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शासन व्यवस्था

हर घर जल

  • 20 Aug 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हर घर जल, ग्राम सभा, जल जीवन मिशन, ग्राम पंचायत, ग्राम जल और स्वच्छता समिति (VWSC), कार्यात्मक नल कनेक्शन (FHTC), संसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY)।

मेन्स के लिये:

जल जीवन मिशन का प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, गोवा तथा दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव देश में क्रमशः पहले 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बन गए।

  • सभी गाँवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गाँव को हर घर जल घोषित किया है, जिसमें यह प्रमाणित किया गया है कि गाँवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
  • गोवा के सभी 378 गाँवों और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के 96 गाँवों में ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) या जल समिति का गठन किया गया है।
    • यह 'हर घर जल' कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढाँचे के संचालन, रखरखाव और मरम्मत के लिये ज़िम्मेदार है।

जल जीवन मिशन:

  • परिचय:
    • जल जीवन मिशन जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में हर घर के लिये नल से जल की पहुँच सुनिश्चित करना है।
    • जल जीवन मिशन की परिकल्पना ग्रामीण भारत के सभी घरों में वर्ष 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिये की गई है।
    • कार्यक्रम अनिवार्य तत्त्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा, जैसे कि भू-जल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग।
    • जल जीवन मिशन जल के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा।
      • मिशन में प्रमुख घटकों के रूप में सूचना, शिक्षा और संचार शामिल होंगे।
      • मिशन का उद्देश्य जल के लिये एक जन आंदोलन बनाना है, जो इसे हर किसी की प्राथमिकता बनाता है।
      • इसके अलावा, हर घर नल से जल कार्यक्रम की घोषणा वित्त मंत्री ने वर्ष 2019-20 के बजट में की थी।
        • यह जल जीवन मिशन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
        • कार्यक्रम का उद्देश्य स्रोत स्थिरता उपायों को अनिवार्य तत्वों के रूप में लागू करना है, जैसे कि भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग।
  • मिशन:
    • सहायता, सशक्तिकरण और सुविधा प्रदान करने के लिये:
      • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रत्येक ग्रामीण परिवार और सार्वजनिक संस्थान के लिये दीर्घकालिक आधार पर पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ग्रामीण जलापूर्ति रणनीति की योजना बना रहे हैं।
      • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जलापूर्ति के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिये ताकि वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में कार्यात्मक नल कनेक्शन (FHTC) हो और नियमित आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता में जल उपलब्ध हो।
      • ग्राम पंचायतों (GPs)/ग्रामीण समुदायों अपने गाँव में जलापूर्ति प्रणाली की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, स्वामित्व, संचालन और रखरखाव करेंगे।
      • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उपयोगिता दृष्टिकोण को बढ़ावा देकर सेवा वितरण और क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने वाले मज़बूत संस्थानों को विकसित करना होगा।
        • हितधारकों के क्षमता निर्माण को और बढ़ाना एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु जल के महत्त्व पर समुदाय में जागरूकता विस्तार करना।
  • उद्देश्य:
    • प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक नल कनेक्शन (FHTCs) प्रदान करना।
    • गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखाग्रस्त और रेगिस्तानी क्षेत्रों के गाँवों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) गाँवों आदि में FHTCs के प्रावधान को प्राथमिकता देना।
    • स्कूलों, आँगनबाडी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, आरोग्य केंद्रों और सामुदायिक भवनों को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना,
    • नल कनेक्शन की कार्यक्षमता की निगरानी करना।
    • नकद, वस्तु और/या श्रम, और स्वैच्छिक श्रम (श्रमदान) में योगदान के माध्यम से स्थानीय समुदाय के बीच स्वैच्छिक स्वामित्व को बढ़ावा देना और सुनिश्चित करना,
    • जल आपूर्ति प्रणाली, यानी जल स्रोत, जल आपूर्ति बुनियादी ढाँचे की स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायता करना।

नोट: बजट 2021-22 में, सतत् विकास लक्ष्य- 6 के अनुसार सभी वैधानिक कस्बों में कार्यात्मक नलों के माध्यम से सभी घरों में जल आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने के लिये आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा की गई है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):

प्रिलिम्स के लिये:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. भारत के 36% ज़िलों को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) द्वारा "अतिदोहित" या "गंभीर" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  2. CGWA का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत किया गया था।
  3. भारत में भूजल सिंचाई के तहत दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: b

व्याख्या:

  • भू-जल स्तर के आधार पर, देश भर के क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है: अति-शोषित, गंभीर और कम गंभीर। अति-शोषित स्थिति में भूजल का पुनर्भरण दर की तुलना में अधिक दर (100 प्रतिशत से अधिक) से भूजल का दोहन किया जा रहा है। गंभीर स्थिति में भूजल दोहन पुनर्भरण का 90-100 प्रतिशत है और कम गंभीर स्थिति में भूजल दोहन पुनर्भरण 70-90 प्रतिशत है।
  • भारत के गतिशील भूजल संसाधनों पर राष्ट्रीय संकलन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 देश में कुल 6881 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉकों/मंडलों/तालुकाओं) में से विभिन्न राज्यों (17%) में 1186 इकाइयों को अतिशोषित, 313 इकाइयों ( 5%) को गंभीर और 972 इकाइयों(14%) को कम गंभीर के रूप में वर्गीकृत किया गया है हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • नोट: भारत के गतिशील भूजल संसाधनों पर राष्ट्रीय संकलन 2020 के अनुसार; देश में कुल 6965 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉक/मंडल/तालुका) में से, 16% को 'अति-शोषित, 4% गंभीर, 15% कम गंभीर और 64%' को 'सुरक्षित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनके अलावा, 97 (1%) मूल्यांकन इकाइयाँ ऐसी हैं, जिन्हें 'सलाइन' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण (CGWA) का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3 (3) के तहत भूजल संसाधनों के विकास और प्रबंधन को विनियमित और नियंत्रित करने के लिये किया गया था। अत: कथन 2 सही है।
  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत (39 मिलियन हेक्टेयर), चीन (19 मिलियन हेक्टेयर) और संयुक्त राज्य अमेरिका (17 मिलियन हेक्टेयर) में भूजल के साथ सिंचाई के लिये सबसे अधिक क्षेत्रफल वाले देश हैं। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (b) सही है।


मेन्स:

प्रश्न. जल तनाव क्या है? यह भारत में क्षेत्रीय रूप से कैसे और क्यों भिन्न है? (2019)

स्रोत:पी.आई.बी.

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