंधित किया था।
- अब आधार बायोमैट्रिक्स के दुरुपयोग का एक अनूठा मामला सामने आया है। यूआईडीएआई ने इसके लिये एक्सिस बैंक, मुंबई स्थित सुविधा इन्फोसर्व और बेंगलुरू स्थित ईमधुरा के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज़ कराई है। आधार की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ती ही जा रही है।
कैसे हो रहा आधार का दुरुपयोग
- आधार के अंतर्गत किसी व्यक्ति की संवेदनशील जानकारियाँ कितनी सुरक्षित हैं, यह आधार के आरम्भ से ही एक प्रमुख चिंता बनी हुई थी। लेकिन हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जिनमें आधार आँकड़ों के व्यापक पैमाने पर लीक होने की आशंका उत्पन्न हुई है। सबसे पहले तकनीकी क्षेत्र के एक स्टार्ट अप ने (इसका नाम है आधार सक्षम ट्रस्ट ब्यूरो) यह दिखाया कि वह किसी भीड़ भरी सड़क पर लगे क्लोज्ड सर्किट टेलीविज़न की फुटेज से चेहरों को अलग से पहचान सकता है। इन तस्वीरों पर आधार के आँकड़े चस्पा थे, जबकि कुछ खास हिस्सों को अधूरा छोड़ दिया गया था। अब जब लगभग सरकार की प्रत्येक योजना ‘आधार’ आधारित हो गई है तो ऐसे में साइबर खतरे पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण बन गए हैं। अतः आधार को और भी सुरक्षित बनाना होगा।
निष्कर्ष
- गौरतलब है कि आधार एक कल्याणकारी उद्देश्यों वाली योजना है, जिसकी सहायता से “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर” जैसे उपक्रमों को आसान बनाया जा रहा है, लगभग प्रत्येक बैंक अकाउंट को संबंधित व्यक्ति के आधार से जोड़ा जा रहा है, यहाँ तक कि सरकार की कई योजनाओं का लाभ उठाने के लिये आधार का होना अनिवार्य कर दिया गया है।
- आधार नंबर और बैंक अकाउंट आपस में जुड़े होने के कारण आधार यूआईडीएआई के लिये इसके आँकड़ों को सुरक्षित रखना बेहद चुनौती भरा काम बन गया है। अतः यूआईडीएआई को इन आँकड़ों को सुरक्षित रखने के लिये विशेष उपाय करने होंगे अन्यथा यह आँकड़ा अगर चोरी हुआ या ऑनलाइन हैकिंग का शिकार बना तो कुछ ही मिनटों में आधार से जुड़े हज़ारों बैंक खातों आसानी से सेंध लगाई जा सकती है।