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ऑक्सीटॉसिन उत्पादन पर केंद्र का प्रतिबंध रद्द

  • 15 Dec 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ऑक्सीटॉसिन (Oxytocin) के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया।

दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला

  • ऑक्सीटॉसिन के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला मनमाना और अनुचित है।
  • दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये डेयरी क्षेत्र में इस दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिये निजी कंपनियों को इस दवा को बनाने या आपूर्ति करने से रोकने वाले केंद्र सरकार के फैसले के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

क्या है ऑक्सीटॉसिन?

  • ऑक्सीटॉसिन एक हार्मोन है जो मस्तिष्क में अवस्थित पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है।
  • मनुष्य के व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ऑक्सीटॉसिन को लव हार्मोन (Love Harmone) के नाम से भी जाना जाता है।

उपयोग

  • ऑक्सीटॉसिन के इंजेक्शन का उपयोग आमतौर पर दूध देने वाले पशुओं से अतिरिक्त दूध प्राप्त करने के लिये किया जाता है। इसका इंजेक्शन लगा देने से पशु किसी भी समय दूध दे सकता है।
  • ऑक्सीटॉसिन का इस्तेमाल प्रसव पीड़ा शुरू करने और रक्तस्राव नियंत्रित करने के लिये किया जाता है।
  • वर्तमान समय में इसका उपयोग खेती में भी किया जा रहा है। सामान्यतः इसका इस्तेमाल कद्दू, तरबूज, बैंगन, खीरा आदि सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिये भी किया जाता है।

प्रभाव

  • इसके उपयोग से पशुओं में प्राकृतिक क्षमता कम होती है तथा दूध की गुणवत्ता में भी कमी आती है।
  • इससे सब्जियों का आकार रातों-रात बढ़ाया जाता है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक है।
  • ऑक्सीटोसिन दवा का गुप्त रूप से बड़े पैमाने पर उत्पादन और बिक्री की जा रही है जिससे इसका व्यापक दुरुपयोग हो रहा है जो मनुष्यों एवं पशुओं के लिये हानिकारक है।
  • ऑक्सीटॉसिन के दुरुपयोग के कारण दुधारू पशुओं में बाँझपन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।

DTAB ने भी की प्रतिबंध को हटाने की सिफारिश

  • दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (Drug Technical Advisory Board- DTAB) ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से यह सिफारिश की थी कि ऑक्सीटॉसिन की खुदरा बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जा सकता है।
  • DTAB की सिफारिश के अनुसार, ऑक्सीटॉसिन की खुदरा बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिसूचना को संशोधित किया जा सकता है तथा प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के तहत मानव उपयोग के लिये इसकी बिक्री और वितरण को जारी रखा जा सकता है।

पृष्ठभूमि

  • डेयरी सेक्टर में ऑक्सीटॉसिन के गंभीर दुरुपयोग का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने इसके उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • फिलहाल केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार, केवल एक ही सार्वजनिक इकाई कर्नाटक एंटीबायोटिक और फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Karnataka Antibiotic and Pharmaceuticals Limited) को इस दवा का निर्माण और देश भर में इसकी आपूर्ति करने का अधिकार प्राप्त था। उल्लेखनीय है कि इस कंपनी ने पहले कभी ऑक्सीटॉसिन का निर्माण नहीं किया था।

स्रोत : द हिंदू

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