भारतीय अर्थव्यवस्था
GST परिषद की 38वीं बैठक
- 21 Dec 2019
- 8 min read
प्रीलिम्स के लिये:
GST परिषद, परिषद् में मतदान एवं कार्य
मेन्स के लिये:
GST, GST परिषद से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2019 को GST परिषद (GST council) की 38वीं बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें सभी लॉटरी (राज्य द्वारा संचालित या राज्य द्वारा अधिकृत किंतु निजी संस्था द्वारा संचालित) पर कर की 28% की एक समान दर को मंजूरी दे दी है।
- कर की यह दर 1 मार्च, 2020 से लागू होगी। यह बैठक इस कारण भी अत्यंत चर्चा का विषय है क्योंकि पहली बार GST परिषद में किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिये मतदान करना पड़ा। ध्यातव्य है कि इसके पहले GST परिषद द्वारा लिये गए सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये जाते थे।
बैठक से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:
- लॉटरी के संबंध में कर की दर 28% करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित नहीं हो सका इसलिये GST इतिहास में पहली बार किसी विषय पर मतदान किया गया। गौरतलब है कि केरल के वित्त मंत्री के प्रस्ताव पर इस प्रस्ताव को मतदान के लिये रखा गया जिसे 21-7 के मतों से पारित किया गया। ध्यातव्य है की इससे पहले लॉटरी के संदर्भ में दोहरी दर व्यवस्था थी, राज्य द्वारा संचालित लॉटरी पर 12% तथा राज्य द्वारा अधिकृत किंतु निजी संस्थाओं द्वारा संचालित लॉटरी पर 28% की दर से कर का प्रावधान था।
- जिन करदाताओं ने जुलाई, 2017 से नवंबर, 2019 तक का GSTR-1 (GST Return- 1) दाखिल नहीं किया है और यदि वे 10 जनवरी, 2020 तक रिटर्न दाखिल करते हैं तो उनका विलंब भुगतान शुल्क माफ कर दिया जाएगा किंतु यदि वे समयसीमा में रिटर्न दाखिल नहीं करते है तो उनके ई-वे बिल भी ब्लाक कर दिया जाएगा।
- परिषद ने वर्ष 2017-18 के लिये वार्षिक रिटर्न GSTR-9 और GSTR-9(c) की अंतिम तिथि को भी 31 दिसंबर, 2019 से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2020 कर दिया है।
- जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए कर भुगतान की समय सीमा नवंबर से बढ़ाकर वर्ष के अंत तक कर दी गई है।
- औद्योगिक पार्कों की स्थापना को सरल बनाने के उद्देश्य से परिषद ने केंद्र व राज्य सरकारों के 20% स्वामित्व वाली सभी संस्थाओं को 1 जनवरी, 2020 से दीर्घकालिक भूमि पट्टों में GST से छूट प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले केवल 50% सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को ही यह छूट प्रदान की जाती थी ।
- परिषद ने बुने हुए और बिना बुने हुए बैग पर 1 जनवरी, 2020 से 18% की दर से GST लगाने का प्रावधान किया है।
GST के संदर्भ में राज्यों की चिंताएँ :
- कर राजस्व में कमी वर्तमान में आर्थिक मंदी और न्यूनतम खपत के समय व्यापक चिंता का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि पहले आठ महीनों में GST संग्रह के लक्ष्य का केवल 50% व क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह के लक्ष्य का केवल 60% ही संग्रहीत किया गया है।
- GST क्षतिपूर्ति में देरी राज्यों के लिये चिंता का विषय है। GST लागू करते समय राज्यों को 5 वर्षों तक क्षतिपूर्ति देने का आश्वासन दिया गया था। राज्यों द्वारा प्रायः यह शिकायत की जाती है कि केंद्र सरकार फंड होने के बावजूद राज्यों को पैसा नही देती है।
GST परिषद के बारे में :
- यह वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax- GST) से संबंधित मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को सिफारिश करने के लिये एक संवैधानिक निकाय है।
- 101वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 279A(1) में GST परिषद का प्रावधान किया गया है।
- सदस्य- सभी 28 राज्यों एवं तीन संघ-शासित क्षेत्रों ( दिल्ली, पुद्दुच्चेरी और जम्मू-कश्मीर) के वित्त मंत्री या राज्य सरकार द्वारा निर्वाचित कोई अन्य मंत्री अर्थात कुल मिलाकर 31 सदस्य होते हैं।
- GST परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं।
- यह एक संघीय निकाय के रूप में माना जाता है जहाँ केंद्र और राज्यों दोनों को उचित प्रतिनिधित्व मिलता है।
GST परिषद की मतदान प्रणाली :
- GST परिषद का प्रत्येक निर्णय उपस्थित और मतदान के 75% भारित बहुमत (तीन चौथाई बहुमत) होने के बाद ही लिया जाता है।
- भारित बहुमत का सिद्धांत- केंद्र सरकार का मान एक तिहाई वोट माना जाता है। सभी राज्य सरकारों का एक साथ मिलकर कुल मान दो-तिहाई वोट माना जाता है।
GST परिषद के कार्य :
GST परिषद् का कार्य निम्नलिखित विषयों पर केंद्र और राज्यों की सिफारिश करना है -
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले कर, उपकर तथा अधिशुल्क; जिन्हें GST के अंतर्गत समाहित किया जा सके
- ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ, जिन्हें GST के अधीन या उससे छूट प्रदान की जा सके
- आदर्श GST कानून, उद्ग्रहण के सिद्धांत, IGST का बँटवारा और आपूर्ति के स्थान को प्रशासित करने वाले सिद्धांत
- वह सीमा रेखा, जिसके नीचे वस्तु और सेवा के टर्नओवर को GST से छूट प्रदान की जा सके
- वह दिनांक, जबसे कच्चे तेल, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), प्राकृतिक गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर GST वसूला जा सके
- किसी भी प्राकृतिक आपदा या विपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन इकट्ठा करने हेतु किसी विशेष अवधि के लिये कोई विशेष दर या दरें
- उत्तर-पूर्वी एवं पर्वतीय राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के संबंध में विशेष प्रावधान
- GST परिषद द्वारा यथा निर्णय एवं GST से संबंधित कोई अन्य मामला, जिस पर परिषद निर्णय ले सकती है।