फसल कटाई का मौसम और COVID-19 लॉकडाउन | 08 Apr 2020
प्रीलिम्स के लिये:गैर-काष्ठ वन उत्पाद, COVID-19, मेन्स के लिये:COVID-19 का कृषि विपणन पर प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
COVID-19 के कारण भारत में लॉकडाउन से चावल का निर्यात तथा ओडिशा का गैर-काष्ठ वन उत्पाद (Non Timber Forest Products-NTFP) प्रभावित हुआ है।
गैर-काष्ठ वन उत्पाद
(Non Timber Forest Products):
- ओडिशा के आदिवासी मार्च-जून महीने के दौरान NTFP को एकत्र करते हैं।
- NTFP प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले ऐसे उत्पाद हैं जो एक विशेष मौसम पर निर्भर होते हैं। आदिवासी मार्च-जून महीने के दौरान कुल वार्षिक आय का 60-80% कमाते हैं।
- गर्मी के मौसम में एकत्रित प्रमुख गैर-काष्ठ वन उत्पादों में जंगली शहद, इमली, आम, तेंदू पत्ता, साल के पत्ते, महुआ के बीज, नीम के बीज, करंज के बीज, महुआ के फूल और तेजपत्ता इत्यादि शामिल हैं।
- ओडिशा के NTFP का कुल बाज़ार 5000 करोड़ रुपए का है।
- NTFP की बिक्री न होने से प्रभावित व्यक्ति:
- NTFP से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ओडिशा में लगभग 10 मिलियन तथा पूरे देश में 275 मिलियन लोग जुड़े हैं।
- सुझाव:
- ओडिशा सरकार को वन धन विकास केंद्र योजना (Van Dhan Vikash Kendra scheme) के तहत संग्रह केंद्रों को तुरंत स्थापित और सुचारु रूप से संचालन करना चाहिये।
- वन धन विकास केंद्रों का उद्देश्य, ‘लघु वन उत्पाद’ (Minor Forest Produce-MFP) के संग्रह में शामिल आदिवासियों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहिये।
- आदिवासी विकास सहकारी निगम ओडिशा (Tribal Development Co-operative Corporation of Odisha), जो आदिवासी उत्पादों के विपणन की सुविधा प्रदान करता है, को आदिवासियों से संबंधित मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिये।
चावल के निर्यात में बाधा:
- COVID-19 के मद्देनज़र तथा जहाज़ों के आवागमन न होने के कारण भारतीय व्यापारियों ने चावल का निर्यात रोक दिया है।
- भारत में लॉकडाउन के कारण परिवहन सुविधा बाधित है।
- मार्च-अप्रैल के दौरान भारत में लॉकडाउन के कारण बंदरगाहों पर लगभग 5 लाख टन चावल रखे गए हैं।
- भारत के निर्यात में चार से पाँच गुना की गिरावट दर्ज की गई है।
- भारतीय चावल निर्यात में बाधा के कारण थाईलैंड जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों ने चावल के कीमतों में भारी वृद्धि की है।
नोट:
- भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, नेपाल, बेनिन और सेनेगल को गैर-बासमती चावल तथा ईरान, सऊदी अरब और इराक को प्रीमियम बासमती चावल निर्यात करता है।
श्रम समस्या:
- COVID-19 से निपटने हेतु भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण मज़दूरों की भारी कमी से फसलों की कटाई प्रभावित हुई है।
- COVID-19 से भयभीत होकर अधिकांश मज़दूर अपने गाँव लौट गए हैं।
- किसानों को चिंता है कि मज़दूरों की कमी के कारण यांत्रिक हार्वेस्टर को खेतों तक पहुँचाना मुश्किल है।
- उपलब्ध ट्रकों की संख्या कम होने के कारण किसान अपने उत्पाद को बाज़ार ले जाने में सक्षम नही है।