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ग्रीस यूरोज़ोन के बेलआउट से बाहर निकला
- 21 Aug 2018
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चर्चा में क्यों?
ग्रीस नौ साल तक उधारदाता के आदेशों को मानने की बाध्यता और यूरोपीय संस्थानों के नियमों का पालन करते हुए हाल ही में आर्थिक इतिहास के सबसे बड़े बेलआउट से बाहर निकल गया।
प्रमुख बिंदु
- ग्रीस की यह निकासी एक सफलता के तौर पर देखी जा सकती है लेकिन ग्रीकवासियों के लिये यह अत्यंत हर्षदायक नहीं कही जा सकती है क्योंकि ग्रीस के आर्थिक संकट का असर देश पर लंबे समय तक रहेगा।
- इस निकासी को ग्रीस के लिये मील का पत्थर कहा जा सकता है हालाँकि कर्ज के बोझ तले दबे यूरोज़ोन के इस सदस्य को अब वित्तीय जीवन रेखा की आवश्यकता नहीं होगी।
- यह वित्तीय जीवन रेखा पिछले एक दशक में उधारदाताओं द्वारा तीन बेहद अहम मौकों पर पेश की गई थी और इससे उबरते हुए देश को अब खुद का समर्थन करने की आवश्यकता होगी।
संकट से बाहर निकलना
- ग्रीस अब अपने कर्ज़ को पुनर्वित्त प्रदान करने के लिये आधिकारिक तौर पर एक बड़े संकट को पीछे छोड़कर बॉण्ड बाज़ारों का सहारा ले सकेगा। इस संकट ने ग्रीस की अर्थव्यवस्था को एक-चौथाई तक कम कर दिया और कई लोगों को गरीबी की ओर धकेल दिया।
- 2010 की शुरुआत से ग्रीस अपने यूरोज़ोन भागीदारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दिये गए 260 बिलियन यूरो (300 बिलियन डॉलर) से अधिक के ऋण पर निर्भर रहा है।
- यूरोज़ोन के बेलाउट फंड, यूरोपीय स्थिरता तंत्र (ईएसएम) ने विश्वास व्यक्त किया कि ग्रीस अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सुरक्षा जाल के बिना वित्तीय प्रबंधन कर सकता है।