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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

हवाना सिंड्रोम

  • 25 May 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दो अमेरिकी अधिकारियों में हवाना सिंड्रोम से जुड़ी एक रहस्यमय बीमारी के लक्षण दिखाई दिये हैं।

  • वर्ष 2020 की  राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (National Academies of Sciences) की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने निर्देशित माइक्रोवेव विकिरण (Directed Microwave Radiation) को हवाना सिंड्रोम’ (Havana Syndrome) का संभावित कारण माना गया।
  • इस सिंड्रोम की बढ़ती संख्या को एक सामूहिक मनोवैज्ञानिक बीमारी (MPI) माना जा रहा है।

मास साइकोजेनिक इलनेस (Mass Psychogenic Illness)

  • जब एक समूह के लोग एक ही समय में बीमार महसूस करना शुरू कर देते हैं, भले ही उनके बीमार होने का कोई शारीरिक या पर्यावरणीय कारण न हो तो उसे मास साइकोजेनिक इलनेस या सामूहिक मनोवैज्ञानिक बीमारी कहा जाता है। वे सोचते हैं कि वे रोगाणु या विष (ज़हर) जैसी किसी खतरनाक चीज़ के संपर्क में आ गए हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (NAS)

  • यह संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थापित एक गैर-लाभकारी, सरकारी संगठन है।
  • वर्ष 1863 में कॉन्ग्रेस के एक अधिनियम के परिणामस्वरूप NAS की स्थापना हुई थी, जिसे अब्राहम लिंकन द्वारा अनुमोदित किया गया था।
  • यह संगठन सरकार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश करता है।

प्रमुख बिंदु

परिचय:

  • 2016 के उत्तरार्द्ध में हवाना (क्यूबा) में तैनात संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ राजनयिकों और उनके कर्मचारियों ने कुछ सामान्य लक्षणों की सूचना दी थी।
  • उन सभी ने कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनने और अजीब शारीरिक संवेदनाओं का अनुभव करने के बाद इस बीमारी को महसूस किया।
  • अमेरिका ने क्यूबा पर "ध्वनि हमला" (Sonic Attacks) करने का आरोप लगाया था लेकिन क्यूबा ने इस बीमारी या सिंड्रोम के बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
  • तब से कई निकाय और संस्थान हवाना सिंड्रोम के कारणों पर शोध कर रहे हैं और इन संस्थाओं ने अब तक कई संभावित कारकों की खोज की है।
  • इस बीमारी के लक्षणों में मिचली, तीव्र सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, नींद की समस्या आदि शामिल हैं।
    • उनमें से कुछ  लोग जो अत्यधिक प्रभावित हुए थे, उन्हें वेस्टिबुलर प्रसंस्करण (Vestibular Processing) और संज्ञानात्मक (Cognitive) समस्याओं जैसी चिरकालिक मुद्दों का सामना करना पड़ा।

माइक्रोवेव हथियार (Microwave Weapon):

  • प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार (DEW):
    • माइक्रोवेव हथियार एक प्रकार के प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार होते हैं, जो अपने लक्ष्य को अत्यधिक केंद्रित ऊर्जा रूपों जैसे- ध्वनि, लेज़र या माइक्रोवेव आदि  द्वारा लक्षित करते हैं।
    • इसमें उच्च-आवृत्ति के विद्युत चुंबकीय विकिरण द्वारा मानव शरीर में संवेदना पैदा की जाती है।
      • विद्युत चुंबकीय विकिरण (माइक्रोवेव) भोजन में पानी के अणुओं को उत्तेजित करता है और उनका कंपन गर्मी पैदा करती है जो व्यक्ति को चक्कर आना और मतली का अनुभव कराती है। 
  • माइक्रोवेव हथियार वाले देश:
    • ऐसा माना जाता है कि एक से अधिक देशों ने मानव और इलेक्ट्रॉनिक दोनों प्रणालियों को लक्षित करने के लिये इन हथियारों को विकसित किया है।
    • चीन ने पहली बार वर्ष 2014 में एक एयर शो में पॉली डब्ल्यू.बी.–1 (Poly WB-1) नामक “माइक्रोवेव हथियार” का प्रदर्शन किया था।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी ‘एक्टिव डेनियल सिस्टम’ (Active Denial System) नामक 'प्रोटोटाइप माइक्रोवेव हथियार' विकसित किया है जो कि पहला गैर-घातक, निर्देशित-ऊर्जा, काउंटर-कार्मिक प्रणाली है, जिसमें  वर्तमान में गैर-घातक हथियारों की तुलना में अधिक विस्तारित क्षमता विद्यमान है।
  • निर्देशित ऊर्जा हथियारों के लिये भारत की योजना:
    • हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने उच्च-ऊर्जा लेज़र और माइक्रोवेव का उपयोग करके निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) विकसित करने की योजना की घोषणा की है।
    • भारत के अन्य देशों (विशेष रूप से चीन) के साथ बिगड़ते सुरक्षा संबंधों के संदर्भ में निर्देशित ऊर्जा हथियार के विकास को  अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
  • चिंताएँ:
    • इस प्रकार के हथियार देशों की चिंता का कारण बन रहें है, क्योंकि ये मशीनों और इंसानों दोनों को प्रभावित कर सकते हैं।
    • ये हथियार मानव शरीर पर बिना किसी निशान के दीर्घकालिक नुकसान पहुँचा सकते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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