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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

हॉन्गकॉन्ग प्रत्यर्पण संधि का निलंबन

  • 29 Jul 2020
  • 8 min read

प्रीलिम्स के लिये 

नानकिंग संधि, एक देश दो प्रणाली

मेन्स के लिये  

चीन-हॉन्गकॉन्ग विवाद, वैश्विक शांति पर चीन की बढ़ती आक्रामकता का प्रभाव    

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चीन ने कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने  साथ ‘ हॉन्गकॉन्ग प्रत्यर्पण संधि’ तथा ‘आपराधिक न्याय सहयोग समझौते’ (Criminal Justice Cooperation Agreement) को निलंबित करने की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु:

  • चीन के इस निर्णय को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन द्वारा पहले ही हॉन्गकॉन्ग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित किये जाने की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
    • गौरतलब है कि इससे पहले चीन द्वारा हॉन्गकॉन्ग में विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किये जाने के विरोध में ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर दिया था।
  • ध्यातव्य है कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ‘फाइव आइज़’ (Five Eyes) नामक सूचना गठबंधन का हिस्सा हैं। इस समझौते के अन्य दो सदस्यों में से एक न्यूज़ीलैंड ने 28 जुलाई को हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर दिया था तथा अमेरिका ने भी इस संधि को निलंबित करने के संकेत दिये हैं। 

पृष्ठभूमि:

  • वर्ष 1842 में चीन ने ‘प्रथम अफीम युद्ध’ के शंति समझौते के अंतर्गत ‘नानकिंग संधि’ (Treaty of Nanking) के तहत हॉन्गकॉन्ग को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था। 
  • वर्ष 1997 में ब्रिटिश सरकार द्वारा हॉन्गकॉन्ग को चीन वापस दे दिया गया और  हॉन्गकॉन्ग चीन के  ‘विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों’ (Special Administrative Regions) का हिस्सा बन गया।
  • हॉन्गकॉन्ग में  ‘बेसिक लॉ’ (Basic Law) नामक एक लघु संविधान द्वारा प्रशासन का कार्य संपादित होता है, जो हॉन्गकॉन्ग में ‘एक देश दो प्रणाली’ (One Country, Two Systems) की पुष्टि करता है।
  • वर्ष 1984 की  ‘चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा’ के तहत चीन ने वर्ष 1997 से लेकर अगले 50 वर्षों तक हॉन्गकॉन्ग की उदार नीतियों, शासन प्रणाली, स्वतंत्र न्यायपालिका और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करने की घोषणा की थी।
  •  30 जून, 2020 को चीन द्वारा हॉन्गकॉन्ग में एक नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया गया,  यह कानून चीन को हॉन्गकॉन्ग में किसी न्याय पीठ या राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को शामिल किये बगैर किसी व्यक्ति पर मामले चलाने का अधिकार देता है।   

चीन के विरूद्ध अन्य देशों/समूहों की कार्रवाई:

  • हाल ही में यूरोपीय संघ (European Union- EU) ने  हॉन्गकॉन्ग में  चीन की कार्रवाई के बाद हॉन्गकॉन्ग को ऐसे उपकरणों के निर्यात को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था, जिनका प्रयोग लोगों की निगरानी और दमन के लिये किया जा सकता है।
  • हालाँकि चीन के विरूद्ध कार्रवाई के लिये सभी EU सदस्यों को सहमत कर पाने का कार्य बहुत आसान नहीं रहा है,  क्योंकि कई यूरोपीय देशों के लिये चीन एक बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है।
  • इससे पहले इसी महीने यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में फ्राँस और  जर्मनी ने ‘दोहरी उपयोग तकनीक’ या ‘डुअल-यूज़ टेक्नोलॉजी’ (Dual-Use Technology) के निर्यात पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था, जिसपर 30 जुलाई को हस्ताक्षर किये जाएँगे। 
    • दोहरी उपयोग तकनीक’ या ‘डुअल-यूज़ टेक्नोलॉजी से आशय ऐसी तकनीक से है जिनका उपयोग सामान्य नागरिक (असैनिक) उद्देश्यों के साथ ही सैनिक गतिविधियों में भी किया जा सकता है।  जैसे- रेडियो नेविगेशन सिस्टम और परमाणु ऊर्जा से जुड़ी तकनीकी आदि। 

हॉन्गकॉन्ग निवासियों को सहयोग: 

  •  निर्यात पर प्रतिबंधों के साथ ही EU द्वारा हॉन्गकॉन्ग निवासियों को सहयोग प्रदान करने के लिये कुछ विशेष कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। 
  • इसके तहत वीजा, छात्रवृत्ति और अकादमिक दौरों के माध्यम से हॉन्गकॉन्ग के नागरिकों के लिये यूरोप यात्रा को आसान बनाने का प्रयास किया जाएगा।

कार्रवाई का कारण:

  • ब्रिटेन के अनुसार,  यह सुरक्षा कानून हॉन्गकॉन्ग में स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ स्वतंत्रता की गारंटी का उल्लंघन करता है, जो वर्ष 1997 से हॉन्गकॉन्ग को विश्व के सबसे महत्वपूर्ण व्यापार और वित्तीय केंद्र के रूप में बनाए रखने में सहायक रहे हैं।
  • साथ ही ब्रिटेन ने चीन पर COVID-19 के बारे में सही जानकारी न  देने का आरोप लगाया है। 

चीन की प्रतिक्रिया:

  • चीन ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित उसके विरोध में खड़े अन्य देशों पर चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
  • साथ ही चीन ने हॉन्गकॉन्ग में लागू किये गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का बचाव करते हुए इसे हॉन्गकॉन्ग में शांति स्थापित करने के लिये महत्त्वपूर्ण बताया है।
  • चीन के अनुसार, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यू.के ने इस मामले में हॉन्गकॉन्ग के साथ न्यायिक सहयोग के राजनीतिकरण करने के गलत निर्णय से  न्यायिक सहयोग के आधार को गंभीर क्षति पहुँचाई है।
  • चीन के अनुसार, इन देशों ने हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि को एकतरफा रूप से निलंबित करने के लिये ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ को एक बहाने के रूप में प्रयोग किया है।  

स्त्रोत: द हिंदू

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