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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा COVID-19 के पश्चात् स्वास्थ्य प्रोटोकॉल जारी

  • 15 Sep 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये 

COVID-19 

मेन्स के लिये 

COVID-19 के पश्चात् स्वास्थ्य प्रोटोकॉल 

चर्चा में क्यों?

COVID-19 तथा अन्य रोगों से अधिक गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्तियों के ठीक होने की अवधि अधिक लंबी हो सकती है। COVID-19 के पश्चात् भी ठीक होने वाले सभी मरीज़ों की आगे की जाँच (Follow-up) और उनकी सेहत की देखभाल के लिये एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘COVID-19 के पश्चात् अपनाए जाने वाले उपचार प्रबंधन प्रोटोकॉल’ को जारी किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • गंभीर COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज़ों में थकान, शरीर में दर्द, खाँसी, गले में खराश, साँस लेने में कठिनाई सहित विभिन्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। 
  • यह COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज़ों के उपचार प्रबंधन के लिये एक एकीकृत समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
  • इस प्रोटोकॉल का उपयोग निवारक/उपचारात्मक चिकित्सा के रूप में करने के लिये नहीं है।

व्यक्तिगत स्तर पर 

  • COVID-19 से बचने के लिये निर्दिष्ट उपयुक्त व्यवहार, जैसे-चेहरे पर मास्क लगाना, हाथ और श्वसन स्वच्छता, सामाजिक दूरी बनाए रखना, आदि जारी रखे जाने चाहिये।
  • पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पीना।
  • आयुष चिकित्सक द्वारा बताई गई रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने वाली आयुष दवाइयाँ लेना।
  • स्वास्थ्य ठीक होने पर नियमित रूप से घरेलू काम करना। पेशेवर काम को श्रेणीबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया जाना चाहिये।
  • हल्का/मध्यम व्यायाम, योगासन, प्राणायाम और ध्यान का दैनिक अभ्यास तथा चिकित्सक द्वारा बताए गए श्वसन संबंधी व्यायाम करना।
  • सुबह/शाम को आरामदायक गति से चलते हुए टहलना और आसानी से पचने वाले  संतुलित पौष्टिक, ताज़े पके हुए नरम आहार का सेवन करना।
  • पर्याप्त नींद लेना और आराम करना। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना।
  • COVID-19 और सह-रुग्णता ​​के लिये डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित दवाइयाँ लेना तथा ली जा रही सभी दवाइयों (एलोपैथिक/आयुष) के बारे में चिकित्सक को सूचित करना।
  • तापमान, रक्तचाप, रक्त शर्करा और ऑक्सीमेट्री आदि पर स्व-स्वास्थ्य निगरानी रखना।
  • सूखी खाँसी/गले में खराश होने पर नमक मिले हुए गर्म पानी से गरारे करना और भाप से साँस लेना। 
  • तीव्र बुखार, साँस की समस्या, SPO2 <95%, सीने में असहनीय दर्द, भ्रम की स्थिति, आँखों की कमज़ोरी जैसे शुरुआती चेतावनी लक्षणों पर नज़र रखना।

सामुदायिक स्तर पर

  • COVID-19 से ठीक होने वाले व्यक्तियों द्वारा आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रयास किये जाने चाहिये। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, समुदाय के प्रभावी लोगों तथा धार्मिक नेताओं आदि के साथ अपने सकारात्मक अनुभव साझा करने चाहिये, जिससे इसके साथ जुड़े हुए मिथकों और कलंक को दूर किया जा सके।
  • COVID-19 से ठीक होने और पुनर्वास की प्रक्रिया के लिये समुदाय आधारित स्व-सहायता समूहों, नागरिक समाज और योग्य पेशेवरों की सहायता लेना।
  • सहकर्मियों, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, परामर्शदाताओं से मनोसामाजिक और यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवा लेना।
  • सामाजिक दूरी जैसी सभी आवश्यक सावधानियों के साथ योग, ध्यान आदि के समूह-सत्रों में भाग लेना।

स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में

  • अस्पताल से छुट्टी मिलने के 7 दिनों के भीतर उसी अस्पताल से पहला फॉलो-अप (शारीरिक/टेलीफ़ोनिक) करवाना, जहाँ उपचार हुआ हो।
  • पहले फॉलो-अप के पश्चात् का उपचार/आगे की जाँच निकटतम योग्य एलोपैथिक/आयुष चिकित्सक/चिकित्सा प्रणाली के अन्य चिकित्सा केंद्र में हो सकती हैं। कई तरह की चिकित्सा पद्धति वाली दवाइयाँ एक साथ लेने से बचना चाहिये, क्योंकि इससे शरीर पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं।
  • जिन मरीज़ों का घर पर ही उपचार किया गया है, वे लगातार लक्षण दिखाई देने पर निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जा सकते हैं।
  • गंभीर देखभाल सहायता की आवश्यकता वाले मामलों में और अधिक सतर्कता के साथ आगे की जाँच की ज़रूरत होगी

 स्रोत: पीआईबी

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