सरकार ने 328 FDC दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर लगाया प्रतिबंध | 13 Sep 2018
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से 328 निश्चित खुराक संयोजन (Fixed Dose Combination- FDC) के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही मंत्रालय ने 6 FDC के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण को भी कुछ शर्तों के साथ प्रतिबंधित कर दिया है। FDC दो या दो से अधिक दवाओं का निश्चित अनुपात में संयोजन है जिसे एक खुराक के रूप में दिया जाता है।
विशेषज्ञ समिति और दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर लिया गया फैसला
- केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति और दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (Drugs Technical Advisory Board- DTAB) द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि देश में मानव उपयोग के उद्देश्य से इन 328 FDC के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर त्वरित प्रतिबंध लगाना जनहित में आवश्यक है।
- तदनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए 7 सितंबर, 2018 को अपनी गजट (राजपत्र) अधिसूचनाओं के ज़रिये मानव उपयोग के उद्देश्य से 328 FDC के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ 6 FDC के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
- ये अधिसूचनाएँ तत्काल प्रभावी हो गई हैं।
15 FDC को वर्तमान अधिसूचनाओं से रखा गया बाहर
- 10 मार्च, 2016 को प्रतिबंधित किये गए 344 FDC, जिनके बारे में दावा किया गया कि 21 सितंबर, 1988 से पहले इनका उत्पादन होता था, में से 15 FDC को वर्तमान अधिसूचनाओं के दायरे से बाहर रखा गया है।
इससे पहले भी लगा प्रतिबंध
- इससे पूर्व केंद्र सरकार ने भारत के राजपत्र में 10 मार्च, 2016 को प्रकाशित अपनी अधिसूचनाओं के माध्यम से औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत मानव उपयोग के उद्देश्य से 344 FDC के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- इसके बाद सरकार ने समान प्रावधानों के तहत 344 FDC के अलावा पाँच और FDC को प्रतिबंधित कर दिया था।
दवा निर्माताओं ने सरकार के निर्णय को दी थी चुनौती
- सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से प्रभावित उत्पादकों अथवा निर्माताओं ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में इस निर्णय को चुनौती दी थी।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 दिसंबर, 2017 को सुनाए गए अपने फैसले में दिये गए निर्देशों का पालन करते हुए इस मसले पर दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (इसका गठन औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 5 के तहत हुआ था) द्वारा गौर किया गया।
दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिश
- दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने इन दवाओं पर अपनी रिपोर्ट में अन्य बातों के अलावा यह सिफारिश भी की कि 328 FDC में निहित सामग्री का कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है और इन FDC से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुँच सकता है।
- बोर्ड ने सिफारिश की कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत व्यापक जनहित में इन FDC के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।
- 6 FDC के बारे में बोर्ड ने सिफारिश की कि इनके चिकित्सकीय औचित्य के आधार पर कुछ शर्तों के साथ इनके उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया जाए।
सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिश
- केंद्र सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने भी इन FDC पर गौर किया था और उसके बाद सिफारिशें पेश की थीं जो बोर्ड द्वारा की गई उपर्युक्त सिफारिशों के अनुरूप ही थीं।