भविष्य निधि की ब्याज दर में कमी | 15 Sep 2020
प्रिलिम्स के लियेकर्मचारी भविष्य निधि संगठन मेन्स के लियेब्याज दर में कटौती का निर्णय और उसके प्रभाव, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की कार्यप्रणाली |
चर्चा में क्यों?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees) ने वर्ष 2019-20 के लिये 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर को दो हिस्सों में विभाजित करने की सिफारिश की है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय न्यासी बोर्ड का हालिया निर्णय
- कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण उत्पन्न हुई असाधारण परिस्थितियों का हवाला देते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने इसी वर्ष मार्च माह में EPFO के सदस्यों को मिलने वाले ब्याज को 8.65 प्रतिशत से घटाकर 8.50 प्रतिशत करने और इसे दो हिस्सों में विभाजित करने की सिफारिश की थी।
- सिफारिश के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने छह करोड़ से अधिक ग्राहकों के खाते में तत्काल 8.15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करेगा, जबकि शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश के एक हिस्से की बिक्री से जमा किया जाएगा, जिसे 31 दिसंबर, 2020 तक उनके खाते में जमा किया जाएगा।
- इसका अर्थ है कि वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने छह करोड़ से अधिक सदस्यों को ब्याज का केवल आंशिक यानी तकरीबन 58,000 करोड़ रुपए का ही भुगतान कर सकता है, जबकि शेष राशि यानी तकरीबन 2,700 करोड़ रुपए का भुगतान तरलता की कमी के कारण दिसंबर माह तक किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा सिफारिश की गई 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर विगत सात वर्ष के सबसे निचले स्तर पर है।
- वहीं यदि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) इकाइयों में निवेश को बेचने से अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं होता है, तो 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर वित्तीय वर्ष 1977-78 की 8 प्रतिशत की ब्याज दर के बाद से सबसे कम होगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की निवेश प्रणाली
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने संपूर्ण कोष का उपयोग ऋण विलेखों (Debt Instruments) और इक्विटी में निवेश करके आय अर्जित करने के लिये करता है। अनुमान के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का कुल कोष तकरीबन 13-14 लाख करोड़ रुपए था।
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने 15 प्रतिशत कोष को इक्विटी में निवेश करता है, जबकि यह शेष कोष को ऋण विलेखों में निवेश करता है।
- ऋण विलेखों में इतने अधिक निवेश का कारण है कि यह संगठन को काफी अधिक आय अर्जित करने में मदद करता है, जबकि इक्विटी के साथ शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिम होते हैं।
प्रभाव
- कई जानकारों का मानना है कि यदि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा ब्याज दर में कमी की जाती है, तो कई सदस्य अपना पैसा वापस निकालने पर विचार कर सकते हैं और यदि ऐसा होता है तो संगठन को अधिक वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
- हालाँकि वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि हमे EPFO से केवल तभी पैसे निकालने चाहिये, जब हमें उनकी आवश्यकता हो। ध्यातव्य है कि भारत में EPFO में किये जाने वाले निवेश को सेवानिवृत्ति के बाद उपलब्ध एक विकल्प के रूप में देखा जाता है।
EPFO से पैसे निकालने संबंधी नियम
- नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति यदि दो माह से अधिक समय तक बेरोज़गार रहता है तो वह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से अपनी पूरी राशि प्राप्त कर सकता है।
- इसके अलावा एक व्यक्ति होम लोन के मूल धन को चुकाने, चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति, घर का नवीनीकरण, घर के नवीनीकरण, शादी और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिये अपनी निवेश की गई राशि वापस ले सकता है।
- विदित हो कि होम लोन के मूल धन के भुगतान के लिये राशि निकलने हेतु आवश्यक है कि उस व्यक्ति ने अपनी पाँच वर्ष की सेवाएँ पूरी की हों।
- नियमों के मुताबिक यदि किसी के पास दो माह से रोज़गार नहीं है और वह भविष्य निधि (PF) से अपना धन वापस निकलता है तो उसे किसी भी प्रकार का कर भुगतान नहीं करना पड़ेगा वहीं यदि कोई व्यक्ति निरंतर पाँच वर्ष तक कार्यावधि पूरी करने के पश्चात् भविष्य निधि (PF) से पैसे निकालता है तो भी उसे किसी प्रकार का कर भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
- हालाँकि, यदि कोई पाँच वर्ष की सेवा पूरी करने से पहले अपना धन वापस लेता है, तो उसे 10 प्रतिशत की दर से TDS का भुगतान करना पड़ेगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) विश्व के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक सेवानिवृत्ति निधि निकाय है जो भारत में सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करता है।
- यह संगठन सदस्य कर्मचारियों की भविष्य निधि और पेंशन खातों का प्रबंधन करता है तथा कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 को लागू करता है।
- यह संगठन श्रम और रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रशासित है। सदस्यों और वित्तीय लेन-देन के मामले में यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन है।