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भूगोल

हीट डोम

  • 05 Jan 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हीट डोम, जेट स्ट्रीम, जलवायु परिवर्तन

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण भूभौतिकीय घटना

चर्चा में क्यों

यूरोप के कई देशों में वर्ष 2023 में जनवरी सबसे गर्म रहा है, इसे 10 से 20 डिग्री सेल्सियस तक के अधिक तापमान के साथ दर्ज किया गया।

  • इन देशों में पोलैंड, डेनमार्क, चेक गणराज्य, नीदरलैंड, बेलारूस, लिथुआनिया और लातविया शामिल हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों में हीट डोम बनने के कारण महाद्वीप अधिक गर्मी का अनुभव कर रहा है।
  • वर्ष 2021 में, पश्चिमी कनाडा और अमेरिका में भी इस प्रकार की  समस्या हुई जिससे यहाँ जानलेवा हीट वेव का सामना करना पड़ा ।
  • सितंबर 2022 में अमेरिका में हीट डोम की घटना के कारण तापमान में अधिक वृद्धि दर्ज की गई

Heat-dome

हीट डोम और हीट वेव: 

  • हीट डोम: 
    • जब गर्म हवा एक जगह पर लंबे समय तक रहती है, तो किसी बर्तन पर रखे ढक्कन की तरह उच्च दबाव के क्षेत्र से यह एक गर्म हवाओं का गुंबद जैसा बनाती है, जिसे हीट डोम कहा जाता है।
    • जितनी अधिक देर तक हवा फंँसी रहती है, सूर्य उतना ही अधिक वायु को गर्म करता है, जिससे प्रत्येक दिन ऊष्ण स्थिति पैदा होती है।
    • हीट डोम सामान्यतः कुछ दिनों के लिये बनता है लेकिन कभी-कभी यह हफ्तों तक बढ़ सकता है, जिससे चरम हीट वेव उत्पन्न हो सकती है।
    • वैज्ञानिकों का सुझाव है कि उच्च दबाव का कोई भी क्षेत्र, चाहे हीट डोम हो या नहीं, वायु को अवरोहित करता है और जब यह धरातल पर पहुँच जाता है तो यह संकुचित होकर ऊष्ण हो जाता है।
    • इसके अलावा जब वायु संकुचित होती है, तो यह ऊष्ण हो जाती है और क्षेत्र के तापमान को और बढ़ा देती है।
  • हीट डोम और जेट स्ट्रीम: 
    • हीट डोम का निर्माण जेट स्ट्रीम की विशेषता से संबंधित है।  
      • जेट धाराएँ वायुमंडल के ऊपरी स्तरों में तेज़ हवाओं की अपेक्षाकृत संकरी पट्टी होती हैं।
    • माना जाता है कि जेट स्ट्रीम तरंग जैसा प्रतिरूप होता है जो उत्तर से दक्षिण उसके बाद उत्तर की ओर प्रवाहित होता है।
    • जब ये तरंगें दीर्घ और विस्तारित हो जाती हैं, तो धीरे-धीरे प्रवाहित होती हैं और कभी-कभी स्थिर भी हो सकती हैं।
    • यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब उच्च दबाव प्रणाली और हीट डोम की घटना होती है। 
    • हालाँकि हीट डोम के हमेशा अस्तित्व में रहने की संभावना है, शोधकर्त्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन उन्हें और अधिक तीव्र एवं लंबा बना सकता है।
    • तापमान के बढ़ने के कारण जेट स्ट्रीम अधिक लहरदार हो जाएगी तथा इससे व्यापक विचलन होगा, जिसके कारण लगातार हीट वेब की घटनाएँ होंगी।

हीट डोम के बनने के कारण:

  • समुद्र के तापमान में परिवर्तन: समुद्र के तापमान में एक सशक्त परिवर्तन (या ढाल) के कारण यह घटना शुरू होती है 
    • संवहन के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया के तहत समुद्र की सतह के ऊपर उठने के लिये ढाल अधिक गर्म हवा का कारण बनती है, जो समुद्र की सतह से गर्म होती है।
    • जैसे ही विद्यमान हवाएँ गर्म हवा को पूर्व की ओर ले जाती हैं, जेट स्ट्रीम की उत्तरी शिफ्ट हवा को फँसा लेती है और इसे भूमि की ओर ले जाती है, जहाँ यह समाप्त जाती है, जिसके परिणामस्वरूप ऊष्मा तरंगें उत्पन्न होती हैं।
  • वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन: हीट वेब तब उत्पन्न होती हैं जब वातावरण में उच्च दबाव उत्पन्न होता है और ऊष्ण वायु को धरातल की तरफ अवरोहित करता है। यह प्रभाव समुद्र से उठने वाली गर्मी से बढ़ता है, जिससे एक बड़े से लूप का निर्माण होता है। 
    • भूमि पर दबाव डालने वाली उच्च दबाव प्रणाली लंबवत रूप से फैलती है, जिससे अन्य मौसम प्रणालियों को पैटर्न बदलने के लिये मजबूर होना पड़ता है।
      • यह हवा एवं बादल के आवरण को भी कम करता है, जिससे हवा और अधिक दमघोंटू (Stifling) हो जाती है।
      • यही कारण है कि हीट वेव कई दिनों या उससे अधिक समय तक एक क्षेत्र में स्थिर हो जाती है।
  • जलवायु परिवर्तन: बढ़ते तापमान के कारण मौसम गर्म हो जाता है। भूमि पर हीट वेव एक नियमित घटना है।
    • हालाँकि ग्लोबल वार्मिंग ने उन्हें लंबी अवधि और बढ़ी हुई आवृत्ति के साथ अत्यधिक गर्म कर दिया है। 
    • जलवायु का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि आज होने वाली हीट वेव जलवायु परिवर्तन का परिणाम है, जिसके लिये मनुष्य ज़िम्मेदार है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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