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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

रूस और यूक्रेन का इतिहास

  • 26 Feb 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

रूस और यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति, स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल (CIS)।

मेन्स के लिये:

रूस-यूक्रेन संघर्ष, भारत के हितों पर देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रूस ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को स्वतंत्र गणराज्यों के रूप में मान्यता दी थी, जो कि अपरिहार्य युद्ध का संकेत था।

  • अपनी युद्ध घोषणा के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को बिना किसी इतिहास या पहचान वाले देश के रूप में वर्णित किया है, जिसे पूर्णतः पूर्ववर्ती सोवियत संघ (USSR) के हिस्से को अलग करके बनाया गया था।
  • यूक्रेन और रूस सैकड़ों वर्षों से सांस्कृतिक, भाषायी और पारिवारिक संबंध साझा करते रहे हैं।

यूक्रेन का प्रारंभिक इतिहास:

  • तकरीबन एक सहस्राब्दी पूर्व वर्तमान यूक्रेन ‘कीवयाई रूस’ के केंद्र में था।
  • कीवयाई रूस, पूर्वी एवं उत्तरी यूरोप के पूर्वी स्लाव, बाल्टिक और फिनिक लोगों का एक संघ था, जिसकी राजधानी कीव थी।
    • आधुनिक यूक्रेन, रूस और बेलारूस सभी का सांस्कृतिक इतिहास ‘कीवयाई रूस’ में मौजूद हैं।
  • 10वीं और 11वीं शताब्दी में कीवयाई रूस अपने सबसे बड़े आकार पर पहुँच गया।
  • 13वीं शताब्दी के मध्य में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के पतन के कारण व्यापार में आई गिरावट की वजह से ‘कीवयाई रूस’ काफी कमज़ोर हो गया और और अंततः 'मंगोल गोल्डन होर्डे के हमले के कारण पूरी तरह से बिखर गया, जिसके बाद अंत में 1240 में ‘कीवयाई रूस’ को बर्खास्त कर दिया गया।
    • बाइज़ेंटाइन साम्राज्य, जिसे बाइज़ेंटियम भी कहा जाता है, रोमन साम्राज्य का पूर्वी भाग था तथा कॉन्स्टेंटिनोपल/क़ुस्तुंतुनिया (आधुनिक इस्तांबुल) में स्थित था, साम्राज्य के पश्चिमी आधे हिस्से के पतन के बाद भी यह उसका हिस्सा बना रहा।
    • ‘गोल्डन होर्डे’ स्थायी मंगोलों का एक समूह था जिन्होंने 1240 से 1502 तक रूस, यूक्रेन, कज़ाखस्तान, माल्डोवा और काकेशस पर शासन किया था।
  • 15वीं शताब्दी की शुरुआत में पूर्व ‘कीवान रस’ के बड़े हिस्से को लिथुआनिया के बहु-नृजातीय ‘ग्रैंड डची’ में शामिल किया गया था।
  • वर्ष 1569 में ल्यूबेल्स्की संघ, पोलैंड ,लिथुआनिया के ‘ग्रैंड डची’ पोलिश-लिथुआनियाई राष्ट्रमंडल बनाने के लिये एक साथ आए, जो उस समय यूरोप के सबसे बड़े देशों में से एक था।
  • इस घटना के लगभग एक सदी बाद आधुनिक यूक्रेनी राष्ट्रीय पहचान की शुरुआत का पता लगाया जा सकता है।

यूक्रेन:

  • भौगौलिक स्थिति: यूक्रेन, पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी कीव है, जो उत्तर-मध्य यूक्रेन में नीपर नदी (Dnieper River) के तट पर स्थित है। यूक्रेन की सीमा उत्तर में बेलारूस, पूर्व में रूस, आज़ोव का सागर और दक्षिण में काला सागर, दक्षिण-पश्चिम में माल्डोवा व रोमानिया तथा पश्चिम में हंगरी, स्लोवाकिया एवं पोलैंड से लगती है। सुदूर दक्षिण-पूर्व में यूक्रेन को केर्च जलडमरूमध्य (Kerch Strait) द्वारा रूस से अलग किया गया है, जो आज़ोव सागर को काला सागर से जोड़ता है।
    • यह रूस के बाद यूरोप का सबसे बड़ा देश है, जिसका क्षेत्रफल 6,03,550 वर्ग किमी. या महाद्वीप का लगभग 6% है।

  • जनसांख्यिकी: जुलाई 2021 में यूक्रेन की जनसंख्या 43.7 मिलियन आंकी गई थी। इसमें से 77.8% यूक्रेनी नृजातीयता और 17.3% रूसी नृजातीयता से संबंधित थी। यूक्रेनी और रूसी भाषियों की आबादी क्रमशः 67.5% और 29.6% थी।
  • अर्थव्यवस्था: सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के मामले में यूक्रेन यूरोप का सबसे गरीब देश है। यहाँ लौह अयस्क और कोयले के भंडार मौजूद हैं और यह मक्का, सूरजमुखी तेल, लौह उत्पादों और गेहूँ का निर्यात करता है।
  • भारत के साथ संबंध: एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत, यूक्रेन का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
    • यूक्रेन के सूरजमुखी तेल का प्रमुख निर्यातक भारत है, इसके बाद अकार्बनिक रसायन, लोहा और इस्पात, प्लास्टिक व रसायन हैं।
    • भारत से यूक्रेन को प्रमुख आयात फार्मास्युटिकल उत्पाद हैं।

यूक्रेन और रूस:

  • 18वीं शताब्दी में रूस की महारानी कैथरीन द ग्रेट (1762-96) ने पूरे जातीय यूक्रेन के क्षेत्र को रूसी साम्राज्य में मिला लिया था।
  • रूसीकरण की ज़ारिस्ट नीति द्वारा यूक्रेनवासी सहित जातीय पहचान और भाषाओं का दमन किया गया।
  • रूसी साम्राज्य के भीतर हालाँकि कई यूक्रेनियन समृद्धि और महत्त्व के पदों पर पहुँच गए तथा बड़ी संख्या में रूस के अन्य हिस्सों में बस गए।
  • प्रथम विश्व युद्ध में 3.5 मिलियन से अधिक यूक्रेनवासियों ने रूसी साम्राज्य के पक्ष में लड़ा तथा एक छोटी संख्या ने ऑस्ट्रो-हंगेरियन के साथ ज़ार की सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
  • यूक्रेन का USSR का हिस्सा बनना: प्रथम विश्व युद्ध के कारण ज़ार साम्राज्य और ओटोमन साम्राज्य दोनों का अंत हो गया।
    • मुख्य रूप से कम्युनिस्ट के नेतृत्त्व वाले यूक्रेनी राष्ट्रीय आंदोलन का उदय हुआ जिससे कई छोटे यूक्रेनी राज्य उभरे।
    • वर्ष 1917 की अक्तूबर क्रांति में बोल्शेविकों के सत्ता में आने के कई महीनों बाद एक स्वतंत्र यूक्रेनी पीपुल्स रिपब्लिक की घोषणा की गई, लेकिन सत्ता के विभिन्न दावेदारों के बीच गृहयुद्ध जारी रहा, जिसमें यूक्रेनी गुट, अराजकतावादी, जार साम्राज्य और पोलैंड शामिल थे।
    • वर्ष 1922 में यूक्रेन सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) संघ का हिस्सा बन गया।

USSR के पतन के बाद यूक्रेन की स्थिति:

  • वर्ष 1991 में USSR को समाप्त कर दिया गया था।
  • यूक्रेन में आज़ादी की मांग कुछ वर्ष पहले से बढ़ रही थी तथा वर्ष 1990 में 300,000 से अधिक यूक्रेनवासियों ने स्वतंत्रता के समर्थन में एक मानव शृंखला बनाई।
    • इसके बाद ग्रेनाइट की क्रांति हुई जब यूक्रेन के छात्रों ने यूएसएसआर के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर न करने की मांग की।
  • 24 अगस्त, 1991 में राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को हटाने और कम्युनिस्टों को सत्ता में बहाल करने के लिये तख्तापलट की विफलता के बाद यूक्रेन की संसद ने देश की स्वतंत्रता हेतु अधिनियम को अपनाया।
    • इसके बाद संसद के प्रमुख लियोनिद क्रावचुक यूक्रेन के पहले राष्ट्रपति चुने गए।
  • दिसंबर 1991 में बेलारूस, रूस और यूक्रेन के नेताओं ने औपचारिक रूप से सोवियत संघ की सदस्यता त्याग कर स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (CIA) का गठन किया।
  • हालांँकि यूक्रेन की संसद वेरखोव्ना राडा (Verkhovna Rada) ने कभी भी परिग्रहण (Accession) की पुष्टि नहीं की, इसलिये यूक्रेन कानूनी रूप से कभी भी CIS का सदस्य नहीं था।

रूस-यूक्रेन संघर्ष का हालिया इतिहास:

  • वर्ष 2014 में रूस ने जल्दबाजी में जनमत संग्रह के बाद क्रीमिया को यूक्रेन से अलग कर दिया। यह एक ऐसा कदम था जिसने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादियों और सरकारी बलों के बीच लड़ाई शुरू कर दी।
  • हाल ही में यूक्रेन द्वारा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से संगठन की सदस्यता ग्रहण करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का आग्रह किया गया।
  • रूस द्वारा इस तरह के कदम को "रेड लाइन" घोषित किया गया और अमेरिका के नेतृत्व वाले इस सैन्य गठबंधन का अपनी देश की सीमा के करीब विस्तार के परिणामों को लेकर चिंता व्यक्त की।
  • यह रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान युद्ध का कारण बना है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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