भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत के लिये हीलियम संकट
- 27 Mar 2021
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चर्चा में क्यों?
भारत द्वारा अपनी हीलियम संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये इसका आयात किया जाता है, ऐसे में वर्ष 2021 से अमेरिका द्वारा हीलियम के निर्यात में की जाने वाली कटौती के चलते भारतीय उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- फेडरल हीलियम रिज़र्व (Federal Helium Reserve) जो अमेरिका का प्रमुख हीलियम रिज़र्व है, वर्ष 2021 में उत्पादन बंद करने की तैयारी में है। वैज्ञानिकों द्वारा इस भंडार के स्थान पर नए भंडार की तलाश की जा रही है।
प्रमुख बिंदु:
हीलियम के बारे में:
- हीलियम एक रासयनिक तत्त्व है जिसका प्रतीक (Symbol) He तथा परमाणु क्रमांक 2 है।
- यह एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, नॉन टॉक्सिक, अक्रिय तथा एकल परमाण्विक नोबल गैस (Noble Gas) है जो आवर्त सारणी (Periodic Table) में नोबल गैस समूह में प्रथम गैस है।
- इसका क्वथनांक (Boiling Point) सभी तत्त्वों में सबसे कम है।
हीलियम की खोज:
- सूर्य के चारों ओर वायुमंडल में:
- हीलियम की खोज फ्रांँसीसी खगोलशास्त्री पियरे जानसेन (Pierre Janssen) द्वारा सूर्य के आसपास के गैसीय वातावरण में की गई थी। उन्होंने वर्ष 1868 में भारत में ग्रहण के दौरान सौर क्रोमोस्फीयर के स्पेक्ट्रम में एक चमकदार पीली रेखा का पता लगाया था।
- जोसेफ नॉर्मन लॉकर ने लंदन स्मॉग (London Smog) में सूरज के चारों ओर समान रेखा देखी और इस नए तत्त्व को एक धातु मानते हुए उन्होंने इसे हीलियम नाम दिया।
- पृथ्वी पर:
- ब्रिटिश रसायनज्ञ सर विलियम रामसे द्वारा वर्ष 1895 में पृथ्वी पर हीलियम के अस्तित्व की खोज की गई थी।
- भारत में:
- वर्ष 1906 में मॉरिस ट्रैवर्स नामक एक युवा अंग्रेज़ ने केरल के समुद्र तट पर बहुतायत में उपलब्ध मोनाज़ाइट रेत को गर्म करके थोड़ी मात्रा में हीलियम निकाला था।
- मोनाज़ाइट (Monazite) मुख्य रूप से एक लाल-भूरे रंग का फॉस्फेट खनिज है जिसमें दुर्लभ-पृथ्वी तत्त्व मौजूद होते हैं।
- वर्ष 1906 में मॉरिस ट्रैवर्स नामक एक युवा अंग्रेज़ ने केरल के समुद्र तट पर बहुतायत में उपलब्ध मोनाज़ाइट रेत को गर्म करके थोड़ी मात्रा में हीलियम निकाला था।
भारतीय भंडार:
- भारत के झारखंड राज्य में अवस्थित राजमहल ज्वालामुखी बेसिन (Rajmahal Volcanic Basin) में अरबों वर्षों (सूर्य से पृथ्वी की उत्पत्ति के समय से) से हीलियम का संचित भंडार विद्यमान है।
- वर्तमान में शोधकर्त्ताओं द्वारा भविष्य में हीलियम के अन्वेषण और इसे प्रयोग में लाने हेतु राजमहल बेसिन का बड़े पैमाने पर मानचित्रण किया जा रहा है।
भारत की आवश्यकता:
- आयात बोझ को कम करना:
- हर वर्ष भारत द्वारा अपनी आवश्यकता को पूरा करने हेतु अमेरिका से 55,000 करोड़ रुपए के हीलियम का आयात किया जाता है।
- उपयोग:
- हीलियम का उपयोग दवा, वैज्ञानिक अनुसंधान, ब्लींप इन्फ्लेशन (हवाई पोत को फुलाना), विभिन्न उत्सवों के दौरान सजावट में उपयोग किये जाने वाले गुब्बारों को फुलाने तथा वेल्डिंग अनुप्रयोगों में किया जाता है।
- चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्ब (Magnetic Resonance Imaging- MRI) को स्कैन करने तथा रॉकेट ईंधन और परमाणु रिएक्टरों आदि में भी हीलियम का उपयोग किया जाता है।
अमेरिका का एकाधिकार:
- यह पता चलने के बाद कि अमेरिका के ग्रेट प्लेंस में बड़ी मात्रा में हीलियम संचित है, अमेरिका विश्व में हीलियम का सबसे महत्त्वपूर्ण निर्यातक देश बन गया।
- मिसिसिपी नदी तथा रॉकीज़ पर्वतों के बीच उत्तर से दक्षिण तक फैला मैदान ग्रेट प्लेंस कहलाता है।
- जल्द ही यह महसूस किया गया कि अमेरिका के पास भी हीलियम का एक बड़ा भंडार है।
अन्य विकल्प:
- कतर हीलियम का एक संभावित निर्यातक देश है लेकिन जटिल राजनीतिक और कूटनीतिक उलझनों ने हीलियम के निर्यात हेतु कतर की स्थिति को अविश्वसनीय बना दिया है।