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सामाजिक न्याय

स्वास्थ्य आपातकाल

  • 02 Nov 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, AQI

मेन्स के लिये:

प्रदूषण से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण द्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की गई है क्योंकि 1 नवंबर, 2019 को प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर (Severe Plus) श्रेणी का पाया गया।

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 1 नवंबर, 2019 को दिल्ली का समग्र AQI (Air quality Index) स्कोर 504 के स्तर पर पहुँच गया था।
  • इसके अतिरिक्त 1 नवंबर, 2019 को दिल्ली का औसत AQI स्कोर (24 घंटों में 32 निगरानी स्टेशनों से प्राप्त आँकड़ों के औसत के अनुसार) 484 अत्यंत गंभीर श्रेणी का पाया गया।
  • नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में क्रमशः 499, 496, 479, 496 और 469 AQI स्कोर था जो अत्यंत गंभीर श्रेणी को प्रदर्शित करता है।

प्रभाव:

  • इस प्रकार के प्रदूषण से आँख और साँस संबंधित समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
  • लोग गले में जलन, सूखी त्वचा और त्वचा की एलर्जी जैसे प्रदूषण से जुड़े लक्षणों का सामना कर रहे हैं।
  • इसके कारण दमा रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों को ज़्यादा परेशानी हो रही है।

कारण:

  • दीपावली के पटाखे।
  • दिल्ली में प्रदूषण के लिये का सबसे अधिक ज़िम्मेदार पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली को माना जा रहा है।
  • प्रतिकूल मौसम परिस्थितियाँ।
  • वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट का यह सर्वाधिक निम्न स्तर है।

आगे की राह:

  • लोगों को इस अवधि के दौरान घर से बाहर केवल ज़रूरी होने पर ही निकलने का परामर्श जारी किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

(Central Pollution Control Board- CPCB)

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।
  • इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • यह पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।

स्रोत: द हिंदू

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