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शासन व्यवस्था

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)

  • 13 Oct 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वायु गुणवत्ता सूचकांक, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण 

मेन्स के लिये:

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की विभिन्न श्रेणियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बताया है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की "बहुत खराब" एवं "गंभीर" श्रेणी के तहत शामिल उपाय 48 घंटे के दौरान वायु की गुणवत्ता और भी दूषित व निर्धारित स्तर से अधिक होने पर लागू होंगे। 

प्रमुख बिंदु

  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):
    • परिचय: 
      • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वायु गुणवत्ता के संबंध में एमसी मेहता बनाम भारत संघ (2016) के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, विभिन्न वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के तहत कार्यान्वयन के लिये एक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है।इन्हें मुख्य  श्रेणियों में अर्थात् औसत से खराब, बहुत खराब और गंभीर  श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
        • इसमें "गंभीर + या आपातकाल" की एक नई श्रेणी जोड़ी गई है।
      • इस योजना को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया था।
      • इसने वायु की गुणवत्ता खराब होने पर किये जाने वाले उपायों को संस्थागत रूप दिया।
        • यह योजना प्रकृति में वृद्धिशील है,  इसलिये जब वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बहुत खराब' की ओर बढ़ती है, तो दोनों वर्गों के तहत सूचीबद्ध उपायों का पालन किया जाना चाहिये।
        • यह PM10 और PM2.5 स्तरों को 'मध्यम' राष्ट्रीय AQI श्रेणी से आगे जाने से रोकता है।
    • कार्यान्वयन:
      • वर्ष 2020 तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) राज्यों को GRAP उपायों को लागू करने का आदेश देता था।
      • EPCA को भंग कर वर्ष 2020 में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा इसे प्रतिस्थापित किया गया था।
        • CAQM अंतर्निहित उपचारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु विविध प्रयासों के समन्वय और निगरानी के लिये एक वैधानिक तंत्र है।

श्रेणी

परिवेशी कण पदार्थ (PM)

मानक

औसत से खराब

  • PM2.5, 61-120 µg/घन मीटर 
  • PM10, 101-350µg/घन मीटर
  • थर्मल पावर प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लागू करना।
  • सड़कों पर मशीन द्वारा सफाई।
  • पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध लागू करना।
  • कचरा जलाने पर प्रतिबंध।

बहुत खराब

  • PM2.5 ,121-250 µg/घन मीटर
  • PM10, 351-430 µg/घन मीटर
  • डीज़ल जनरेटर सेट का उपयोग बंद करना।
  • बस और मेट्रो सेवाओं में वृद्धि एवं मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति में वृद्धि।
  • होटल और खुले में स्थित भोजनालयों में कोयले/जलाऊ लकड़ी का उपयोग बंद करना।

गंभीर

  • PM 2.5, 250 µg/घन मीटर से अधिक
  •  PM10, 430µg/घन मीटर से अधिक।
  • सड़क की लगातार मशीनीकृत सफाई और पानी का छिड़काव करना।
  • ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को बंद करना।
  • बदरपुर पावर प्लांट बंद करना।
  • अलग-अलग दरों वाले सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना।

गंभीर+ या आपातकाल

  • PM2.5 ,300 µg/घन मीटर से अधिक 
  •  PM10, 500µg/घन मीटर से अधिक 

( 48 घंटे या उससे अधिक समय तक स्थिर स्थिति)

  • दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद (आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर)।
  • निर्माण कार्य बंद।
  • निजी वाहनों के लिये विषम/सम योजना का प्रारंभ।
  • स्कूलों को बंद करना।
  • अन्य उपाय:
    • पर्यावरण संरक्षण शुल्क (EPC): 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली और एनसीआर में 2000cc एवं उससे अधिक के डीज़ल कारों की बिक्री पर 1% का EPC लगाया।
    • पर्यावरण मुआवज़ा शुल्क (ECC): वर्ष 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर ईसीसी लगाया।

स्रोत: द हिंदू

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