ReITs एवं InvITs से संबंधित दिशा-निर्देश | 22 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

ReIT, InvITs, SEBI

मेन्स के लिये:

SEBI एवं प्रतिभूति बाज़ार, REITs तथा InvITs का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Security Exchange Board of India- SEBI) ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (Real Estate Investment Trust- ReIT) और बुनियादी ढाँचा निवेश ट्रस्ट (Infrastructure Investment Trust- InviTs) द्वारा सूचीबद्ध इकाइयों के अधिकारों के मुद्दों (Rights Issue) से संबंधित दिशा-निर्देशों की घोषणा की है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • 17 जनवरी को SEBI ने REITs और InvITs के लिये दो अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
  • ध्यातव्य है कि इससे पहले नवंबर 2019 में SEBI ने REITs द्वारा सूचीबद्ध इकाइयों के अधिमान्य मुद्दों (Preferential Issue) और संस्थागत प्लेसमेंट (Institutional Placement) के लिये निर्देश जारी किए थे।
  • SEBI के अनुसार, राइट्स जारीकर्त्ता को संबंधित दस्तावेज़ में पार्टी से संबंधित लेनदेन, मूल्यांकन, वित्तीय विवरण, क्रेडिट रेटिंग की समीक्षा और शिकायत निवारण तंत्र से संबंधित वस्तुओं का खुलासा करना होगा।
  • SEBI के अनुसार, मूल्य निर्धारण के संबंध में लीड मर्चेंट बैंकर (Lead Merchant Banker) के परामर्श से REITs और InvITs की ओर से निवेश प्रबंधक द्वारा रिकॉर्ड तिथि (Record Date) की घोषणा करने से पहले निर्गम मूल्य तय किया जाएगा।
  • अधिकार पत्र (Rights Issues) में ऑफर लेटर के जरिये प्राप्त होने वाली न्यूनतम सदस्यता इश्यू साइज का 90 प्रतिशत होनी चाहिये।
  • इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, ReITs या InvITs की ओर से मर्चेंट बैंकर को रिकॉर्ड तिथि की घोषणा से कम से कम तीन कार्य दिवसों से पहले स्टॉक एक्सचेंजों को रिकॉर्ड तिथि की घोषणा करनी चाहिये। रिकॉर्ड तिथि की घोषणा के बाद InvIT और REIT अपने राइट इश्यू को वापस नहीं ले सकते हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट

(Infrastructure Investment Trust-InvIT):

  • InvIT म्यूचुअल फंड की तरह एक सामूहिक निवेश योजना है|
  • म्यूचुअल फंड इक्विटी शेयरों में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं, जबकि InvIT सड़क और बिजली जैसी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में निवेश की अनुमति देता है।
  • InvIT को सेबी (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) विनियमन, 2014 द्वारा विनियमित किया जाता है।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट

(Real Estate Investment Trust-ReIT):

  • ReITs अचल संपत्ति से जुड़ी प्रतिभूतियाँ हैं और सूचीबद्ध होने के बाद इनका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है।
  • ReITs की संरचना एक म्यूचुअल फंड के समान है। म्यूचुअल फंड की तरह ही ReITs में प्रायोजक, ट्रस्टी, फंड मैनेजर और यूनिट धारक होते हैं।
  • हालाँकि म्यूचुअल फंड के माध्यम से अंतर्निहित संपत्ति, बॉण्ड, स्टॉक और सोना में निवेश किया जाता है, जबकि ReITs में भौतिक अचल संपत्ति (Physical Real Estate) में निवेश किया जाता है।
  • इस प्रणाली में आय-उत्पादक रियल एस्टेट से एकत्र किये गए धन को यूनिट धारकों के बीच वितरित किया जाता है। इसके साथ ही किराये और पट्टों से होने वाली नियमित आय के अलावा अचल संपत्ति से लाभ भी यूनिट धारकों के लिये एक आय का माध्यम बनता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI):

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके मुख्य कार्य हैं -
    • प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना
    • प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस