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20 वर्षीय अफ़्रीकी युद्ध का अंत

  • 24 Jul 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

इस माह की शुरुआत में इरीट्रिया की राजधानी अश्मारा में इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद ने इरीट्रिया के राष्ट्रपति इसाइअस अफवर्की को गले लगाकर अंततः 20 वर्षों से जारी युद्ध जिसमें महाद्वीप के दो सबसे गरीब देशों के कम-से-कम 80,000 लोगों की जान गई, को समाप्त करने की घोषणा की।

विवाद की जड़

अप्रैल 1993 में इरीट्रिया ने इथियोपिया के परिसंघ से अपने संबंध तोड़ लिये और अफ्रीका के हॉर्न पर लाल सागर के किनारे महत्त्वपूर्ण रणनीतिक अवस्थिति वाला एक स्वतंत्र देश बन गया जो कि दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण जहाजी मार्गों में से एक के बगल में है।

पाँच वर्ष बाद ही एक सीमावर्ती शहर बादमे पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया। इस शहर का कोई विशेष महत्त्व नहीं था, लेकिन दोनों देश इस पर कब्ज़ा करना चाहते थे।

आबादी के बड़े स्तर पर विस्थापन ने परिवारों को छिन्न-भिन्न कर दिया और स्थानीय व्यापार अर्थव्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो गई।

जून 2000 में दोनों देशों ने युद्ध विराम के समझौते पर हस्ताक्षर किये। उसी वर्ष दिसंबर में अल्जीयर्स (अल्जीरिया) में शांति समझौते के द्वारा औपचारिक रूप से युद्ध को समाप्त कर दिया गया और विवाद को सुलझाने के लिये सीमा आयोग की स्थापना की गई।

जब आयोग ने अप्रैल 2002 में अपने अंतिम और बाध्यकारी निर्णय में बादमे को इरीट्रिया को देने का निश्चय किया तब इथियोपिया ने बिना अतिरिक्त शर्तों के निर्णय को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इस प्रकार एक गतिरोध उत्पन्न हो गया। अतः बादमे इथियोपिया के नियंत्रण में बना रहा और सीमा पर संघर्ष होने लगा।

प्रमुख बिंदु

  • दोनों नेताओं ने व्यापार, राजनयिक और यात्रा संबंधों की पुनर्बहाली तथा दोनों देशों के बीच “शांति और दोस्ती के एक नए युग" की घोषणा की।
  • इथियोपिया-इरीट्रिया संघर्ष के कारण शरणार्थी संकट के दौरान हज़ारों इरीट्रियावासियों को यूरोप की ओर भागते हुए देखा गया।
  • इथियोपिया के सत्तारूढ़ इथियोपियाई पीपुल्स रीवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (ईपीआरडीएफ) ने एक साल पहले यह संकेत दिया था कि वह इरीट्रिया के साथ अपने रिश्ते को बदलने पर विचार कर रहा है। 
  • युद्ध में भाग लेने वाले एक पूर्व सेना अधिकारी 41 वर्षीय अहमद के अप्रैल में प्रधानमंत्री बनने के बाद इस दिशा में तीव्रता से वृद्धि हुई। जून में उन्होंने घोषणा की कि इथियोपिया वर्ष 2000 में किये गए समझौते की सभी शर्तों का पालन करेगा।

शांति का संदर्भ

  • इथियोपिया एक भू-आबद्ध देश है और इरीट्रिया के साथ युद्ध के वर्षों के दौरान से लेकर अदन की खाड़ी और अरब सागर तक पहुँच के लिये जिबूती पर निर्भर है, जो बाब अल-मंदाब जलसंधि पर स्थित है।
  • अब इथियोपिया जिबूती पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिये इरीट्रिया के बंदरगाहों (मुख्य रूप से इरीट्रिया के अंतिम छोर पर स्थित अस्साब) का उपयोग करना चाहता है।
  • शांति की स्थापना इरीट्रिया के हित में है, भले ही राष्ट्रपति अफवर्की ने 1993 में देश की आज़ादी के बाद खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिये युद्ध का इस्तेमाल किया था। 
  • पिछले दो दशकों में इरीट्रिया आर्थिक गतिहीनता और सामाजिक तथा राजनयिक अलगाव में फँसा रहा। इरीट्रिया ने अनिवार्य भर्ती द्वारा एक बड़ी सेना को बनाए रखा, संविधान को निलंबन के तहत रखा तथा प्रेस को परेशान कर दिया और ये सभी कार्य "इथियोपिया द्वारा इरीट्रियाई क्षेत्रों पर निरंतर कब्ज़े" से लड़ने के नाम पर किये गए।
  • जबकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग इरीट्रिया पर बार-बार गंभीर उल्लंघन का आरोप लगा चुका है। इरीट्रियाई लोगों के युद्ध और अनिवार्य सैन्य सेवा से भागने के कारण 2015-16 में यूरोपीय तटों पर शरणार्थी संकट की समस्या में तीव्र वृद्धि के परिणामस्वरूप इरीट्रिया की सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बहुत अधिक बढ़ गया।
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