लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भारतीय अर्थव्यवस्था

वित्तीय समावेशन को रोकने वाले कारक

  • 06 May 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स और बैंकर्स ने उन मुद्दों को उठाया जिनके कारण देश में वित्तीय समावेशन में बाधा आ रही है।

प्रमुख बिंदु

  • कई बैंक आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (Aadhar enabled payment system- AePS) आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को लागू नहीं कर रहे हैं जिस कारण नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
  • जन-धन खातों और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक खातों की पहचान केंद्रीयकृत कोर बैंकिंग प्रणाली के सामान्य IFSC के माध्यम से नहीं हो प् रही है। अत: सरकार द्वारा प्रदत्त लाभ इन खातों को नहीं मिल पा रहा है, साथ ही खातों से जुडी किसी भी सेवा पर वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाता है।
  • सरकार द्वारा प्रस्तावित शुल्क का भुगतान बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स को नहीं किया जा रहा है। इस कारण वित्तीय समावेशन में बाधा पहुँच रही है।
  • बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स
  • बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत ऐसे एजेंट्स हैं जो दूर-दराज़ के क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं और एटीएम के अलावा वित्तीय सेवा प्रदान करते हैं।
  • बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स कम लागत पर सीमित श्रेणी की बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिये बैंकों को सक्षम बनाते हैं, इस प्रकार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता हैं।

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (Aadhaar enabled Payment System- AePS )

बैंक, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के अंतर्गत खातों को आधार से जोड़ता है तथा बुनियादी सेवाओं के लिये आधार संख्या एवं बायोमेट्रिक डेटा उपयोग करने की अनुमति देता है।

उद्देश्य

  • बुनियादी बैंकिंग गतिविधियों के लिये आधार कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देना
  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना
  • खुदरा लेनदेन में डिजिटलीकरण को बढ़ाना
  • केन्द्रीयकृत बैंकिंग प्रणाली में समन्वय को बढ़ावा देना, इत्यादि।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer (DBT)

  • मूल रूप से यह योजना उस धन का दुरुपयोग रोकने के लिये है, जिसे किसी भी सरकारी योजना के लाभार्थी तक पहुँचने से पहले ही बिचौलिये तथा अन्य भ्रष्टाचारी हड़पने की जुगत में रहते हैं।
  • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से जुड़ी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसी बिचौलिये का कोई काम नहीं है और यह योजना सरकार तथा लाभार्थियों के बीच सीधे चलाई जा रही है।
  • इस योजना के तहत केंद्र सरकार लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में कर देती है। साथ ही लाभार्थियों को भुगतान उनके आधार कार्ड के ज़रिये किया जाता है।

ज्ञातव्य है कि सितंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार को बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है।

आगे की राह

  • बैंकों द्वारा बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स को उचित प्रोत्साहन देने एवं निगरानी करने की आवश्यकता है। उन्हें वे सभी सुविधाएँ और उपकरण प्रदान किये जाने चाहिये जिनकी उन्हें आवश्यकता है।
  • उपलब्ध सुविधाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से दूर-दराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2