शासन व्यवस्था
HIV दवाओं की कमी
- 02 Sep 2022
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम। मेन्स के लिये:ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), HIV ड्रग्स की कमी के प्रभाव और इसकी व्यापकता। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) केंद्रों में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एवं एंटीरेट्रोवायरल (ARV) दवाओं की कमी का सामना कर रहा है।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS Control Organisation-NACO) केंद्रीय चिकित्सा सेवा सोसायटी के साथ-साथ राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) की गतिविधियों की निगरानी तथा समन्वय के लिये ज़िम्मेदार नोडल एजेंसी है, जो केंद्रीकृत निविदा और विभिन्न HIV उत्पादों की सामूहिक खरीद हेतु ज़िम्मेदार है।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)
- HIV का वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सीडी4 (CD4) नामक श्वेत रक्त कोशिका (टी-कोशिकाओं) पर हमला करता है। ये वे कोशिकाएँ होती हैं जो शरीर की अन्य कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाती हैं।
- शरीर में प्रवेश करने के बाद HIV की संख्या बढ़ती जाती है और कुछ ही समय में वह CD4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है एवं मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाता है। विदित हो कि एक बार जब यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इसे पूर्णतः समाप्त करना काफी मुश्किल है।
- HIV से संक्रमित व्यक्ति की CD4 कोशिकाओं में काफी कमी आ जाती है। ज्ञातव्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इन कोशिकाओं की संख्या 500-1600 के बीच होती है, परंतु HIV से संक्रमित लोगों में CD4 कोशिकाओं की संख्या 200 से भी नीचे जा सकती है।
दवाओं की कमी चिंता का विषय:
- HIV संक्रमित लोगों के वायरस को नियंत्रित करने, अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने और HIV-असंक्रमित साथी में वायरस के संचरण को रोकने के लिये एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी के रूप में उपयोग की जाने वाली दवाओं के संयोजन के साथ उपचार तक पहुँच की आवश्यकता होती है।
- वायरस को नियंत्रित करने के लिये लगातार एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी का उपयोग करना महत्त्वपूर्ण है।
इन दवाओं की कमी के कारण -
- सामूहिक खरीद तंत्र की विफलता, जीवन रक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवाओं की सामूहिक खरीद की निविदा में वर्ष 2014, 2017 और 2022 में प्रसाशनिक स्तर पर विलंब देखा गया है
- हालाँकि देश इनकी बहुत ज़्यादा कमी का सामना नहीं कर रहा है। इन दवाओंके वितरण में विलंब के साथ इनका कुछ भंडारण खराब होने के कगार पर है।
- इसमें कई बार अनियमितता के रूप में वयस्कों के लिये आवंटित दवाओं को बच्चों को आवंटित करने संबंधी स्थितियाँ भी देखी गई हैं।
इसके प्रभाव -
- यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो दवा की कमी के परिणामस्वरूप सार्वजनिक स्वास्थ्य गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।
- NACO के अनुसार, इसकी निर्धारित मात्रा का पालन करने में किसी भी अनियमितता से HIV दवाओं के प्रति बीमारी की प्रतिरोधकता विकसित हो सकती है जिससे इन दवाओं के प्रभाव में कमी आ सकती है
- यदि ART को प्रतिदिन नहीं लिया जाता है तो शरीर में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है, जिससे व्यक्ति में संक्रामकता बढ़ने लगती है।
- यह जोखिम HIV/एड्स के खिलाफ भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धि पर नकारात्मक प्रभाव डालने के साथ इस दिशा में हो रही वैश्विक प्रगति को बाधित करता है जो वर्ष 2030 तक एड्स को समाप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के मानक को पूरा नहीं करते हैं।
भारत में HIV/AIDS का प्रसार-
- सरकार की HIV आकलन रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में 24.01 लाख लोग HIV (PLHIV) से संक्रमित हैं।
- वर्ष 2010 के बाद से भारत में नए HIV संक्रमण में 46% की वार्षिक गिरावट आई है ।
- महाराष्ट्र में इसके रोगियों की संख्या सबसे अधिक है इसके बाद आंध्र प्रदेश और कर्नाटक का स्थान आता है।
- 15-49 वर्ष के युवाओं में HIV संक्रमण की दर मिज़ोरम (2.37%) में सबसे अधिक है, इसके बाद नगालैंड और मणिपुर का स्थान आता है ।
- मिज़ोरम में HIV/एड्स का प्रसार राष्ट्रीय औसत (0.22%) से 10 गुणा अधिक है।
आगे की राह
- स्वास्थ्य मंत्रालय की राजनीतिक इच्छाशक्ति की तत्काल आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जैसा कि पिछले एक दशक में हुआ है वैसा टीबी और एड्स की दवा की कमी के रूप में वैसा दोबारा अनुभव न किया जाए।
- यदि अनदेखी की गई तो परिणाम, स्वास्थ्य के अधिकार को प्रभावित करने के साथ ही दवा प्रतिरोध देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य लिये एक महत्त्वपूर्ण चुनौती उत्पन्न करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है? (a) यकृतशोध B विषाणु HIV की तरह ही संचरित होता है। उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा रोग टैटू गुदवाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही है। मेन्स स्वास्थ्य से संबंधित सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों (एमडीजी) की पहचान कीजिये। इसे प्राप्त करने के लिये सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों की सफलता पर चर्चा कीजिये। (मेन्स-2013) |