इंडो-बांग्ला भूमि व्यापार सीमाएँ अवैध कैसे? | 09 May 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत से निर्यात किया गया माल ले जा रहे एक ट्रक में बांग्लादेश के बेनपोल भूमि बंदरगाह क्षेत्र में आग लग गई, जो पश्चिम बंगाल के पेट्रोपोल में भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र के उस पार स्थित है। हालाँकि, यह घटना पश्चिम बंगाल के बोंगाँव में हुई थी।
बांग्लादेश और भारत के मध्य भूमि व्यापार संबंधी प्रमुख मुद्दे
कार-पास (Car-Pass) का दुरुपयोग
- 'कार-पास' चालक और सह-चालक को आव्रजन औपचारिकताओं के बिना बांग्लादेश में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इस प्रकार के प्रवेश और निकास का रिकॉर्ड सीमा शुल्क प्राधिकरणों द्वारा अनुरक्षित किया जाता है।
- सीमा शुल्क प्राधिकरणों द्वारा जारी 'कार-पास' के आधार पर, किसी भी तरफ के ट्रक के माल को उतारने के लिये पार करने की अनुमति है।
- दोनों देशों के वित्त मंत्रालयों की सहमती के साथ इसके लिये किसी बीमा कवर का प्रावधान नहीं है।
- नियमों के मुताबिक, ट्रक को उसके चालक और उसके सह-चालक के साथ 24 घंटों के भीतर वापस आ जाना चाहिये, लेकिन भारतीय ट्रक को बांग्लादेश में तीन-चार दिन (यहाँ तक कि सप्ताह भर) के लिये हिरासत में ले लिया जाता है।
- इसका मतलब है कि ट्रक मालिक के पास बीमा होने के बावजूद, विदेशी भूमि में ज़रूरत से अधिक समय तक रुकने की वजह से बीमा कवर खो देता है।
- इसके अलावा क्षतिग्रस्त वाहन को आधिकारिक चैनल के माध्यम से वापस लाना भी मुश्किल है।
- यह कहना व्यर्थ नहीं होगा कि वहाँ रिश्वत की मांग अधिक है।
सुरक्षा से समझौता
- हालाँकि, ड्राइवरों को वाहनों का कई बार प्रवेश कराने पर बेनापोल में हिरासत में लिये जाना आम बात है।
- एक व्यापारिक एजेंट के मुताबिक, “सीमा पर बांग्लादेश की ओर से सुविधाओं और कानून हीनता के कारण, हमारे चालक रात को अपने ट्रकों को छोड़कर ठहरने के लिये भारत लौट जाते हैं”।
- व्यापार से जुड़े लोग दावा है कि भारतीय कार-पास बांग्लादेश में अच्छी कीमत पर बेचे और खरीदे जाते हैं, जो भारत की सुरक्षा दीवार को लांघकर भारत में प्रवेश करने का एक आसान विकल्प प्रदान करते हैं।
- हालाँकि, कार-पास एकमात्र मुद्दा नहीं है। दो साल पहले, एक भारतीय ट्रक के चालक पर पेट्रोपोल गोदाम में चोरी का आरोप लगाया गया था। जाँच के बाद पाया गया कि, वह दोनों देशों का ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला बांग्लादेशी था।
- यह कोई अपवाद नहीं है। हर दिन बांग्लादेश में प्रवेश करने वाले 450 वाहनों में से 350 को बोंगाँव क्षेत्र के ड्राइवरों द्वारा संचालित किया जाता है।
- इनमें लगभग 200 स्थानीय ट्रक बोंगाँव से बांग्लादेश में गोदामों से सामान ले जाते हैं। इन तथाकथित 'स्थानीय' ड्राइवरों में से कम से कम 200 बांग्लादेशी होते हैं।
सामाजिक-आर्थिक कारण
- हालाँकि, इसका सामाजिक-आर्थिक कारण भी है। बांग्लादेश में लंबे समय से हिरासत और ज़बरन वसूली बड़े पैमाने पर प्रचलित है, जबकि पश्चिम बंगाल में कमाई के लिये अपेक्षाकृत बेहतर अवसर मौजूद हैं।
- इस कारण स्थानीय चालक निर्यात व्यापार में भाग लेने के प्रति अनिच्छुक बने रहते हैं।
- इस अंतर को कम भुगतान वाले अवैध अप्रवासियों द्वारा भरा जाता है जिन्हें स्थानीय गिरोह द्वारा लाइसेंस और अन्य कागजात उपलब्ध कराए जाते हैं।